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India’s Foreign Policy

 

India’s Foreign Policy

भारत की विदेश नीति नोट्स । India’s Foreign Policy

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भारत की विदेश नीति :-

QUE.-1. भारतीय संस्कृति का कौनसा मूल्य विदेश नीति को प्रभावित करते हैं ?

Ans– ‘ वसुधैव कुटुम्बकम् ‘ ‘ जीओ और जीने दो

QUE.-2. भारतीय विदेशनीति को संविधान में किस प्रकार अभिव्यक्त किया गया है ?

Ans- राज्य के नीति निदेशक तत्वों में अनुच्छेद 51 में भारत का दायित्व अंतरराष्ट्रीय शान्ति और सुरक्षा की अभिवृद्धि करना होगा ।

QUE.-3. अनुच्छेद 51 के अनुसार भारतीय राज्य प्रयास करेगा ?

A . अंतरराष्ट्रीय शान्ति और सुरक्षा की अभिवृद्धि का ।

B . राष्ट्रों के बीच न्यायसंगत और सम्मानपूर्ण संबंधों को बनाए रखने का

C . संगठित लोग व्यवहार में अंतरराष्ट्रीय विधि और संधि बाध्यताओं के प्रति आदर बढ़ाने का

D . अंतरराष्ट्रीय विवादों के माध्यस्थम् द्वारा निपटारे के लिए प्रोत्साहन देने का ।

भारतीय विदेश नीति (India Foreign Policy) की प्रमुख विशेषताएँ

1) . शांतिपूर्ण सहअस्तित्व की नीति

2) . उपनिवेशवाद एवं साम्रान्यवाद का विरोध

3) . रंगभेद का विरोध

4) . अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों का समर्थन

5) . पंचशील के सिद्धान्त पर आधारित प्रारम्भ में चीन के साथ चाऊ एन लाई तथा नेहरू 28 जून 1954

I) . एक दूसरे देश की प्रादेशिक अखण्डता और सर्वोच्च सत्ता के लिए पारस्परिक सम्मान की भावना

II) . अनाक्रमण

III) . एक दूसरे के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करना

IV) . समानता

V) . शांतिपूर्ण सहअस्तित्व

6) . गुटनिरपेक्षता

i)– गुटनिरपेक्षता आन्दोलन के अगवा भारत के जवाहर लाल नेहरू युगोस्लाविया के टीटो और मिश्र के नासिर थे ।

ii)– गुटनिरपेक्ष आन्दोलन 1955 के बांडुग सम्मेलन ( 29 देश ) में अस्तित्व में आया ।

iii)– गुटनिरपेक्ष आन्दोलन का प्रथम सम्मेलन 1961 में बेलग्रेड ( यूगोस्लाविया ) में 25 विकासशील देशों के प्रतिनिधियों के साथ हुआ ।

iv)– 1988 में 7 वें गुटनिरपेक्ष आन्दोलन के शिखर सम्मेलन की मेजबानी नई दिल्ली , भारत ने की

v)– 17 वां गुट निरपेक्ष आन्दोलन शिखर सम्मेलन सितम्बर 2016 में मारगरीता , कराकस वेनेजुएला में सम्पन्न हुआ ।

vi)– 18 वां गुट निरपेक्ष आन्दोलन शिखर सम्मेलन सितम्बर 2019 में अजरबैजान में होगा ।

गुट निरपेक्षता का अर्थ विश्व के किसी भी गुट का साथ जिसका स्वरूप सैनिक हो , के साथ जुड़ाव न रखना । यह तटस्थता की नीति नहीं है बल्कि एक स्वतंत्र नीति है ।

भारत द्वारा विदेश नीति में गुटनिरपेक्षता को अपनाने के कारण :-

No:1) . भारत किसी गुट का समर्थन करके विश्व में तनाव की स्थिति उत्पन्न करने का पक्षधर नहीं था ।

No:2 . स्वतंत्र विदेश नीति को अधिक उपयोगी समझा ।

No:3 . आर्थिक विकास हेतु दोनों ही गुटों से बराबरी के संबंध बनाएँ रखना जरूरी था ।

No:4 . यह नीति भारत की सामाजिक , सामरिक , भौगोलिक , राजनीतिक , आर्थिक व्यय सांस्कृतिक मांगों के अनुरूप थी ।

