उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड (UPSESSB) जल्द ही राज्य में अध्यापक की भर्तियों के लिए UP TGT परीक्षा का आयोजन कराने जा रहा है। UPSESSB द्वारा Trained Graduate Teacher (TGT) के लिए आधिकारिक अधिसूचना जल्द ही जारी होने की उम्मीद है।
No.-1. लाखों
उम्मीदवार इस परीक्षा की
प्रतीक्षा कर रहे होंगे,
और यदि आप उनमें से
एक हैं तो UPSESSB TGT परीक्षा के लिए नीचे
दिए गए UP TGT Syllabus और Exam Pattern की मदद से
अपनी तैयारी शुरू करें।
No.-2. प्रिय
उम्मीदवारों इस लेख में
हमने UPSESSB UP TGT परीक्षा का विस्तृत पाठ्यक्रम
अपडेटेड परीक्षा पैटर्न के साथ प्रदान
किया है।
No.-3. यदि
आप भी आगामी UPSESSB TGT परीक्षा के
लिए उपस्थित होने के इच्छुक हैं,
और अभी तक आपको यूपी
टीजीटी सिलेबस (UPSESSB UP TGT Syllabus
PDF in Hindi) और यूपी टीजीटी पैटर्न UPSESSB TGT पाठ्यक्रम की पूरी जानकारी
नहीं है, तो हमारा सुझाव
है कि आप इस
लेख को पूरा पढ़ें।
No.-4. अभ्यर्थियों,
किसी भी परीक्षा में
सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए हमारा
पहला कदम होना चाहिए की हम परीक्षा
के पैटर्न को अच्छी तरह
से समझे, परीक्षा के पाठ्यक्रम को
अच्छी तरह से जाने, और
फिर एक संगठित अध्ययन
योजना के साथ उसका
पालन करना है।
No.-5. इसीलिए
यहां हमने आपके आसान संदर्भ के लिए इस
पृष्ठ पर UPSESSB UP TGT परीक्षा का विस्तृत पाठ्यक्रम
अपडेटेड परीक्षा पैटर्न के साथ साझा
किया है।
No.-6. आप
यहां से UPSESSB TGT Syllabus
PDF भी डाउनलोड कर सकते हैं
और UPSESSB TGT लिखित परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए अपनी
तैयारी की रणनीति को
और मजबूत कर सकते हैं।
UPSESSB UP TGT Exam
Overview
No.-1. यूपी
टीजीटी परीक्षा उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड (UPSESSB) द्वारा आयोजित की जाती है।
No.-2. यदि
आप आगामी UPSESSB TGT परीक्षा में बैठने की योजना बना
रहे हैं तो आपको ऑनलाइन
आवेदन की अंतिम तिथि
से पहले आवेदन करना होगा।
No.-3. UPSESSB
UP TGT परीक्षा में बैठने के लिए, आवेदक
को स्नातक और बी.एड.
किया होना अनिवार्य है।
No.-4. UP
TGT परीक्षा पास करने के बाद, उम्मीदवारों
को एक सरकारी शिक्षक
के रूप में नियुक्त किया जाता है और वह
कक्षा 9वीं से 10वीं (हाई स्कूल) तक के बच्चों
को पढ़ा सकता है।
No.-5. यह
लेख उम्मीदवारों को UP TGT Syllabus and
Exam Pattern के बारे में गाइड करेगा। नीचे दी गई तालिका
में यूपी टीजीटी पाठ्यक्रम और परीक्षा पैटर्न
के बारे में महत्वपूर्ण विवरण हैं।
भर्ती निकाय |
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड
(UPSESSB) |
परीक्षा का नाम |
यूपी टीजीटी परीक्षा |
लेख केटेगरी |
पाठ्यक्रम |
परीक्षा स्तर |
राज्य स्तरीय |
परीक्षा का मोड |
ऑफलाइन |
परीक्षा की भाषा |
हिन्दी एंड इंग्लिश |
आधिकारिक वेबसाइट |
UPSESSB TGT Syllabus & Exam
Pattern
No.-1. प्रिय उम्मीदवारों आप अपनी आगामी परीक्षा की तैयारी के लिए एक सही रणनीति बनाने के लिए इस पृष्ठ पर UPSESSB UP
TGT Syllabus और परीक्षा पैटर्न देख सकते हैं।
