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Election Commission Rajasthan

 

Election Commission Rajasthan

राजस्थान के आयोग | Commission of Rajasthan

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राजस्थान के आयोग (Commission of Rajasthan) –

राज्य निर्वाचन आयोग

No:1. निर्वाचन आयुक्त :- अनुच्छेद 243 (k) – राज्य निर्वाचन आयोग (भाग 9)

No:2. नियुक्ति राज्यपाल द्वारा

No:3. कार्यकाल – 5 वर्ष या 62 वर्ष

No:4. सेवा शर्तों का निर्धारण विधानमंडल के द्वारा

No:5. पद से हटाना उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को हटाने के समान प्रतिक्रिया द्वारा

No:6. कार्य :-

1). पंचायत एवं नगरीय संस्थाओं के चुनाव करवाना।

2). मतदाता सूची तैयार करवाना।

3). निर्वाचन के संचालन के लिए उनका पर्यवेक्षण, निर्देशन और नियंत्रण करना।

4). राज्यपाल के द्वारा सौंपे गए अन्य काम करना।

राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC)

No:1. राजस्थान लोक सेवा आयोग की स्थापना तत्कालीन राज प्रमुख द्वारा 16 अगस्त 1949 को एक अध्यादेश जारी किया गया इसी के आधार पर 20 अगस्त 1949 को इसकी स्थापना जयपुर में की गई।

No:2. अनुच्छेद 315 :- एक राज्य के लिए एक लोक सेवा आयोग किंतु यदि एक से अधिक राज्य संसद से मिलकर यह प्रार्थना करें तो संयुक्त लोक सेवा आयोग का गठन किया जा सकता है।

No:3. अनुच्छेद 316 :- अध्यक्ष व सदस्यों की नियुक्ति

1). संयुक्त लोक सेवा आयोग में राष्ट्रपति द्वारा

2). राज्य लोक सेवा आयोग में राज्यपाल द्वारा

No:4. शपथ :- राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष को उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश व अन्य सदस्यों को अध्यक्ष शपथ दिलाता है।

No:5. कार्यकाल :- 6 वर्ष या 62 वर्ष जो भी पहले हो

No:6. त्याग पत्र :- राज्यपाल को

No:7. अनुच्छेद 137 :- पद से हटाने की प्रक्रिया

1). आरोप कदाचार के आरोप

2). जांच सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश द्वारा

3). पद से राष्ट्रपति हटाएगा

4). जांच के दौरान सदस्य, अध्यक्ष को राज्यपाल निलंबित कर सकता है।

No:8. अनुच्छेद 318 :- राज्य लोक सेवा आयोग के लिए सदस्यों व कर्मचारियों की सेवा शर्तों का निर्धारण राज्यपाल करेगा

1). इनको वेतन भत्ते राज्य की संचित निधि से दिए जाते हैं।

No:9. अनुच्छेद 319 :- सेवानिवृत्ति के बाद अन्य लाभ का पद धारण नहीं करेगा

1). अध्यक्ष यूपीएससी का अध्यक्ष व सदस्य बन सकता है।

2). सदस्य उसी आयोग में अध्यक्ष या दूसरे राज्य के आयोग में अध्यक्ष या यूपीएससी में सदस्य व अध्यक्ष बन सकता है।

No:10. अनुच्छेद 320 :- कार्य

1). राज्य की लोक सेवाओं के लिए भर्ती का आयोजन करना।

2). भर्ती पद्धति के बारे में सलाह देना।

3). पदोन्नति अनुशासनात्मक कार्यवाही के बारे में सिद्धांतों के संबंध में सरकार को सलाह देना।

#- वर्तमान में आरपीएससी में एक अध्यक्ष व 7 सदस्य हैं।

No:11. अनुच्छेद 323 :- वार्षिक प्रतिवेदन राज्यपाल को, राज्यपाल इसे विधानसभा में रखवाता है।