No:5 . देश के प्रारम्भिक नेतृत्व की गुटनिरपेक्षता की नीति में अटूट श्रद्धा व विश्वास था।

No:6 . यह देश की ऐतिहासिक पृष्टभूमि व विविधतापूर्ण बहुलवादी संस्कृति के लिए अनुकूल थी ।

i)– वर्तमान समय में गुट निरपेक्ष का तात्पर्य विदेश नीति की स्वतंत्रता से है  तथा इसका उद्देश्य संप्रभु राष्ट्रों को समानता व उनकी संप्रभुता व अखण्डता को सुरक्षित रखना है ।

भारतीय विदेश नीति (India Foreign Policy) के नवीन आयाम  :-

No:1 . 90 के दशक में आर्थिक क्षेत्र में किये गये उदारवादी सुधार विदेश नीति के मुख्य आधार बने हुए हैं ।

No:2 . एक सुरक्षित और स्थिरक्षेत्रीय पर्यावरण की स्थापना करना ताकि भारत का आर्थिक विकास अनवरत जारी रहे ।

No:3 . आंतकवाद के प्रति शुन्य सहयता की नीति का अनुसरण किया जाना ।

QUE.-1 . भारतीय विदेश नीति के साथ तीन नये बिन्दु कौन से जुड़े हैं ?

Ans- 1 . व्यापार 2 , संस्कृति ३ . सम्पर्क

QUE.-2 . वर्तमान सरकार की विदेश नीति के 5 मूल सिद्धान्त कौनसे हैं ?

Ans- 1 . निरन्तर वार्ता

2 . आर्थिक समृद्धि को प्रोत्साहन

3 . भारत की प्रतिष्ठा और सम्मान में वृद्धि

4 . राष्ट्रीय सुरक्षा का समर्थन

5 . भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता की मान्यताओं को प्रोत्साहन

QUE.-3 . वर्तमान सरकार / प्रधानमंत्री का संबंध है ?

Ans- 1 . पड़ोस पहले की नीति

2 . फास्ट ट्रेक नीति

3 . एक्ट ईस्ट नीति

QUE.-4 . ट्रेक टु नीति से अभिप्राय है ?

Ans- खेल , सांस्कृतिक आदि अनौपचारिक माध्यमों से देशों के लोगों के मध्य संबंध बढ़ाना ।

भारत पाकिस्तान और जम्मू कश्मीर

No:1. 22 – अक्टूबर 1947 – कबालियों और पाक सैना का आक्रमण

No:2. 26 – अक्टूबर 1947 – कश्मीर का विलय पत्र पर हस्ताक्षर

No:3. 1 – जनवरी 1948 – भारत द्वारा संयुक्त राष्ट्र में शिकायत

No:4. 1 – जनवरी 1949 – भारत पाक युद्ध विराम पर सहमत

No:5. 4 – 5 अगस्त 1965 – भारत पाक युद्ध

No:6. 22 – सितम्बर 1965 – भारत पाक युद्ध बंद

No:7. 10 – जनवरी 1966 – ताशकन्द समझौता ( लाल बहादुर शास्त्री और अय्यूब खां के मध्य )

No:8. 3 दिसम्बर , 1971 – भारतीय हवाई अड्डों पर बमबारी ।

No:9. 16 दिसम्बर , 1971 – ढाका में जगजीत सिंह अरोड़ा के सम्मुख पाकिस्तानी जनरल नियाजी का आत्म समर्पण

No:10. 3 जुलाई , 1972 – शिमला समझौता इंदिरा गांधी और जुल्फिकार अलिभुट्टो के मध्य

No:11. 17 दिसम्बर , 1985 – छ : सूत्री समझौता राजीव गांधी और जिया उलहक के मध्य ।

No:12. 31 दिसम्बर , 1988 – एक दूसरे के परमाणु संस्थानों पर हमला  नहीं करने का समझौता ।

No:13. फरवरी 1999 – दिल्ली लाहौर दिल्ली बस सेवा

No:14. 14 – 16 जुलाई 2007 – आगरा वार्ता परवेज मुशर्रफ और अटल बिहारी वाजपेयी

No:15. 15 अगस्त 2016 – भारतीय प्रधानमंत्री की लाल किले से घोषणा पाकिस्तान से वार्ता केवल पाक अधिकृत कश्मीर पर होगी ।