No.-2. यूपी टीजीटी पाठ्यक्रम और परीक्षा पैटर्न आपको परीक्षा की अंकन योजना और परीक्षा में प्रश्न किस विषय किस टॉपिक से पूंछे जाएंगे यह समझने में मदद करेगा।
No.-3. उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड इस लिखित परीक्षा के माध्यम से राज्य विद्यालय में सरकारी अध्यापक के पदों के लिए योग्य और प्रतिभाशाली उम्मीदवारों का ही चयन करेगा।
No.-4. इसलिए आपको UPSESSB UP
TGT की लिखित परीक्षा में अधिक से अधिक सही प्रश्नों को हल करने के लिए अपने विषय ज्ञान और कौशल में सुधार करना होगा।
No.-5. दोस्तों, आप जानते हैं कि आजकल प्रतियोगी परीक्षाएँ कठिन होती जा रही हैं, इसलिए इस परीक्षा को पास करने के लिए अभ्यर्थियों को एक ठोस अध्ययन योजना के साथ तैयारी शुरू करनी चाहिए।
No.-6. एक अच्छी अध्ययन योजना बनाने के लिए यह अत्यंत महत्वपूर्ण है की अभ्यर्थियों को नवीनतम परीक्षा पैटर्न और संबंधित परीक्षा के पाठ्यक्रम की गहन समझ होनी चाहिए।
No.-7.इसीलिए यहां हमने आपके आसान संदर्भ के लिए इस पृष्ठ पर UPSESSB
TGT परीक्षा का विस्तृत पाठ्यक्रम अपडेटेड परीक्षा पैटर्न के साथ साझा किया है, जो आपकी तैयारी की रणनीति को बढ़ावा देने में आपकी मदद करेगा।
UPSESSB TGT Exam Pattern
No.-1. UP TGT लिखित परीक्षा में कुल 125 प्रश्न पूछे जाते हैं।
No.-2. सभी प्रश्न बहुविकल्पीय प्रारूप में होंगे।
No.-3 .परीक्षा में कोई नकारात्मक अंकन नहीं है।
No.-4. UP TGT परीक्षा कुल 500 अंकों की होती है, लेकिन प्राप्त अंकों का वेटेज शिक्षामित्रों के लिए भिन्न होता है।
No.-5. शिक्षामित्रों (Ad hoc
Teachers) के लिए, लिखित परीक्षा के लिए कुल अंक 465 हैं, और सेवा वेटेज के लिए उन्हें 35 अंक आवंटित किए गए हैं।
No.-6 .प्रत्येक सही उत्तर के लिए, लिखित परीक्षा में किसी भी उम्मीदवार को +4 अंक प्राप्त होते हैं जबकि एक शिक्षा मित्र को +3.72 अंक प्राप्त होते हैं।
UPSESSB TGT Detailed Syllabus
UP TGT Syllabus Hindi/हिन्दी (01)
No.-1. हिन्दी साहित्य का इतिहास-आदिकाल, भक्तिकाल, (संत काव्य, सूफी काव्य, रामकाव्य, कृष्ण काव्य) रीतिकाल, आधुनिक काल, भारतेन्दु युग, द्विवेदी युग, छायावाद, प्रगतिवाद, प्रयोगवाद, नयी कबिता।
No.-2. हिन्दी गद्य साहित्य का विकास-निबन्ध, नाटक उपन्यास, कहानी, हिन्दी गद्य की लघु विधाएं-जीवनी, आत्मकथा, सस्मरण रेखा चित्र, यात्रा-साहित्य, गद्यकाव्य व्यग्य।
No.-3. हिन्दी के रचनाकार एवं उनकी रचनाएँ
No.-1. काव्य के भेद रस-अवयव भेद, छन््द, अलंकार, शब्दालंकार, अर्थालंकार, काव्यगुण, काव्य दोष। हिन्दी की बोलियाँ, विभाषाएं, हिन्दी की शब्द सम्पदा, हिन्दी की ध्वनियाँ देवनागरी लिपि नामाकरण, विकास विशेषताएं, त्रुटियाँ सुधार के प्रयत्न।
No.-2. व्याकरण- लिंग वचन, कारक, सन्धि, समास, वर्तनी, वाक्य, शुद्धिकरण, शब्द रूप-पर्यायवाची, विलोम, श्रुति समभिन्नार्थक शब्द, वाक्यांश के लिए एक शब्द, मुहावरा, लोकोक्ति।
No.-1. संस्कृत साहित्य
(क) संस्कृत के प्रमुख रचनाकार एवं उनकी रचनाएं, कालिदास, भवभूति, भारवि, माघ, दण्डी,
श्रीहर्ष |
(ख) सन्धि-स्वर एवं व्यंजन सन्धि, समास, शब्द रूप, धातु रूप कारक प्रयोग।
(ग) अनुवाद
UP TGT Syllabus-English (04)
No.-1. Section 1-Language
No.-1. A. Unseen
Passage for Comprehension.
