भारत की नदियाँ
No:1. नदी भूतल पर प्रवाहित एक
जलधारा है जिसका स्रोत प्रायः कोई झील, हिमनद, झरना या बारिश का पानी
होता है तथा किसी सागर अथवा झील में गिरती है।
No:2. नदी शब्द संस्कृत के
नद्यः से आया है।
No:3. नदी दो प्रकार की होती
है. सदानीरा या बरसाती।
No:4. सदानीरा नदियों का स्रोत
झील, झरना अथवा हिमनद होता है
और वर्ष भर जलपूर्ण रहती हैं, जबकि बरसाती नदियाँ बरसात के पानी पर निर्भर करती हैं।
गंगा, यमुनाए कावेरी, ब्रह्मपुत्र आदि सदानीरा
नदियाँ हैं।
Rivers of India
No:1. भारत की नदियों का देश के
आर्थिक एवं सांस्कृतिक विकास में प्राचीनकाल से ही महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
No:2. सिन्धु तथा गंगा नदियों
की घाटियों में ही विश्व की सर्वाधिक प्राचीन सभ्यताओं सिन्धु घाटी तथा आर्य
सभ्यता का आर्विभाव हुआ।
No:3. आज भी देश की सर्वाधिक
जनसंख्या एवं कृषि का संकेन्द्रण नदी घाटी क्षेत्रों में पाया जाता है।
No:4. प्राचीन काल में
व्यापारिक एवं यातायात की सुविधा के कारण देश के अधिकांश नगर नदियों के किनारे ही
विकसित हुए थे तथा आज भी देश के लगभग सभी धार्मिक स्थल किसी न किसी नदी से सम्बद्ध
है।
No:5. नदियों के देश कहे जाने
वाले भारत में मुख्यतः हिमालय से निकलने वाली नदियाँ(सिंधु, गंगा, ब्रह्मपुत्र), प्रायद्वीपीय नदी(नर्मदा, कावेरी, महानदी) प्रणाली है।
हिमालय से निकलने वाली नदियाँ
No:1. हिमालय से निकलने वाली
नदियाँ बर्फ़ और ग्लेशियरों( हिमानी या हिमनद) के पिघलने से बनी हैं अत: इनमें
पूरे वर्ष के दौरान निरन्तर प्रवाह बना रहता है।
No:2. हिमालय की नदियों के
बेसिन बहुत बड़े हैं एवं उनके जलग्रहण क्षेत्र सैकड़ों-हजारों वर्ग किमी. में फैले
हैं।
No:3. हिमालय की नदियों को तीन
प्रमुख नदी-तंत्रों में विभाजित किया गया है।
No:4. सिन्धु नदी-तंत्र, गंगा नदी-तंत्र तथा
ब्रह्मपुत्र नदी-तंत्र। इन तीनों नदी-तंत्रों का विकास एक अत्यन्त विशाल नदी से
हुआ, जिसे ‘शिवालिक’ या हिन्द-ब्रह्म नदी भी
कहा जाता था।
No:5. यह नदी ओसम से पंजाब तक
बहती थी।
No:6. प्लीस्टोसीन काल में जब ‘पोटवार पठार का उत्थान’ हुआ तो यह नदी
छिन्न-भिन्न हो गई एवं वर्तमान तीन नदी तंत्रों में बंट गई। इस संबंध में भूगर्भ
वैज्ञानिकों के मत एक नहीं है।
सिन्धु नदी-तंत्र
No:1. इसके अन्तर्गत सिन्धु एवं
उसकी सहायक नदियां सम्मिलित है।
No:2. सिन्धु तिब्बत के
मानसरोवर झील के निकट ‘चेमायुंगडुंग’ ग्लेशियर से निकलती है।
No:3. यह 2,880 किमी. लम्बी है। भारत
में इसकी लम्बाई 1,114 किमी.(पाक अधिकृत सहित, केवल भारत में 709 किमी.) है।
No:4. इसका जल संग्रहण क्षेत्र 11.65 लाख वर्ग किमी. है।
सहायक नदियां
No:1. दायीं ओर से मिलने वाली -
श्योक, काबुल, कुर्रम, गोमल।
No:2. बायीं ओर से मिलने वाली -
