तालिबान क्या है , तालिबान के संस्थापक-विचारधारा और तालिबान की वर्तमान स्थिति
#. तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया है जिसके बाद अफगानी राष्ट्रपति अशरफ गनी ने यह कहते हुए देश छोड़ दिया है कि नागरिको के सम्मान की रक्षा करना अब तालिबान की जिम्मेदारी है, वहीं दूसरी ओर तालिबान ने भी युद्ध समाप्ति की घोषणा कर दी है, आज की इस पोस्ट में बताया गया है की तालिबान क्या है , तालिबान का इतिहास क्या है और तालिबान की वर्तमान स्थिति क्या हैं
तालिबान क्या है?
No:1. तालिबान का पश्तो भाषा
में अर्थ छात्र हैं।
No:2. तालिबान एक सुन्नी
इस्लामवादिक आंदोलन है जिसकी शुरुआत सन 1994 से अफगानिस्तान से हुयी
थी, तालिबान का जन्म उत्तरी
पाकिस्तान में सुन्नी इस्लाम का कट्टरपंथी रूप सिखाने वाले एक मदरसे में हुआ
था।
No:3. प्रारंभ में तालिबान को
लोगों द्वारा ज्यादा पसंद किया जाता था क्योंकि तालिबान ने वादा किया था की वे
भ्रष्टाचार और अराजकता को खत्म कर देंगे।
No:4. लेकिन इनके हिंसक और
इस्लामिक कानून वाली क्रूर सजाओं से जनता में आतंक फैल गया।
No:5. तालिबान ने 1995 में हेरात और 1996 में काबुल पर कब्जा कर
लिया थातालिबान को पाकिस्तान, संयुक्त अरब अमीरात एवं
सऊदी अरब से ही मान्यता प्राप्त थी,
अफगानिस्तान
की बिगड़ती गृह स्थिति के लिए तालिबान को जिम्मेदार माना जाता हैं।
No:6. 1998 तक लगभग पूरे
अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा हो गया था।
तालिबान के संस्थापक
No:1. तालिबान के संस्थापक एवं
मूल नेता मुल्ला मोहम्मद उमर थे जिनकी 2013 में मृत्यु हो गयी थी
लेकिन इसकी आधिकारिक पुष्टि उनके बेटे ने सन 2015 में की थी।
No:2. तालिबान के संस्थापक
मुल्ला के उत्तराधिकारी मुल्ला अख्तर मंसूर को 2016 की ड्रोन स्ट्राइक में
मार गिराया गया।
No:3. तबसे मावलावी हैबतुल्ला
अखुंदजादा तालिबान का कमांडर है। उमर का बेटा मुल्ला मोहम्मद याकूब भी हैबतुल्ला
के साथ है।
No:4. इसके अलावा तालिबान का
सह-संस्थापक मुल्ला अब्दुल गनी बरादर और हक्कानी नेटवर्क का मुखिया
सिराजुद्दीन हक्कानी भी तालिबान का हिस्सा है।
तालिबान की विचारधारा
No:1. शुरुआत के समय में
तालिबान को लोगों द्वारा बहुत अधिक पसंद किया गया क्योंकि तालिबान ने वादा किया था
की वो भ्रष्टाचार और अराजकता को खत्म करेगा लेकिन तालिबान के हिंसक रवैये और क्रूर
सजाओं से परेशान लोगों ने तालिबान का विरोध करना शुरू कर दिया।
No:2. संगीत, टीवी और सिनेमा पर रोक
लगा दी गई।
No:3. मर्दों को दाढ़ी रखना
जरूरी हो गया था, पिछले पांच वर्ष के तालिबानी शासन के दौरान अफगानिस्तान
में सख्त शरिया कानून लागू रहा , महिलाओ को मुख्य रूप से पढा़ई करने रोक दिया गया , बिना किसी पुरुष के
(भाई/पिता) महिलाओ के घर से निकलने पर सख्त पांबदी थी
No:4. इस्लाम के तहत ईशानिंदा
के रूप में देखे जाने वाली सांस्कृतिक कलाकृतियो को नष्ट कर दिया गया , सार्वजनिक फांसी एवं कोडे
की सजा आम हो गयी थी , पश्चिमी फिल्मो एवं किताबो पर प्रतिबंध लगा दिया गया था
तालिबान को अतंरराष्ट्रीय मान्यता
No:1. तालिबान को सत्ता में
रहते हुए सिर्फ चार देशो ने अतंराष्ट्रीय
मान्यता प्रदान की थी, चीन जैसे अन्य देशो ने वर्तमान परिदृश्यो में तालिबान को
वैध शासन के रूप में मान्यता देने के संकेत प्रदान कर दिये हैं
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