No.-2. B. Part of
speech, Spelling, Punctution, Vocabulary, Tense, Narration, Prepostion Usage,
Transformation and Agreement.
Section 2-Literature
No.-1. A. Forms of
literature
No.-2. B. Authors
and their work-Shakespeare, John Miltion, William Wordswarh and John
Glaswarthy.
UP TGT Syllabus– Math/गणित (07)
No.-1. वाणिज्य / गणित-काम समय और चाल समय, चक्रवृद्धि ब्याज, बैकिंग, कराधान, प्रारम्भिक नियमों का प्रवाह सचित्र |
No.-2. सांख्यिकी-बारंबारता बटन, सांख्यिकी आकड़ों का आलेखीय निरूपण, केन्द्रीय प्रवृत्ति की मापे, विक्षेपण की मापे, जन्म / मृत्यु सांख्यिकी, सूचकांक ।
No.-3. बीजगणित-करणी, बहुपद और उनके गुणनखण्ड, लघुगणक, दो अज्ञात राशियों के रेखिय समीकरण, बहुपदों के महत्तम समापर्वतक और लघुत्तम समापवर्त्य एक घातीय तीन अज्ञात राशियों के युगपत्त समीकरण, द्विघात बहुपद के गुणनखण्ड, द्विघात समीकरण, अनुपात व समानुपात, संख्या पद्धति समुच्चय संक्रियायें, प्रतिचित्रण।
No.-4. सारणिक-परिभाषा, उपसारणिक एवं सहखण्ड, 3/3 क्रम तक के नागरिक का विस्तार सारणिक के सामान्य गुण क्रैयमर के नियम की सहायता से n रैखिक समीकरणों के निकाय का हल, आब्यूह के प्रकार, 3*3 क्रम तक के आव्यूहों का योग का गुणनफल |
No.-5. परिरवतन आव्यूह सममित और विषम सममित आब्यूह, का प्रतिलोम आब्यूह की सहायता से तीन अज्ञात राशियों के युगपत समीकरण का हल, समीकरण सिद्धान्त, मूलों के सममित फलन |
No.-6. अंकगणितीय, गुणोत्तर, हरात्मक, श्रेणियां, तथा प्राकृतिक संख्याओं के वर्गों और घनों के पदों से बनी श्रेणी का योग।
No.-7. क्रमचय और संचय, द्विपद प्रमेय, चरघातांकी और लघुगणकीय श्रेणी का योग।
No.-8. प्रायिकता-योग तथा गुणन के सिद्धान्त।
No.-9. समुच्चय सिद्धान्त-समुन्च बीजगणित के नियम, तुल्यता, संबंध, प्रतिचित्रण, प्रतिचित्रणों का संयोजन प्रतिलोम प्रतिचित्रण, पियानों के अभियृहीत तथा आगमन अभिगृहित के प्रयोग। आंशिक समूह और समूह समाकारिता, उपसमुच्चय द्वारा जनित उपसमूह, चक्रीय समूह, किसी अपयव की कोटि, चक्रीय समूह के उपसमूह, सहसमुच्चय वियोजन, लैंगरान्ज प्रमेय।
No.-10. वास्तविक विश्लेषण-वास्तविक संख्याओं की अभिगृहीतियाँ, समुच्चयों की गणनीयता दूरी समष्टि, सामीप्य, विवृत समुच्चय, संवृत समुच्चय, ब्युत्पन्न समुच्चच सघन समुच्चय परिपूर्ण समुच्चय बोल्जैनों-विस्ट्रास प्रमेय सहित अन्य सामान्य प्रमेय।
No.-11. वास्तविक संख्याओं के अनुक्रम-अनुक्रम की सीमा, अधिकारी अनुक्रम, अपसारी, अनुक्रम परिबद्ध अनुक्रम, एकदिष्ट अनुक्रम, अभिसारी अनुक्रमों की संकियायें, कोशी अनुक्रम, सीमा संबंधी कोशी प्रमेय और वास्तविक अनुक्रम की अभिसरिता पर कोशी सिद्वान्त।