No:12. 20 अगस्त 1949 को आरपीएससी अस्तित्व में आ गया।

No:13. सत्यनारायण राव समिति की सिफारिश पर आरपीएससी को जयपुर से अजमेर स्थानांतरित किया गया

No:14. प्रथम अध्यक्ष एसके घोष (कार्यवाहक)

No:15. प्रथम स्थायी अध्यक्ष – SC त्रिपाठी

No:16. सबसे लंबा कार्यकाल डीएस तिवाड़ी (1951-81)

No:17. सबसे छोटा कार्यकाल फूल सिंह यादव (IPS) (1अक्टूबर 1997 से 6 नवम्बर 1997) (Commission of Rajasthan)

राज्य मानवाधिकार आयोग

No:1. गठन – 18 जनवरी 1949

No:2. कार्य प्रारंभ – 30 मार्च 2000

No:3. मानवाधिकार अधिनियम 1993 की धारा 21 में लिखा हुआ है कि राज्य सरकार मानवाधिकार आयोग का गठन कर सकती है किंतु यह राज्य की इच्छा पर निर्भर है।

No:4. प्रथम अध्यक्ष श्रीमती कांता भटनागर

No:5. संरचना :-

1). अध्यक्ष (उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश रह चुका हो)

2). 2 सदस्य (1. न्यायिक सेवा में उच्च न्यायालय या जिला न्यायालय का न्यायाधीश, 2. ऐसा व्यक्ति जो मानवाधिकार का जानकार हो)

No:6. नियुक्ति :- राज्यपाल के द्वारा मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में गठित की गई समिति की सिफारिश के आधार पर।

i). समिति के सदस्य – 1. विधानसभा अध्यक्ष, 2. नेता प्रतिपक्ष, 3. गृह मंत्री

No:7. कार्यकाल :- 5 वर्ष या 70 वर्ष की आयु

No:8. पद से हटाना :- अध्यक्ष व सदस्यों को पद से कदाचार के आधार पर हटाने का कार्य राष्ट्रपति के पास होता है।

i). कदाचार की जांच सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश करता है

No:9. यह अपनी वार्षिक रिपोर्ट राज्यपाल को देता है।

राज्य सूचना आयोग

No:1. गठन – 18 अप्रैल 2006

No:2. संरचना :- मुख्य सूचना आयुक्त व सदस्य (अधिकतम 10)

No:3. राजस्थान में वर्तमान में 1 + 2 (सदस्य)

No:4. नियुक्ति राज्यपाल द्वारा मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में गठित समिति की सिफारिशों के आधार पर

No:5. समिति मुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष (विधानसभा), सीएम द्वारा मनोनीत मंत्री

No:6. योग्यता :- अध्यक्ष व सदस्य बनने के लिए विधि, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, समाज सेवा, पत्रकारिता, जनसंपर्क एवं प्रशासन का व्यापक अनुभव होना आवश्यक है।

No:7. शर्तें :-

1). संसद या विधान मंडल का सदस्य नहीं होगा।

2). अन्य लाभ का पद धारण नहीं करेगा।

3). राजनीतिक पक्षों से जुड़ा हुआ नहीं होगा।

No:8. इसका मुख्यालय जयपुर में है।

No:9. कार्यकाल :- 5 वर्ष या 65 वर्ष की आयु जो भी पहले हो।

i). पुनः नियुक्ति का पत्र नहीं होगा।

ii). सूचना आयुक्त मुख्य सूचना आयुक्त के रूप में नियुक्ति का पत्र होगा।

No:10. शपथ :- राज्यपाल दिलाता है।

No:11. त्याग पत्र :- राज्यपाल स्वीकार करता है।

No:12. पद से हटाना :- राज्यपाल द्वारा कदाचार के आरोप के आधार पर, कदाचार की जांच सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश करेगा।