भारत और चीन :-

No:1. 28 अप्रैल 1954 – पंचशील सिद्धान्तों पर सहमती

No:2. 31 मार्च 1959 – दलाईलामा ने भारत में शरण ली

No:3. अक्टूबर 1962  भारत चीन युद्ध

No:4. 27 – 28 अप्रैल 2018 – वुहान चीन में अनौपचारिक वार्ता नरेन्द्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शीजिनपिंग के मध्य

भारत और नेपाल :-

No:1. 30 जुलाई 1950 भारत नेपाल के मध्य संधि हुई ।

No:2. नेपाल भारत और चैन के मध्य बफर स्टेट है ।

No:3. नेपाल भारत का स्वाभाविक मित्र राष्ट्र है ।

भारत और आसियान :-

No:1. आसियान की स्थापना – 1967

No:2. 5 राष्ट्रों द्वारा वर्तमान में 10 राष्ट्र सदस्य हैं ।

No:3. 1996 में भारत आसियान का पूर्ण संवाद सहभागी राष्ट्र बना ।

No:4. आसियान इंडिया प्लान ऑफ ऐक्शन – 2016 – 20 लागू किया गया है ।

No:5. भारत आसियान से भौगोलिक , सांस्कृतिक और ऐतिहासिक रूप से जुड़ा हुआ है ।

No:6. 10 आसियान देशों के राष्ट्राध्यक्ष 26 जनवरी 2018 गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि थे ।

सार्क / दक्षेस / दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन :-

No:1. स्थापना – 1985

No:2. मुख्यालय काठमाण्डू 1987 में

No:3. 8 वां देश अफगानिस्तान अप्रैल 2007 में ।

No:4. 7 – भारत , पाकिस्तान , बांग्लादेश , नेपाल , श्रीलंका , भूटान व मालदीव ।

No:5. सार्क का विश्व की लगभग 21 % जनसंख्या , 3 % भू भाग और 9 % से अधिक वैश्विक अर्थव्यवस्था में योगदान है ।

No:6. 19 वां शिखर सम्मेलन इस्लामाबाद में प्रस्तावित लेकिन भारत के बहिष्कार कारण स्थगित है ।

No:7. 1995 ( 8वां ) , 2007 ( 14वां ) शिखर सम्मेलन नई दिल्ली में हुएँ थे ।

No:8. साफ्टा दक्षिण एशिया मुक्त व्यापार क्षेत्र 1 जनवरी 2006 से लागू है ।

भारतीय प्रधानमंत्री और विदेशनीति :-

No:1. प्रधानमंत्री देश की विदेशनीति का निर्धारक होता है ।

No:2. जवाहरलाल नेहरू असलंग्नता / तटस्थता नीति

No:3. मोरारजी देसाई / ( अटल बिहारी वाजयपेयी ) वास्तविक गुट निरपेक्षता नीति

No:4. पी . वी . नरसिम्हा राव लुक ईस्ट नीति

No:5. इन्द्र कुमार गुजराल बड़ा पड़ौसी या गुजराल डाक्ट्रीन

No:6. नरेन्द्र मोदी पहले पड़ौसी की नीति , एक्ट ईस्ट नीति , फास्ट ट्रेक नीति

विदेश नीति (India Foreign Policy) के निर्धारक तत्व

No:1 . जनसंख्या

No:2 . भौगोलिक स्थिति

No:3 . प्राकृतिक सम्पदा

No:4 . औद्योगिक स्त्रोत और क्षमता

No:5 . सैनिक शक्ति

No:6 . भाषा , धर्म , नस्ल और संस्कृति

No:7 . विचारधारा

No:8 . नीति निर्माता

No:9 . विश्व जनमत

No:10 . विश्व संगठन

No:11 . सम्बद्ध देशों की प्रतिक्रिया

विदेश नीति के लक्ष्य राष्ट्रीय हितों की प्राप्ति , पूर्ति एवं रक्षा

No:1 . राष्ट्रीय सीमाओं की सुरक्षा

No:2 . विश्वशांति और सुरक्षा की स्थापना

No:3 . चंहुमुखी आंतरिक विकास

No:4 . आर्थिक उद्देश्य

No:5 . वैचारिक उद्देश्य

No:6 . सैनिक दृष्टि से शक्तिशाली बनना

No:7 . राष्ट्रीय स्वाधीनता की रक्षा करना

No:8 . सांस्कृतिक उद्देश्य

विदेश नीति (India Foreign Policy) में नेहरू का योगदान :-

QUE.-1 . नेहरू PM , के साथ साथ विदेश मंत्री भी रहे ( 17 वर्ष तक सबसे लंबे समय तक विदेश मंत्री )

