भारत की नदियाँ
प्रायद्वीपीय अपवाह तंत्र
No:1. भारतीय प्रायद्वीप में
अनेक नदियां प्रवाहित हैं।
No:2. मैदानी भाग की नदियों की
अपेक्षा प्रायद्वीपीय भारत की नदियां आकार में छोटी हैं।
No:3. यहां की नदियां अधिकांशतः
मौसमी हैं और वर्षा पर आश्रित हैं।
No:4. वर्षा ऋतु में इन नदियों
के जल-स्तर में वृद्धि हो जाती है, पर शुष्क ऋतु में इनका
जल-स्तर काफी कम हो जाता है।
No:5. इस क्षेत्र की नदियां कम
गहरी हैं, परंतु इन नदियों की
घाटियां चौड़ी हैं और इनकी अपरदन क्षमता लगभग समाप्त हो चुकी है।
No:6. यहां की अधिकांश नदियां
बंगाल की खाड़ी में गिरती हैं, कुछ नदियां अरब सागर में गिरती हैं और कुछ नदियां गंगा
तथा यमुना नदी में जाकर मिल जाती हैं।
No:7. प्रायद्वीपीय क्षेत्र की
कुछ नदियां अरावली तथा मध्यवर्ती पहाड़ी प्रदेश से निकलकर कच्छ के रन या खंभात की
खाड़ी में गिरती हैं।
No:8. ये नदियां दो भागों में
विभक्त होती हैं -
1). अरब सागर में गिरने वाली
नदियां
2). बंगाल की खाड़ी में गिरने
वाली नदियां
अरब सागर में गिरने वाली नदियां
भादर नदी
No:1. यह गुजरात के राजकोट से
निकलकर अरब सागर में गिरती है।
शतरंजी
No:1. गुजरात के अमरेली जिले से
निकलकर खंभात की खाड़ी में गिरती है।
साबरमती नदी
No:1. यह उदयपुर(राजस्थान) के
निकट अरावली पर्वत माला से निकलती है एवं गुजरात होते हुए खंभात की खाड़ी में अपना
जल गिराती है।
माही नदी
No:1. माही नदी मध्य प्रदेश के
धार जिले में विन्ध्याचल पर्वत से निकलती है इसका प्रवाह मध्यप्रदेश, राजस्थान और गुजरात
राज्यों में है।
No:2. इसकी सहायक नदियां सोम
एवं जाखम है। यह खंभात की खाड़ी में अपना जल गिराती है।
नर्मदा नदी
No:1. नर्मदा नदी मैकाल पर्वत
की अमरकंटक चोटी से निकलती है।
No:2. नर्मदा का प्रवाह क्षेत्र
मध्यप्रदेश(87
प्रतिशत), गुजरात(11.5 प्रतिशत) एवं
महाराष्ट्र(1.5
प्रतिशत) है।
No:3. नर्मदा विन्ध्याचल पर्वत
माला एवं सतपुडा पर्वतमाला के बीच भ्रंश घाटी में बहती है।
No:4. यह अरबसागर में गिरने
वाली प्रायद्वीपीय भारत की सबसे बड़ी नदी है।
No:5. खंभात की खाड़ी में गिरने
पर यह ज्वारनदमुख(एश्चुअरी) का निर्माण करती है।
No:6. सहायक नदियां - तवा, बरनेर, दूधी, शक्कर, हिरन, बरना, कोनार, माचक।
#. तथ्य
No:1. मध्य प्रदेश में नर्मदा
जयंती पर अमर कंटक में तीन दिन के नर्मदा महोत्सव का आयोजन किया जाता है।
एस्चुअरी या ज्वारनदमुख
No:1. नदी का जलमग्न मुहाना
जहाँ स्थल से आने वाले जल और सागरीय खारे जल का मिलन होता है|
No:2. नदी के जल में तीव्र
प्रवाह के कारण जब मलवों का निक्षेप मुहाने पर नहीं होता है तथा नदी जल के साथ
मलबा भी समुद्र में गिर जाता है तो नदी का मुहाना गहरा हो जाता है|
No:3. ऐसे गहरे मुहाने को
ज्वारनदमुख कहते हैं।
तापी
No:1. तापी मध्यप्रदेश के बैतुल
जिले के मुल्लाई नामक स्थान से निकलती है।