No:13. कार्य :- निम्नलिखित शिकायतें प्राप्त करेगा व जांच करेगा।

1). यदि किसी व्यक्ति ने सरकारी कार्यालय से सूचना चाहि और वह कार्यालय मना कर दे तो।

2). यदि निर्धारित समयावधि में सूचना नहीं दी जाती है।

3). यदि सूचना के बदले में अपेक्षा से विपरीत अनुचित पैसे की मांग कर ले।

4). यदि सूचना अपूर्ण, मिथ्या भ्रम में डालने वाली हो।

5). सर्वप्रथम हम जिस कार्यालय में सूचना प्राप्त करना चाहते हैं उस कार्यालय के लोक सूचना अधिकारी से संपर्क करते हैं।

6). संबंधित अधिकारी 30 दिन के अंदर सूचना उपलब्ध करवाएगा।

7). यदि वह 30 दिन में के बाद अंतिम 5 दिन तक सूचना नहीं देता है तो प्रथम अपील अधिकारी के पास जाया जाता है प्रथम अपील अधिकारी भी सुनवाई नहीं करता है तो राज्य सूचना आयुक्त के पास अपील की जाती है।

No:14. सर्वप्रथम राज्य सूचना कानून बनाने वाला राज्य तमिलनाडु (Commission of Rajasthan)

लोकायुक्त

No:1. भारत में सर्वप्रथम लोकायुक्त कानून उड़ीसा ने 1976 में बनाया।

No:2. लोकायुक्त व्यवस्था लागू करने वाला प्रथम राज्य महाराष्ट्र (1971)

No:3. राजस्थान लोकायुक्त अधिनियम – 1973

No:4. प्रथम लोकायुक्त आईडी दुआ

No:5. योग्यता उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश हो या रह चुका हो

No:6. नियुक्ति राज्यपाल द्वारा,

i). सलाह देने हेतु सीएम व विपक्ष के नेता की सहमति तथा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से परामर्श करके।

No:7. कार्यकाल – 8 वर्ष

No:8. जांच करता है :-

(i). राज्य के सभी मंत्रियों की (मुख्यमंत्री की नहीं)

(ii). राज्य के समस्त कर्मचारी व अधिकारियों की

No:9. निम्न की जांच नहीं करेगा :-

(i). न्यायिक सेवा के विरुद्ध

(ii). आरपीएससी के विरुद्ध

(iii). विधानसभा सचिवालय के कर्मचारियों के विरुद्ध

(iv). महालेखाकार के विरुद्ध

(v). एमएलए, सरपंच, वार्ड पंच के विरुद्ध

No:10. अपना वार्षिक प्रतिवेदन राज्यपाल को देता है।

No:11. इसे नख दंत विहीन संस्था / शाकाहारी बाघकहा जाता है।

नागरिक अधिकार पत्र (Citizen Charter)

No:1. अवधारणा ब्रिटेन की देन

No:2. इसका उदभव 1991 के लगभग प्रधानमंत्री जॉन मेजर ने किया था।

No:3. राजस्थान में सिटीजन चार्टर सबसे पहले 1998 में सार्वजनिक वितरण विभाग में किया गया।

No:4. राजस्व मंडल में – 1998

No:5. यह वाद योग्य नहीं है (इसे लेकर न्यायालय में नहीं जा सकते)

No:6. सिटीजन चार्टर एक प्रकार का दस्तावेज है जो किसी संगठन के द्वारा दी जाने वाली सेवा के बारे में बताता है।

राजस्थान लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2011

No:1. 14 अक्टूबर 2011 को लागू

No:2. राज्य सरकार ने 18 निकायों की 153 सेवाएं उपलब्ध करवाई जाती है।

राजस्थान जन सुनवाई अधिकार अधिनियम 2012

No:1. 01 अगस्त 2012 से लागू

No:2. जनता की शिकायतों को समय पर तरीके से निर्धारित समय में सुनवाई करना।

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