राजस्थान में कृषि नोट्स Agriculture In Rajasthan Notes in
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राजस्थान में कृषि नोट्स Agriculture In Rajasthan Notes in Hindi
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No:1. भारतीय कृषि मानसून पर
निर्भर करती है मानसून पूर्णतः अनिश्चित व अनियमित है अतः भारतीय कृषि को मानसून
का जुआ कहा जाता है।
No:2. राज्य में कुल भूमि 342.68 लाख हेक्टेयर है जिसमे
शुद्ध कृषित भूमि 53.31% है ।
No:3. कृषि योग्य भूमि को कृषि
जोत कहा जाता है।
No:4. कृषि जोत पांच प्रकार के
होते है-
कृषि जोत – कृषि योग्य भूमि
1). व्रहत कृषि जोत - 10 हेक्टेयर से अधिक
2). मध्यम कृषि जोत - 4-10 हेक्टेयर
3). अर्धमध्यम कृषि जोत - 2-4 हेक्टेयर
4). लघु कृषि जोत
- 1-2 हेक्टेयर
5). सीमान्त कृषि जोत
- 1 हेक्टेयर से कम
No:5. भारत मे इन कृषि जोतो की
सर्वप्रथम गणना 1970-71 में हुई तत्पश्चात प्रत्येक पांच वर्षों से इनकी गणना
की जाती है ।
कृषि क्षेत्र के विकास से जुड़ी प्रमुख योजनाएं
1). राष्ट्रीय कृषि सहकारी किसान क्रेडिट स्कीम :- 1998-99 इस योजना के अंतर्गत
किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराया जाता
है
No:1. राजस्थान में प्रथम केसीसी
1999 में सिरसी गांव जयपुर के
रामनिवास यादव को दिया गया।
2). आइसोपोम योजना :- इस योजना में भारत मे दलहन तथा तिलहन
फसलों के उत्पादन को बढ़ावा देने का लक्ष्य रखा गया है ।
No:1. 2007-08 में इस योजना से दलहन
फसलों को हटाकर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन में शामिल कर दिया गया ।
No:2. वर्ष 2014-15 में इस योजना में तिलहन
फसलों के साथ-साथ पादप नीम, रतनजोत, महुवा, होहोबा को शामिल करते हुए इस योजना का नाम राष्ट्रीय
तिलहन एवं ऑयल पॉम योजना कर दिया गया है ।
3). किसान कॉल सेवा योजना :- 2004
18001801551
4). राष्ट्रीय किसान आयोग :- 2004
5). राष्ट्रीय बागवानी मिशन :- 2005
No:1. भारत में फल-फूल, मसाला व सब्जियों जैसी
बागवानी फसलों को बढ़ावा देने से संबंधित योजना
No:2. यह कार्यक्रम राज्य में
बीकानेर, हनुमानगढ, चूरू, सीकर, अलवर, भरतपुर, दौसा, राजसमंद, व प्रतापगढ़ जिले को
छोड़कर शेष 24 जिलों
में लागू है ।
6). अमूल्य नीर योजना :- 2005-06
No:1. इस योजना के अंतर्गत जल
संरक्षण हेतु ड्रिप पद्धति, फव्वारा पद्धति तथा डिग्गी प्रणाली को विशेष कर बढ़ावा
दिया गया है।
7). राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन :- 2007-08
No:1. इस कार्यक्रम के अंतर्गत
गेंहू, चावल दलहन मोटा अनाच कपास, गन्ना तथा जुट फसलों के
उत्पादन को बढ़ावा देने के साथ साथ इनके भंडारण की भी समुचित व्यवस्था की गई है।
8). राजीव गांधी कृषक साथी योजना :- 2009
No:1. इस योजना के अंतर्गत कृषि
कार्य करते समय किसान की मृत्यु होने पर ₹200000 तक की तथा अंग भंग होने
पर ₹100000 तक की सहायता राशि दी
जाती है
9). राजस्थान राज्य कृषि प्रतिस्पर्धा योजना :- 2012-13
No:1. यह योजना विश्व बैंक के
द्वारा वित्त पोषित है योजना के अंतर्गत किसानों की आय में वृद्धि हेतु उन्नत
किस्म का बीज तथा जैविक खाद्य कृषि प्रौद्योगिकी वितरण पर विशेष बल दिया गया है
10). प्रधानमंत्री मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना :- 19 फरवरी 2018
No:1. इस योजना की शुरुआत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सूरतगढ़ से की गई