No:2. यह सतपुड़ा एवं अजंता
पहाड़ी के बीच भ्रंश घाटी में बहती है।
No:3. तापी नदी का बेसिन
महाराष्ट्र(79
प्रतिशत), मध्यप्रदेश(15 प्रतिशत) एवं गुजरात(6 प्रतिशत) है।
No:4. तापी की मुख्य सहायक नदी
पूरणा है।
No:5. तापी खंभात की खाड़ी में
अपना जल गिराती है एवं एश्चुअरी का निर्माण करती है।
माण्डवी नदी
No:1. माण्डवी नदी कर्नाटक
राज्य में पश्चिमी घाट पर्वत के भीमगाड झरने से निकलकर पश्चिम दिशा में प्रवाहित
होते हुए गोवा राज्य से प्रवाहित होने के बाद अरब सागर में गिरती है।
जुआरी नदी
No:1. जुआरी नदी गोवा राज्य में
पश्चिमी घाट से निकलकर पश्चिम दिशा में बहते हुए अरब सागर में गिरती है।
No:2. यह गोवा की सबसे लंबी नदी
है।
शरावती नदी
No:1. यह नदी कर्नाटक राज्य में
पश्चिमी घाट पर्वत की अम्बुतीर्थ नामक पहाड़ी से निकलती है एवं कर्नाटक राज्य में
बहते हुए अरब सागर में गिरती है।
No:2. जोग जलप्रपात इसी नदी पर
स्थित है।
गंगावेली नदी
No:1. यह नदी कर्नाटक राज्य में
पश्चिमी घाट पर्वत से निकलकर कर्नाटक राज्य में बहते हुए अरब सागर में गिरती है।
पेरियार नदी
No:1. यह अन्नामलाई पहाड़ी से
निकलती है एवं केरल राज्य में बहते हुए अरबसागर में गिरती है।
No:2. यह केरल की दूसरी सबसे
लंबी नदी है।
No:3. इसे केरल की जीवन रेखा भी
कहा जाता है।
No:4. इसका प्रवाह क्षेत्र केरल
एवं तमिलनाडु राज्यों में है।
भरतपूजा नदी
No:1. यह अन्नामलाई से निकलती
है। इसका अन्य नाम पोन्नानी है।
No:2. यह केरल की सबसे लंबी नदी
है।
No:3. इसका प्रवाह क्षेत्र केरल
एवं तमिलनाडु है।
पंबा नदी
No:1. यह केरल की नदी है एवं
बेम्बनाद झील में गिरती है।
बंगाल की खाड़ी में गिरने वाली नदियां
हुगली
No:1. यह नदी प. बंगाल में गंगा
नदी की वितरिका के रूप में उद्गमित होती है एवं बंगाल की खाड़ी में जल गिराती है।
दामोदर
No:1. यह छोटा नागपुर पठार, पलामू जिला, झारखण्ड से निकलती है
पूर्व दिशा में बहते हुए प. बंगाल में हुगली नदी में मिल जाती है।
No:2. यह अतिप्रदूषित नदी है।
यह बंगाल का शोक कहलाती है।
No:3. इसका प्रवाह क्षेत्र
झारखण्ड एवं प. बंगाल राज्य है।
स्वर्ण रेखा नदी
No:1. यह नदी रांची के पठार से
निकलती है।
No:2. यह पश्चिम बंगाल उडीसा के
बीच सीमा रेखा बनाती है।
No:3. यह बंगाल की खाड़ी में
गिरती है।
वैतरणी नदी
No:1. यह
ओडीसा के क्योंझर जिले से निकलती है।
No:2. इसका
प्रवाह क्षेत्र ओडीसा एवं झारखण्ड राज्य है।
No:3. यह
बंगाल की खाड़ी में जल गिराती है।
ब्राह्मणी नदी
No:1. इसकी उत्पत्ति ओडीसा
राज्य की कोयेल एवं शंख नदियों की धाराओं के मिलने से हुई है।
No:2. यह बंगाल की खाड़ी में
अपना जल गिराती है।
महानदी
No:1. महानदी का उद्गम मैकाल
पर्वत की सिंहाना पहाड़ी(धमतरी जिला, छत्तीसगढ़) से होता है।
No:2. इसका प्रवाह क्षेत्र
छत्तीसगढ़ एवं ओडीसा राज्य में है।