सतलज, व्यास, रावी, चिनाब एवं झेलम की
संयुक्त धारा(मिठनकोट के पास) तथा जास्कर, स्यांग, शिगार, गिलगिट।
No:3. 1960 में हुए ‘सिन्धु जल समझौते’ के अन्तर्गत भारत सिन्धु
व उसकी सहायक नदियों में झेलम और चेनाब का 20 प्रतिशत जल उपयोग कर
सकता है जबकि सतलज, रावी के 80 प्रतिशत जल का उपयोग कर
सकता है।
No:4. सिन्धु नदी भारत से होकर
तत्पश्चात् पाकिस्तान से हो कर और अंतत: कराची के निकट अरब सागर में मिल जाती
है।
झेलम नदी
No:1. यह पीरपंजाल पर्वत की
श्रेणी में शेषनाग झील के पास वेरीनाग झरने से निकलती है और बहती हुई वूलर झील में
मिलती है और अंत में चिनाब नदी में मिल जाती है।
No:2. इसकी सहायक नदी किशनगंगा
है, जिसे पाकिस्तान में नीलम
कहा जाता है।
No:3. श्रीनगर इसी नदी के
किनारे बसा है। श्रीनगर में इस पर ‘शिकार’ या ‘बजरे’ अधिक चलाए जाते हैं।
चिनाब नदी
No:1. यह नदी सिन्धु नदी की
सबसे बड़ी सहायक नदी है। जो हिमाचल प्रदेश में चन्द्रभागा कहलाती है।
No:2. यह नदी लाहुल में
बाड़ालाचा दर्रे के दोनों ओर से चन्द्र और भागा नामक दो नदियों के रूप में निकलती
है।
रावी नदी
No:1. इस नदी का उद्गम स्थल
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में रोहतांग दर्रे के समीप है।
No:2. यह पंजाब की पांच नदियों
में सबसे छोटी है।
व्यास
No:1. इसका उद्गम स्थल भी
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में रोहतांग दर्रे के निकट व्यासकुंड है।
No:2. यह सतलज की सहायक नदी है।
यह कपूरथला के निकट ‘हरिके’ नामक स्थान पर सिन्धु से मिल जाती है।
No:3. यह पुर्ण रूप से भारत
में(460-470 किमी.) बहती है।
सतलज नदी
No:1. यह तिब्बत में मानसरोवर
के निकट राकस ताल से निकलती है और भारत में शिपकीला दर्रे के पास से प्रवेश करती
है।
No:2. भाखड़ा नांगल बांध सतलज
नदी पर बनाया गया है।
गंगा नदी-तंत्र
No:1. उत्तराखण्ड के उत्तरकाशी
जिले में गोमुख के निकट गंगोत्री हिमनद से भागीरथी के रूप में निकलकर देवप्रयाग
में अलकनंदा एवं भागीरथी के संगम के बाद संयुक्त धारा गंगा नदी के नाम से जानी
जाती है।
No:2. इलाहाबाद के निकट गंगा से
यमुना मिलती है जिसे संगम या प्रयाग कहा जाता है।
No:3. प. बंगाल में गंगा दो
धाराओं में बंट जाती है एक धारा हुगली नदी के रूप में अलग होती है जबकि मुख्यधारा
भागीरथी के रूप में आगे बढ़ती है।
No:4. ब्रह्मपुत्र नदी
बांग्लादेश में जमुना के नाम से भागीरथी(गंगा) में मिलती है। इनकी संयुक्त धारा को
पद्मा कहा जाता है।
No:5. पद्मा नदी में बांग्लादेश
में मेघना नदी मिलती है। बाद में गंगा एवं ब्रह्मपुत्र की संयुक्त धारा मेघना से
मिलने के बाद मेघना के नाम से आगे बढ़ती है और छोटी-छोटी धाराओं में बंटने के बाद
बंगाल की खाड़ी में गिरती है।
No:6. गंगा-ब्रह्मपुत्र का