Ans- 1 . स्वतंत्र विदेश नीति की नींव डाली ( महाशक्ति की नींव )

2 . व्यापक दृष्टिकोण का समावेश यानि वे अंतर्राष्ट्रीयता और अखिल एशियावाद के समर्थक थे ।

3 . शांति , सह अस्तित्व और भाई चारे पर आधारित विदेश नीति की नींव डाली ( पंचशील )

4 . राष्ट्रमण्डल का सदस्य बने रहना लेकिन ब्रिटिश ताज की सर्वोच्चता को अस्वीकार कर दिया

5 . ‘ असंलग्नता नीति का निर्माता

6 . एशिया अफ्रीका एकता का विचार रखा

विफलताएँ :-

No:1 . आदर्श विदेश नीति फलत : राष्ट्रीय विकास में सहायक नहीं बनी ।

No:2 . चीन से रक्षा करने में असफल रहे ।

भारत और संयुक्त राष्ट्र :-

No:1. भारत ने सान फ्रांसिस्को सम्मेलन 1945 में भाग लिया और संयुक्त राष्ट्र के मूल संस्थापक 51 राष्ट्रों में से एक बन गया ।

No:2. वर्तमान में 193 देश सदस्य , 193 वां मॉन्टेनेग्रो 2006 में बना ।

1). महासभा यह संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष संस्था है । इसमें सदस्य देश अधिकतम 5 प्रतिनिध भेज सकता है । इसका वार्षिक सम्मेलन सितम्बर माह में ( द्वितीय  मंगलवार से ) होता है । 1953 में भारत की विजय लक्ष्मी पंडित इसकी अध्यक्ष बनी थी ।

वर्तमान प्रतिनिधि सैयद अकबरूद्दीन न्यूर्याक सिटी 2016 से

                         राजीव कुमार चन्देर जनेवा 2017 से

No:3. वर्तमान महासभा अध्यक्ष श्री मिरोस्लाव लाजकक ( 72 वें ) देश स्लोवाक

UN के शांति मिशनों में भारत का योगदान :-

No:1. अब तक भारत ने 49 शांति मिशनों में भाग लिया है । जिनमें लगभग 1 लाख 95 हजार जवानों का योगदान दिया है

No:2. 15 सैन्य कमाण्डर दिये हैं तथा वर्तमान में मेजर जनरल जय शंकर मेनन , ‘ गोलन हाइट्स मिशन के कमाण्डर हैं ।

No:3. 168 भारतीय सैनिक इन मिशनों में वीरगति को प्राप्त हुए हैं ।

No:4. कांगो मिशन ( 1960 – 64 ) के दौरान केप्टन G . S . सलारिया को मरणोपरांत परमवीर चक्र प्रदान किया गया था ।

वर्तमान में चल रहे अभियानों में योगदान :-

No:1. लेबनान ( 1998 से )

No:2.  कांगो ( 2005 से )

No:3. सुडान ( 2005 से )

No:4. गोलन हाइट्स ( 2006 से )

No:5. आइवरी कोस्ट ( 2017 से )

No:6. हैती ( 1997 से )

No:7. लाइबेरिया ( 2007 से ) ( महिला सदस्य भी शामिल )

2). सुरक्षा परिषद् :-

No:1. 5 स्थायी सदस्य अमेरिका , ब्रिटेन , फ्रांस , रूस , चीन

No:2. 10 अस्थायी सदस्य कार्यकाल 2 वर्ष का होता है ।

भारत सुरक्षा परिषद् में

1). 1950 – 51

2). 1967 – 68

3). 1972 – 73

4). 1977 – 78

5). 1984 – 85

6). 1991 . 92

7). 2011 – 12

No:1. सुरक्षा परिषद विश्व शांति के लिए उत्तरदायी संगठन है । अतः इसे विश्व का पुलिस मैन कहा जाता है ।