No:3. यह बंगाल की खाड़ी में
अपना जल गिराती है।
गोदावरी नदी
No:1. यह प्रायद्वीपीय भारत की
सबसे लंबी नदी है।
No:2. गोदावरी नदी का उद्गम
नासिक जिले की त्र्यम्बक पहाड़ी से होता है।
No:3. गोदावरी को ‘दक्षिण गंगा’ व ‘वृद्ध गंगा’ भी कहा जाता है।
No:4. गोदावरी महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, छत्तीसढ़, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, ओडीसा, कर्नाटक एवं
यनम(पुदुचेरी) राज्यों से होकर बहती है।
No:5. सहायक नदियां - दुधना, पूर्ण, पेन गंगा, वेनगंगा, इन्द्रावती, सेलूरी, प्राणहिता एवं
मंजरा/मंजीरा(दक्षिण से मिलने वाली प्रमुख नदी)।
कृष्णा नदी
No:1. कृष्णा नदी का उद्गम
महाबलेश्वर से होता है।
No:2. यह प्रायद्वीपीय भारत की
दुसरी सबसे लंबी नदी है।
No:3. यह बंगाल की खाड़ी में
डेल्टा बनाती है।
No:4. यह महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना एवं आंध्रप्रदेश
से होकर बहती है।
No:5. सहायक नदियां - भीमा, तुंगाभद्रा, कोयना, वर्णा, पंचगंगा, घाटप्रभा, दूधगंगा, मालप्रभा एवं मूसी।
पेन्नार नदी
No:1. यह कर्नाटक के कोलार जिले
की नंदीदुर्ग पहाड़ी से निकलती है।
कावेरी नदी
No:1. कावेरी कर्नाटक राज्य के
कुर्ग जिले की ब्रह्मगिरी की पहाड़ीयों से निकलती है।
No:2. दक्षिण भारत की यह
एकमात्र नदी है जिसमें वर्ष भर सत्त रूप से जल प्रवाह बना रहता है।
No:3. इसका कारण है - कावेरी का
ऊपरी जलग्रहण क्षेत्र (कर्नाटक) दक्षिण-पश्चिम मानसून से वर्षा जल प्राप्त करता है
जबकि निचला जलग्रहण क्षेत्र(तमिलनाडु), उत्तरी-पूर्वी मानसून से
जल प्राप्त करता है।
No:4. इसके अपवाह का 56 प्रतिशत तमिलनाडु, 41 प्रतिशत कर्नाटक व 3 प्रतिशत केरल में पड़ता
है।
No:5. सहायक नदियां - लक्ष्मण
तीर्थ, कंबिनी, सुवर्णावती, भवानी, अमरावती, हेरंगी, हेमावती, शिमसा, अर्कवती।
वैगाई नदी
No:1. यह तमिलनाडु के वरशानद
पहाड़ी से निकलती है एवं पाक की खाड़ी में अपना जल गिराती है।
ताम्रपर्णी नदी
No:1. यह तमिलनाडु राज्य में
बहती है एवं मन्नार की खाड़ी में अपना जल गिराती है।
अंतःस्थलीय नदियाँ
No:1. कुछ नदियाँ ऐसी होती है
जो सागर तक नहीं पहुंच पाती और रास्ते में ही लुप्त हो जाती हैं। ये अंतःस्थलीय
नदियाँ कहलाती हैं।
No:2. घग्घर, लुनी नदी इसके मुख्य
उदाहरण हैं।
घग्घर
No:. घग्घर
एक मौसमी नदी हैं जो हिमालय की निचली ढालों से (कालका के समीप) निकलती है और
अनुपगढ़ (राजस्थान) में लुप्त हो जाती हैं।
No:2. घग्घर
को ही वैदिक काल की सरस्वती माना जाता है।
लूनी
No:1. लूनी
उद्गम स्थल राजस्थान में अजमेर जिले के दक्षिण-पश्चिम में अरावली पर्वत का
अन्नासागर है।
No:2. अरावली
के समानांतर पश्चिम दिशा में बहती है।
No:3. यह नदी कच्छ के रन के उत्तर में साहनी कच्छ में समाप्त हो जाती है।
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