No.-12. सीमा व सातत्य वास्तविक मान वाले फलनों की सीमा, वाम पक्ष और दक्षिण पक्ष सीमा, फलन का सातत्य, संतत फलनों की विशेषताएं, असातत्य और इसके प्रकार।
No.-13. त्रिकोणमिती-वृत्तीय माप तथा विशिष्ट कोणों के त्रिकोणीमितीय अनुपात, दो कोणों के योग और अन्तर के तथा किसी कोण के अपवर्त्य एवं अपवर्तक कोणों के त्रिकोणमितीय अनुपात,
No.-14. त्रिकोणमितीय सर्वतमिकायें, त्रिकोणमितीय समीकरण, त्रिभुज का हल, परिगम अन्त एवं वाहय वृत्तों की त्रिज्यायें एवं गुण, प्रतिलोम वृत्तीय फलनों के सामान्य गुण।
No.-15 .सम्भिश्र संख्यायें-उनके योग तथा गुणनफल, डिमाइवर प्रमेय और इसका प्रयोग उचाँई और दूरी। सम्मिश्र राशियों के चरघातांकीय फलन, वृत्तीय फलन एवं हाइपर।
No.-16. बोलिक फलन-वास्तविक व अधिकल्पित भागों में पृथक्करण।
No.-17. ज्यामिती-बोधायन पाइथागोरस सिद्वान्त व इसका विस्तार, वृत्त व वृत्तखण्ड, वृत्त के चाप व जीवा वृत्त की स्पर्श रेखा, एकांतर वृत्त खण्ड और उसके कोण, जीवा के खण्ड और उनसे निर्मित आयत, रेखीय सममतल आकृतियों की समरूपता।
No.-18. निर्देशांक ज्यामिती-कातीय तल, रेखा, द्वितीय घात के व्यापक समघातीय समीकरण, द्वारा निरूपित सरल रेखा युग्म। इनके बीच का कोण व अर्धकों के युग्म का समीकरण, समकोणीय कातीर्य निर्देशांकों में शंकव (वृत्त, परवलय, दीर्घ वृत्त व अति परवलय) के मानक समीकरण व प्राचलिक समीकरण|
No.-20. द्विघात व्यापक समीकरण द्वारा रेखा युग्म, वृत्त, परवलय दीर्घवृत्त व अति परवलय निरूपति करने के प्रतिबन्ध, मूल बिन्दु व अक्षों के स्थानान्तरण की सहायता से वृत्त |
No.-21. परवलय, दीर्घवृत्त व अतिपरवलय के समीकरण प्राप्त करना, शांकव के किसी बिन्दु पर स्पर्शी व अभिलम्ब-छेदक रेखा का शांकव से प्रतिच्छेदन, सीमान्त स्थिति, में इसके स्पर्शी होने का प्रतिबन्ध, स्पर्शियों के प्राचलिक समीकरण, वाह्गा बिन्दु से शांकव पर स्पर्शी युग्म।
No.-22. शांकव के किसी बिन्दु पर अभिलम्ब का समीकरण–स्पर्श करने अथवा अविलम्ब होने का प्रतिबन्ध, ध्रुवीय निर्देशाकों (द्विविगीय) में शांकव का मानक समीकरण, गोला, शंकु व बेलन का त्रिविमीय ज्यामिती।
No.-23. कलन-अवकलन-अवकलन की परिभाषा, बीजीय, त्रिकोणमितीय, चरघातांकी तथा लघुगणकीय फलनों का अवकलन, स्पर्शरेखा व अभिलम्ब, एक चर राशि के फलन के उच्चिष्ठ व निम्निष्ठ सरल वक्रों का अनुरेखण।