डेल्टा विश्व का सबसे बड़ा डेल्टा माना जाता है। जिसका विस्तार हुगली और मेघना
नदियों के बीच है।
No:7. सुन्दरी वृक्ष की अधिकता
के कारण इसे ‘सुन्दर
वन डेल्टा’ कहा
जाता है।
डेल्टा
No:1. नदी जब सागर या झील में
गिरती है तो वेग में कमी के कारण मुहाने पर उसके मलबे का निक्षेप होने लगता है
जिससे वहां विशेष प्रकार के स्थल रूप का निर्माण होता है।
No:2. इस स्थल रूप को डेल्टा
कहते हैं।
सहायक नदियां
No:1. बांयी ओर मिलने वाली -
गोमती, घाघरा, गण्डक, बूढ़ीगंगा, कोशी, महानंदा, ब्रह्मपुत्र।
No:2. दांयी ओर मिलने वाली -
यमुना, टोंस, सोन।
#. तथ्य
No:1. उत्तराखंड के सबसे फेमस
टूरिस्ट डेस्टिनेशन ऋषिकेश में गंगा नदी पर देश का पहला ग्लास फ्लोर ब्रिज बनाया
जाएगा।
No:2. लक्ष्मण झूला के बराबर
में बनने वाले इस ब्रिज का फर्श मजबूत पारदर्शी कांच का होगा।
No:3. 94 वर्षों से ऋषिकेश की
पहचान बने लक्ष्मण झूला को सुरक्षा कारणों से जुलाई 2019 में बंद कर दिया गया था।
यमुना नदी
No:1. यह गंगा की सबसे लम्बी(1,370 किमी.) सहायक नदी है।
No:2. यह बंदरपूंछ श्रेणी पर
स्थित यमुनोत्री हिमनद से निकलती है।
No:3. इसकी प्रमुख सहायक नदियां
हिंडन, ऋषि गंगा, चंबल, बेतवा, केन एवं सिंध है।
रामगंगा नदी
No:1. यह नैनीताल(गैरसेण के
निकट गढ़वाल की पहाड़ीयां) से निकलकर कन्नौज के समीप गंगा में मिलती है।
गोमती
No:1. यह उत्तरप्रदेश के
पीलीभीत जनपद से निकलती है एवं गाजीपुर के निकट गंगा में मिलती है।
No:2. किनारे बसे शहर - लखनऊ, जौनपुर व गाजीपुर।
घाघरा(सरयु) नदी
No:1. यह नेपाल के मपसा तुंग
हिमानी से निकलती है एवं बिहार के छपरा के निकट गंगा में मिलती है। सहायक नदियां -
राप्ती एवं शारदा।
No:2. किनारे बसे शहर - अयोध्या, फैजाबाद, बलिया।
गण्डक नदी
No:1. नेपाल में शालिग्रामी नदी
नाम से जानी जाती है। भारत में पटना के निकट गंगा नदी में मिलती है।
कोसी नदी
No:1. 7 धाराओं से मुख्य धारा
अरूण नाम से माउण्ट एवरेस्ट के पास गोसाईथान चोटी से निकलती है।
No:2. भागलपुर जनपद में गंगा
नदी में मिलती है।
No:3. बार-बार अपना रास्ता
बदलने एवं बाढ़ लाने के कारण यह नदी बिहार का शोक कहलाती है।
हुगली नदी
No:1. प. बंगाल में गंगा की
वितरिका के रूप में इसका उद्गम होता है तथा बंगाल की खाड़ी में गिरती है।
तमसा(दक्षिणी टोंस) नदी
No:1. कैमूर की पहाड़ीयों से
निकलकर इलाहबाद से आगे गंगा नदी में मिलती है।
सोन नदी
No:1. अमरकंटक की पहाडि़यों से
निकलकर पटना से पहले गंगा नदी में मिलती है।
यमुना की सहायक नदियां
1). चम्बल
No:1. चम्बल मध्यप्रदेश के
मऊ(इन्दौर) के समीप स्थित जानापाव पहाड़ी से निकलती है एवं इटावा के समीप यमुना
नदी में मिलती है।
No:2. सहायक नदियां - बनास, पार्वती, कालीसिंध एवं क्षिप्रा।
2). सिंध