No:2. स्थायी सदस्यों को वीटो / निषेध शक्ति प्राप्त है ।

No:3. सुरक्षा परिषद् की अध्यक्षता प्रत्येक राष्ट्र 1 माह के लिए करता है । निर्णय के लिए 9 राष्ट्रों का सर्मथन आवश्यक है लेकिन स्थायी सदस्य विटो प्रयोग करके कार्यवाही रोक सकता है ।

3). अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय :-

No:1. मुख्यालय हेग ( नीदरलैंड )

No:2. स्थापना जून 1945 ,

No:3. शुरूआत अप्रैल 1946 से

No:4. संगठन – 15 न्यायाधीश

No:5. कार्यकाल – 9 वर्ष

No:6. चुनाव महासभा व सुरक्षा परिषद् प्रत्येक 3 वर्ष में 5 न्यायाधीशों का करते हैं ।

भारत और अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय

No:1). सर बेनेगल राव – 1952 – 53 जज

No:2). न्यायाधीश के रूप में – 1973 – 88 कार्यरत रहें ।

नगेन्द्र सिंह 1976 – 79 उपाध्यक्ष

नगेन्द्र सिंह 1985 – 88 अध्यक्ष

No:3). रघुनाथ स्वरूप पाठक – 1989 – 1991 जज

No:4). दलवीर भण्डारी 2012 से . . . . . जज

4). आर्थिक तथा सामजिक परिषद्  :-

No:1. संगठन – 54 सदस्य

No:2. स्थापित – 1946

No:3. 18 सदस्यों को प्रति वर्ष निर्वाचन महासभा द्वारा किया जाता है ।

No:4. 2018 – 20 तक के लिए भारत सदस्य है ।

No:5. भारत शुरू से ही इस संस्था का सदस्य रहा है ।

5). न्यास परिषद् :-

1994 से इसके कार्य स्थगित कर दिये गये ।

6). सचिवालय :-

No:1. न्यूयॉर्क में स्थित है ।

No:2. इसका प्रशासनिक प्रभारी महासचिव होता है ।

No:3. वर्तमान सचिव एंटोनियो गुटेरस ( पुर्तगाल ) 9th

No:4. महासचिव सुरक्षा परिषद् की सलाह पर 5 वर्ष के लिए महासभा द्वारा चुना जाता ।

UN की विशेष संस्थाएं :-

No:1. खाद्य और कृषि संगठन ( FAO ) , रोम इटली 1945

No:2. अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन ( ICAO ) , मॉट्रियल , कनाडा 1947

No:3. कृषि विकास के लिए अंतरराष्ट्रीय कोष ( FAD ) , रोम , इटली , 1977

No:4. अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन ( ILO ) , जेनेवा , स्विटजरलैण्ड , 1919

No:5. अंतरराष्ट्रीय समुद्री संगठन ( IMO ) लंदन , 1948

No:6. अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक कोष ( IMF ) वाशिंगटन , 1946

No:7. अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार संघ ( ITU ) जेनेवा , 1865

No:8. UNESCO पेरिस , 1946

No:9. संयुक्त राष्ट्र औद्योगिक विकास संगठन ( UNIDO ) वियना , आस्ट्रीया

No:10. सार्वभौमिक पोस्टल संघ ( UPU ) बर्न , स्विटजरलैण्ड , 1874

No:11. विश्व बैंक समूह वाशिंगटन , 1946

i). अंतरराष्ट्रीय बैंक विकास और पुनसंरचना के लिए ।

ii). अंतरराष्ट्रीय वित्त निगम

iii). अंतरराष्ट्रीय विकास संस्थान

No:12. विश्व स्वास्थ्य संगठन ( WHO ) , जेनेवा , 1948

No:13. विश्व बौद्धिक सम्पदा संगठन ( WIPO ) जेनेवा , 1967

No:14. विश्व मापतौल संगठन ( WMO ) जेनेवा , 1873

No:15. विश्व पर्यटन संगठन मेड्रिड , स्पेन 1974

Note – राधाकृष्णन यूनेस्को के अध्यक्ष 1952 – 53 में रहे । मौलाना अब्दुल कलाम भी अध्यक्ष रहे । 1956 श्रीमती राजकुमारी अमृत कौर अध्यक्ष विश्व स्वास्थ्य संगठन , डॉ . वी . आर . सेन विश्व खाद्य एवं कृषि संगठन अध्यक्ष रहे । न्यायमूर्ति पी . एन . भगवती संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार समिति 1999 – 02