No.-24. समाकलन-खण्डश: तथा प्रतिस्थापन से समाकलन, आंशिक भिन्नों की सहायता से समाकलन, निश्चित समाकलन व इसके प्रयोग समतलीय वक्रों के अन्तर्गत क्षेत्रफल, बेलन, शंकुव गोले के अवकलन व पृष्ठ ज्ञात करने में समीकरण अवकलन समीकरण की कोटि व घात। गुरूत्वाधीन सरल रेखीय सरल गति के समीकरणों को हल करना।
No.-25. सदिश विश्लेषण-क्रमिक युग्म व क्रमिक त्रिक के रूप में स्थित संदिश, विस्थापन सदिश मुक्त सदिश, इकाई सदिश, मापांक तथा दिक््कोजया, बराबर सदिश, सदिशों के योग (बल, वेग, त्वरण) का संयोजन। दो सदिशों का अन्तर-सापेक्ष वेग, दो सदिशों का अदिश व सदिश गुणन। कार्य की गणना, बल आघूर्ण व टार्क की गणना में इनका प्रयोग। सदिशों का त्रिगुणन।
No.-26. स्थिति विज्ञान-तीन बल लगे पिण्डों का संतुलन, लामी का प्रमेय, त्रिभुज का नियम त्रिकोणमितीय प्रमेय एवं दो समकोणीय बलों में नियोजन। संतुलन के सामान्य प्रतिबन्ध गुरूत्व केन्द्र |
No.-27. गति विज्ञान-गुरूत्व के अधीन उध्वधिर सममतल में गति प्रक्षेप्प की गति, कार्य, उर्जा, सामर्थ्य एम0के0एस0 प्रणाली में गणना।
UP TGT Mathematics Exam Syllabus PDF
UP TGT Syllabus-Science/विज्ञान (05)
No.-1. भौतिकी
No.-2. विमा एवं मापन-एस0आई0पद्धति में मूल मात्रक व्युत्पन्न मात्रक, इकाईयों का एक पद्धति से दूरी पद्धति में परिवर्तन, विमीय विधि से समीकरणों का सत्यापन, अदिश एवं सदिश राशियाँ।
No.-3. गति एवं बल-सापेक्षिक गति, न््यूटन का सपेक्षिक गति का सिद्धान्त विस्थापन, चाल एवं वेग, रेखीय गति, कोणीय गति और उनका संबंध, सरल रेखीय गति सतत् एवं विभिन्न गतियाँ, जागत्व का सिद्धान्त, बल त्वरण, गति के समीरण, स्थितिज एवं गतिज उर्जा रेखी संवेग एवं कोणीय संवेग, उर्जा एवं संवेग का संरक्षण, स्थितिज एवं गतिज उर्जा का एक दूसरे में परिर्वतन, गुरूत्वीय एवं जड़त्वीय द्रव्यमान।
No.-4. न्यूटन के गति के नियम, क्रिया एवं प्रतिक्रिया, घूर्णन गति, बलयुग्म, क्षद्मबल, अपकेन्द्रिय एवं अभिकेन्द्रिययल, कोरियलिस बल न्यूटन गुरूत्व का नियम, केपलर का नियम, प्रक्षेप्प की गति, उपग्रहीय गति भूस्थिर उपग्रह |
No.-5. पलायन बेग, गुरूत्वीय त्वरण, ऊँचाई, गहराई, भूसतह एवं भूगति के अनुसार “जी” में परिवर्तन सरल आवर्त गति और उनका लाक्षणिक गुण, सरल लोलक, संरक्षित एवं असंरक्षित बल, प्रयानयनबल, आवर्तकाल को प्रभावित करने वाले कारक, त्वरण एवं बिना त्वरण वाले फेम (लिफ्ट) भारहीनता की अवस्था।
No.-6. उष्मा-उष्मा एवं तापमान की संकल्पना, एक पैमाने से दूसरे पैमाने में तापरूपान्तरण का मापन, तापमान का परम माप, तापीय साम्य, ठोसो में प्रसार, रेखिक, बाहय एवं घनाकार एवं सरल रेखी बहाव से उनके संबंध, आक्सोद्राविक ठोस, उष्मा चाल, साम्य अवस्था ताप प्रवणता, अच्छे एवं बुरे चालक, उष्मा का संबहन, संबहन धारा, मायासी, एवं वास्तविक प्रसार, उष्मा का विकिरण, उत्सर्जकता, अवशोषकता।