11). प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना :- जुलाई 2015
No:1. इस योजना का मुख्य
उद्देश्य हर खेत को पानी है
12). प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना :- जनवरी 2016
No:1. इस योजना के अंतर्गत रबी
की फसल के लिए बीमित राशि का 1.5% खरीफ की फसल के लिए 2 % तथा वाणिज्य फसल के लिए 5% भुगतान करना है
फसलों का वर्गीकरण
1). बुवाई के आधार पर
बुवाई के आधार पर फसलें तीन प्रकार की होती है जो निम्न
है –
(a) खरीफ – सावणी/स्यालु
(b) रबी – हाड़ी या उनालू
(c) जायद
2). उद्देश्य/उपयोग के आधार पर
उपयोग के आधार पर फसलें दो प्रकार की होती है।
(a) खाद्यान्न फसल :-
(i). अनाज – गेहूं चावल बाजरा मक्का ज्वार जो
(ii). दलहन – चना मूंग मोठ उड़द अरहर मैसूर चवला सोयाबीन
(b). नगदी/व्यवसायिक/वाणिज्य
फसल – चार प्रकार की
(i). तिलहन – सरसों और राई, मूंगफली, तिल, अरंडी, तारामीरा, सूरजमुखी, सोयाबीन, होहोबा, जोजोबा, रतनजोत, जेट्रोफा
(ii). रेशेदार – कपास, जूट, पटसन, रेशम, सन
(iii). पेय – गन्ना तंबाकू अफीम कॉफी चाय
(iv). मसाला – मिर्च हल्दी धनिया लहसुन सौंफ जीरा अदरक
अनाज
1). गेंहू :- यह उत्तर भारत व राजस्थान की मुख्य खाद्यान्न
फसल है
No:1. विश्व में सर्वाधिक
उत्पादन चीन व भारत
No:2. भारत में सर्वाधिक
उत्पादन यूपी बिहार पंजाब
No:3. राजस्थान में सर्वाधिक
उत्पादन गंगानगर हनुमानगढ़ अलवर
No:4. किस्म :- सोना कल्याण, मैक्सिकन सोना, लाल बहादुर, 1482, सोनालिका
No:5. राज्य में अनाजों में
सर्वाधिक उत्पादन गेहूं का होता है
2). चावल :- राजस्थान में सर्वाधिक उत्पादन – बूंदी हनुमानगढ़
No:1. किस्में – माही सुगंधा, चंबल, जया, रत्ना, कावेरी, मंगला,
No:2. बूंदी जिले में बासमती चावल का उत्पादन सर्वाधिक होता है
3). मक्का:-
राजस्थान में सर्वाधिक उत्पादन भीलवाड़ा, उदयपुर, चित्तौड़गढ़
No:1. किस्म – माही कंचन, माही, माही धवल, मोती कंपोजिट, नवजोत, विजय, किरण
No:2. मक्का की पत्तियों से
साइलेज चारा तैयार होता है
4). बाजरा :- राजस्थान में सर्वाधिक उत्पादन – अलवर, जयपुर
No:1. राज्य में अनाज में
सर्वाधिक बुवाई बाजरे की होती है
5). ज्वार :- वानस्पतिक नाम – सोरगम
No:1. सहरिया जनजाति की मुख्य
खाद्यान्न फसल
No:2. गरीब की रोटी
No:3. राजस्थान में सर्वाधिक
उत्पादन – अजमेर, पाली
No:4. किस्में – राजस्थानी चरी
6). जो :- राजस्थान में सर्वाधिक उत्पादन – जयपुर, गंगानगर
No:1. किस्म – आरडी 2034, आरडी 2058, राजकिरण
दलहन
No:1. दलहन फसलों को सिंचाई के
लिए कम पानी की आवश्यकता होती है
No:2. दलहन फसलों की जड़ों में
राइजोबियम जीवाणु पाया जाता है जो वायुमंडल की नाइट्रोजन गैस को ग्रहण कर नाइट्रेट
में बदलता है
No:3. सभी दलहनी फसलें प्रोटीन
का मुख्य स्रोत होती है किंतु प्रोटीन की सर्वाधिक मात्रा सोयाबीन 42-44 % प्रोटीन पाई जाती है
No:4. राज्य में कुल तिलहन का
सर्वाधिक उत्पादन – नागौर, बीकानेर, चूरू
नगदी फसलें
1). रेशेदार फसलें
a). कपास :- सफेद सोना
No:1.स्थानीय भाषा में बणिया
No:2. राजस्थान में सर्वाधिक
उत्पादन – हनुमानगढ़
No:3. किस्में – बीटी कपास, अमेरिकन कपास (गंगानगर, हनुमानगढ़, नागौर, जोधपुर)
No:4. कपास का वजन हमेशा गांठ
में नापा जाता है
1 गांठ = 170 kg
b). रेशम :- राज्य में
बांसवाड़ा प्रतापगढ़ व चित्तौड़गढ़ जिलों में अर्जुन व शहतूत के वृक्षों पर रेशम
के कीट पालकर कृत्रिम रेशा (टशर) का उत्पादन किया जाता है इस विधि को सेरीकल्चर