अंतरराष्ट्रीय नीतियों के मुख्य रूझानः वैश्वीकरण और परमाणु अप्रसार के विशेष संदर्भ में :-

परमाणु अप्रसार संधि – 1968 , लागू – 1970

No:1. 189 देशों द्वारा स्वीकृत

No:2. हस्ताक्षर नहीं करने वाले इजरायल , पाकिस्तान , भारत उत्तर कोरिया ने 2003 में संधि से अलग हो गया ।

No:3. इस संधि के अनुसार 1968 से पहले परमाणु हथियार विकसित करने वाले राष्ट को परमाणु राज्य के रूप में पहचान दी गई , वे हैं अमेरिका , रूस , ब्रिटेन , फ्रांस , चीन ।

अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा संस्था ( IAEA ) 1957

No:1. मुख्यालय वियना ,

No:2. अध्यक्ष युकिया अमानो ( जापान )

No:3. सिविल परमाणु संयंत्रों पर निगरानी रखता है । भारत इसका सदस्य है ।

NSG – परमाणु आपूर्ति समूह – 1978 :-

No:1. 7 देशों द्वारा स्थापित अब 46 सदस्य देश

No:2. भारत सदस्य नहीं है ।

No:3. इसका उद्देश्य परमाणु सामग्री की आपूर्ति पर नियंत्रण स्थापित करना है ।

CTBT – व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि – 1996 :-

No:1. 183 देश हस्ताक्षर कर चुके हैं । 164 अनुमोदन कर चुके हैं 44 परमाणु सम्पन्न राष्ट्रों द्वारा हस्ताक्षर किया जाना जरूरी है । भारत ने परमाणु मुक्त विश्व की शर्त के साथ जोड़ा और इसे विभेदकारी बताते हुए हस्ताक्षर करने से मना कर दिया ।

No:2. भारत , पाकिस्तान , उत्तरी कोरिया ने हस्ताक्षर नहीं किये है । यह संधि अभि  प्रभा नहीं हुई है ।

No:3. यह संधि थल , जल , नभ में परमाणु परीक्षण पर रोक लगाती है , लेकिन वर्तमान समय में परीक्षण प्रयोगशाला में किये जाते हैं ।

भारत और परमाणु अस्त्र :-

No:1. 18 मई 1974 – ‘ बुद्धा हँसे पोखरण राजस्थान में प्रथम परमाणु अस्त्र परीक्षण

No:2. 11 – 13 मई 1998 – ‘ ऑपरेशन शक्ति पोखरण राजस्थान में पाँच परमाणु अस्त्रों का परीक्षण किया गया ।

नीति पहले परमाणु अस्त्रों का प्रयोग नहीं करना लेकिन प्रभावी निवारक शक्ति का विकास करना यानि थल , जल और नभ से परमाणु अस्त्रों को छोड़ने की प्रणाली का विकास राष्ट्रीय हित में करना ।

No:1. नियंत्रण प्रधानमंत्री के पास ।

No:2. परमाणु कमांड परमाणु कमांड प्राधिकरण – 2003 में स्थापित

No:3.मुख्यालय नई दिल्ली में

No:4. परमाणु कमांड प्राधिकरण की राजनैतिक परिषद् का अध्यक्ष प्रधानमंत्री और कार्यकारी परिषद् का अध्यक्ष राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार को बनाया गया है ।

No:5. रणनीतिक बल कमांड – 2003 परमाणु अस्त्रों के रखरखाव , प्रबंधन के लिए उत्तरदायी है ।

No:6. तीनों सेनाओं के मिश्रण से तैयार किया गया है इसका संचालन तीन स्टार जनरल / अधिकारी करता है ।

No:7.  वर्तमान प्रभारी ले . जनरल अमित शर्मा हैं ।

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