No.-7. किरचाफ के नियम, कृष्ठीका, बीन््स का विस्थापन का नियम, किसी कृष्णिका से विकिरण का प्लांक का नियम, विद्युत चुम्बकीय तरंगों के रूप में विकिरण, दाव एवं उर्जा घनन्त्व न्यूटन का शीतलन का नियम विकिरण संशोधन, स्टीफन का नियम, ताप सामर्थ्य, ऊष्मा का जल तुल्यांक।
No.-8. ठोसो द्रवों एवं गैसों के विशिष्ट उष्मा, मेयर का सम्बन्ध एक परमाणुक, द्विपरमाणुक एवं त्रिपरमाणुक गैसों के लिए विशिष्ट उष्मा का अनुपात उष्मा का मापन, कैलोरीमीटर, अवस्था में परिवर्तन, आईना, हाइग्रोमीटर उष्मा का यांत्रिक तुल्यांक, उष्मागतिकी का प्रथम नियम।
No.-9. प्रकाश-गोलीय दर्पण एवं लेन्स, अपवर्तनाक, प्रतिबिम्ब का बनना, मानव की आँख, विपणन, अवर्णता, दूर एवं निकट दृष्टिदोष, स्पष्ट दृश्यता की न्यूनतम् दूरी, व्यतिकरण विवर्तन तथा धुवीकरण की मूल अवधारणाये।
No.-10. विद्युत-सेल, प्राथमिक एवं द्वितीयक सेल, आंतरिक प्रतिरोध विद्युत वाहक बल इलेक्ट्रानिक एवं चालन धारायें, अनुगमन बेग, माध्ययुक्त पथ, विश्राम काल, ओम का नियम, श्रेणीक्रम एवं समान्तर क्रम में प्रतिरोध, धारा एवं विभवान्तर का मापन |
No.-11. गैल्वेनोमीटर का अमीटर एवं बोल्टमीटर में परिवर्तन, प्रतिरोध का मापन, व्हीट स्टोन सेतु पोस्ट आफिस बाक्स मीटर सेतु, ए0सी0 एवं डी0सी0 धाराओं में भेद, ट्रान्सफार्मर, चोक मीटर एवं जनरेटर।
No.-12. आधुनिक भौतिकी-परमाणु की संरचना, परमाणु का वेक्टर माडल, बोर का हाइड्रोजन परमाणु सिद्धान्त, परमाणु उर्जा की मूल संकल्पना, सलयन, विखण्डन, किरणों का निर्माण, प्रकाश वैद्युत प्रभाव, पी0एन0 संधि, प्र्वंधक की मूल संकल्पना।
रसायन विज्ञान
No.-1. द्रव्य-प्रकृति एवं व्यवहार द्रव्य के प्रकार, तत्व एवं उनका वर्गीकरण (धातु एवं अधातु) यौगिक एवं उनके मिश्रण।
No.-2. रासायनिक संयोग के नियम-स्थिर, अपवर्त्य एवं व्युत्करम अनुपात का नियम, गैलुसक का गैसीय आयतन संबंधी नियम, मिशरलिक का समाकृतित्व का नियम।
No.-3. पदार्थ की संरचना-डाल्टन का परमाणु सिद्धान्त, परमाणु, अणु एवं उनके अभिलक्षण। परमाणु संरचना-इलेक्ट्रान प्रोटान तथा न्यूट्रागन की खोज। रदरफोर्ड का अल्फा किरण प्रकीर्णन प्रयोग तथा नाभिक की खोज।
No.-4. रदरफोर्ड, बोहर एवं समरफील्ड के परमाणु मॉडल। क्वाटम संख्याएं, आधुनिक परमाणु सिद्धान्त |