कहा जाता है
c). सन :- सर्वाधिक उत्पादन – सवाई माधोपुर
2). पेय फसलें
No:1. गन्ना :- राजस्थान में
सर्वाधिक उत्पादन – गंगानगर बूंदी
No:2. अफीम :- राजस्थान में
सर्वाधिक उत्पादन – चित्तौड़गढ़ (मालवी अफीम)
No:3. तंबाकू :- राजस्थान में
सर्वाधिक उत्पादन – जालौर अलवर किस्म – निकोटिना टुबेकम, निकोटिना रास्टिका
3). तिलहनी फसलें
राज्य में सर्वाधिक तिलहन का उत्पादन- बीकानेर, टोंक, अलवर
a). राई व सरसों :- पीला सोना
i). राजस्थान में सर्वाधिक
उत्पादन – अलवर टोंक भरतपुर
ii). क़िस्में – दुर्गामणि, वरुणा, पूसा, कल्याणी
b). मूंगफली :- गरीब की काजू
i). राजस्थान में सर्वाधिक उत्पादन – बीकानेर (लूणकरणसर), जोधपुर
ii). लूणकरणसर को राजस्थान का राजकोट (किस्म – चंद्रा)
c). अरंडी :- राजस्थान में
सर्वाधिक उत्पादन – जालौर
d). तारामीरा :- गोडाउन पक्षी
का मुख्य भोजन
i). राजस्थान में सर्वाधिक
उत्पादन – नागौर
e). होहोबा/जोजोबा :- काजरी
के वैज्ञानिक 1965 में
इजराइल से यह पौधा जोधपुर लेकर आये
i). यहां पर लगातार 31 वर्षों तक अनुसंधान के
बाद 1996-97 में शुरू किए गए
f). रतनजोत :- राजस्थान में सर्वाधिक उत्पादन – उदयपुर
मसाले
राज्य में मसाला उत्पादन में झालावाड़, कोटा, बांरा जिले अग्रणी है
जबकि भारत में केरल व राजस्थान राज्य सर्वाधिक मसालों का उत्पादन करते हैं
No:1. मेथी – बीकानेर
No:2. पान मैथी – ताऊसर क्षेत्र नागौर
No:3. जीरा – जोधपुर जालौर
No:4. ईसबगोल (घोड़ा जीरा) – जालौर (मंडी – भीनमाल)
No:5. हल्दी – बूंदी उदयपुर
No:6. अजवाइन – चित्तौड़गढ़
No:7. अदरक – उदयपुर
No:8. लहसुन – कोटा (मंडी – छीपाबड़ौद, बांरा)
No:9. धनिया – झालावाड़, बांरा (मंडी – रामगंज मंडी, कोटा)
No:10. मिर्च – सवाई माधोपुर (लाल मिर्च
मंडी – टोंक)
No:11. प्याज – जोधपुर सीकर (मंडी – अलवर)
No:12. सौंफ – नागौर
प्रमुख फल
No:1. राज्य में फलों का
सर्वाधिक उत्पादन – झालावाड़, गंगानगर जिला में होता है
No:2. राज्य में खजूर की खेती
को बढ़ावा देने के लिए जैसलमेर जोधपुर बाड़मेर पाली गंगानगर हनुमानगढ़ चूरु
झुंझुनू जालौर सिरोही नागौर जिलों में खजूर की खेती शुरू की गई
No:3. राज्य में जैविक खेती को
बढ़ावा देने हेतु डूंगरपुर जिले को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चुना गया
No:4. राज्य में जैविक खेती
अनुसंधान केंद्र की स्थापना वानिकी प्रशिक्षण केंद्र झालावाड़ में की गई
प्रमुख क्रांतियां
1). हरित क्रांति –
No:1. खाद्यान्न उत्पादन से
संबंधित
No:2. शुरुआत – 1966-67
No:3. भारत में जनक – M. S. स्वामीनाथन
2). श्वेत क्रांति :-
No:1. दुग्ध उत्पादन से संबंधित
No:2. जनक – वर्गीज कुरियन
3). लाल क्रांति –
No:1. टमाटर एवं मांस उत्पादन
से संबंधित
4). रजत क्रांति – अंडा उत्पादन से संबंधित
5). भूरी क्रांति – खाद्य प्रसंस्करण से
संबंधित
6). नीली क्रांति – मत्स्य पालन से संबंधित
7). गुलाबी क्रांति – झींगा मछली उत्पादन से
संबंधित
8). वाइट गोल्ड क्रांति – कपास उत्पादन से संबंधित
9). गोल क्रांति – आलू उत्पादन से संबंधित
10. पीली क्रांति – सरसों उत्पादन से संबंधित
11. सुनहरी क्रांति – बागवानी फसलों के उत्पादन
से संबंधित
12. अमृत क्रांति – नदियों को जोड़ने से
संबंधित
13. काली क्रांति – पेट्रोलियम पदार्थों के
उत्पादन से संबंधित
14. भूरी क्रांति – गैर परंपरागत ऊर्जा
स्रोतों को बढ़ावा देने से संबंधित
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