No:1. यह गुना जिले के सिरोंज
तहसील के पास से निकलती है।
3). बेतवानदी
No:1. यह मध्यप्रदेश के रायसेन
जिले में विन्ध्य पर्वत माला से निकलती है। हमीरपुर के निकट यमुना नदी में मिलती
है।
4). केन नदी
No:1. यह मध्यप्रदेश के सतना
जिले में कैमूर की पहाड़ी से निकलती है एवं बांदा के निकट यमुना में मिल जाती है।
चम्बल की सहायक नदियां
No:1. बनास
बनास अरावली श्रेणी की खमनौर पहाड़ीयों से निकलती है एवं
चंबल नदी में मिल जाती है।
No:2. क्षिप्रा नदी
यह इन्दौर के निकट काकरी पहाड़ी से निकलती है एवं चम्बल
में मिलती है। उज्जैन में क्षिप्रा के तट पर महाकाल का मंदिर है एवं 12 वें वर्ष कुंभ का मेला
लगता है।
No:3. कालीसिंध
कालीसिंध मध्यप्रदेश के देवास जिले के बागली गांव में
विन्ध्य पहाड़ी से निकलती है एवं चम्बल नदी में मिल जाती है।
No:4. पार्वती
यह नदी मध्य प्रदेश में विन्ध्य श्रेणी से निकलती है एवं
राजस्थान में चंबल नदी में मिल जाती है।
ब्रह्मपुत्र नदी-तंत्र
No:1. ब्रह्मपुत्र नदी का उद्गम
तिब्बत में मानसरोवर झील के निकट आंग्सी हिमनद से होता है।
No:2. तिब्बत में ब्रह्मपुत्र
नदी सांग्पो नाम से जानी जाती है।
No:3. यह नमचा बरबा पर्वत शिखर
के निकट अरूणाचल प्रदेश में प्रवेश करती है तब इसका नाम दिहांग होता है।
No:4. बाद में इसकी 2 सहायक नदी दिबांग और
लोहित के मिलने के बाद यह ब्रह्मपुत्र नाम से जानी जाती है।
No:5. बांग्लादेश में
ब्रह्मपुत्र को जमुना नाम से जाना जाता है।
No:6. तीस्ता नदी ब्रह्मपुत्र
से बांग्लादेश में मिलती है। इसके बाद ब्रह्मपुत्र पद्मा(गंगा) में मिल जाती है।
सहायक नदियां
No:1. दांयी ओर से मिलने वाली -
सुबनसिरी, कामेंग, मानस, संकोज, तीस्ता।
No:2. बांयी ओर से मिलने वाली
नदियां - लोहित, दिबांग, धनश्री, कालांग।
#. तथ्य
No:1. असोम घाटी में
ब्रह्मपुत्र नदी के गुंफित होने से माजुली द्वीप का निर्माण हुआ है।
No:2. भारत में बहने के अनुसर
सबसे लम्बी नदी गंगा है और भारत में प्रवाहित होने वाली नदियों की कुल लंबाई के
आधार पर ब्रह्मपुत्र सबसे लंबी नदी है।
No:3. ब्रह्मपुत्र भारत की सबसे
बड़ी नदी जल की मात्रा के हिसाब से है।
गुंफित सरिता/नदी
No:1. एक ही नदी या सरिता से
उत्पन्न होने वाली लघु, उथली तथा संग्रथित सरिताओं का जाल।
No:2. नदी के मुहाने के निकट
भूमि का ढाल अत्यंत मंद होने पर बड़ी मात्रा में मलवे का जमाव होता रहता है जिससे
डेल्टा का निर्माण होता है।
No:3. इस डेल्टाई भाग में नदी
का जल कई शाखाओं एवं उपशाखाओं (जल वितरिकाओं) में विभिक्त हो जाता है।
No:4. ये जल वितरिकाएं आगे पुनः
कई बार मिल जाती हैं और पृथक् होती हैं।
No:5. इस प्रकार छोटी-छोटी
सरिताएं एक-दूसरे से गुथी हुई होती हैं और उथली होती हैं।
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