No.-5. डीब्राग्ली समीरण, हाईजेनन वर्ग-अनिश्चतता सिद्धान्त एस0पी0 तथा डी0 कक्षकों की आकृति आफवाउ सिद्धान्त, हुण्ड के नियम एवं पाउली के अपवर्जन सिद्धान्त के आधार पर तत्वों का इलेक्ट्रानिक विन्यास |
No.-6. रेडियों सक्रियता-रेडियों सक्रियता की खोज, रेडियों सक्रिय किरणें एवं उनके गुण, अर्द्धभायु काल एवं औसत आयु, रेडियों सक्रिय क्षय के नियम, नाभिकीय विखण्डन एवं सलयन, कृत्रिम रेडियों सक्रियता। समस्थानिक, सम्भारी एवं समन्यट्रानिक।
No.-7. रसायनिक आबंधन-संयोजकता की मूल अवधारणा, इलेक्ट्रानिक सिद्वान्त, अष्टक नियम, अष्टक नियम के अपवाद, वैधुतसंयोजी, सहसंयोजी एवं उप सहसंयोजी आबंध।
No.-8. आयनिक सहसंयोजी एवं उप सहसंयोजी यौगिक के अभिलक्षण। ध्रुवण एवं फजान नियम। अक्रिय युग्म प्रभाव सह संयोजकता का संयोजकता आबंध सिद्धान्त (हाइड्रोजन अणु के लिए) संकरण तथा एस.पीएस.ी. 2 एवं एस. पी. 3 संकर कक्षकों की आकृति।
No.-9. रासायनिक अभिक्रियायें-संकेत / प्रतीक आयन एवं सूत्र। रासायनिक अभिक्रियाओं की रासायनिक समीकरणों द्वारा प्रस्तुति। भौतिक एवं रासायनिक परिरवतन एवं उनमें अंतर।
No.-10. रासायनिक अभिक्रियाओं के प्रकार-विस्थापन, योगात्मक, वियोजन, अपघटन, ट्विअपघटन, मंद तीव्र, उष्माक्षेपी, उल्फाशोषी एवं उत्प्रेरित अभिक्रियायें। वैद्युत रासायनिक सेल-वोल्टाइक सेल एवं इसके कार्य की क्रिया विधि।
No.-11. शुष्क सेल, लेड भंडारण बैट्री, उत्क्रणणीय सेल, इलेक्ट्रोड विभव, नर्न्स्ट समीकरण एवं इसके अनुप्रयोग। तत्वों का आवर्त वर्गीकरण-मेन्डलीफ का आवर्ती वर्गीकरण एवं इसका आधार, मंडलीफ आवर्त सारिणी के गुण एवं दोष |
No.-12. आवर्त सारिणी का परिवर्तित रूप एवं इसके महत्वपूर्ण लक्षण, तत्वों के आवर्ती गुण (परमाणु एवं आयनिक त्रिज्याएँ आयनन विभव, इलेक्ट्रान बंधुता तथा विधुत ऋणात्मक) वर्गों एवं आवर्तों में आवर्तन गुणों का परिरवतन।
No.-13. एस. तथा पी. ब्लाक तत्वों के सामान्य गुण। प्रथम पंक्ति के संक्रमण तत्वों (3 डी0 ब्लाक के तत्वों) के गुणों की उनके इलेक्ट्रानिक्स विन्यास, आक्सीकरण अवस्था, रंग चुम्बकीय गुण एवं जटिल यौगिकों के निर्माण के संदर्भ में विवेचना।
No.-14. सामान्य कार्बनिक रसायन- प्रेरणिक, इलेक्ट्रोरिक तथा मेसोमेरिक प्रभाव। अतिसंयुग्मन, अनुनाद, एवं उनके अनुप्रयोग, इलेक्ट्रान स्नेही एवं नाभिक स्नेही अभिकर्मक, मुक्तमूलक, कार्बोकेटायन एवं कोबोएनायन। हाईडोजन आबंधन एवं इसके प्रभाव। कार्बनिक यौगिक का वर्गीकरण एवं उनको नामकरण।
No.-15. समावयता-संरचनात्मक एवं त्रिविम समावयता, कार्बनिक अभिक्रियाओं की क्रियाविधि की अवधारण | सरल प्रतिस्थापना, योगात्मक एवं निराकरण अभिक्रियाओं की