Chairman of National Human Rights Commission 2021: Arun Kumar Mishra
No:1. राष्ट्रीय मानवाधिकार
आयोग (एनएचआरसी) के नए अध्यक्ष सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जस्टिस अरुण कुमार
मिश्रा होंगे।
No:2. प्रधानमंत्री नरेंद्र
मोदी की अध्यक्षता वाली उच्चस्तरीय नियुक्ति समिति ने 31 मई 2021 को उनकी नियुक्ति पर
मुहर लगाई।
No:3. एनएचआरसी के अध्यक्ष के
तौर पर जस्टिस मिश्रा का कार्यकाल पांच वर्ष का होगा। जस्टिस मिश्रा पिछले साल
सितंबर में ही सुप्रीम कोर्ट से रिटायर हुए थे।
No:4. इसके साथ ही महेश कुमार
मित्तल और डा. राजीव जैन को आयोग का सदस्य नियुक्त किए जाने की भी मंजूरी दी गई।
No:5. हालांकि, समिति में शामिल राज्यसभा
में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने एससी-एसटी समुदाय के प्रतिनिधि को
मानवाधिकार आयोग का सदस्य नहीं बनाए जाने पर एतराज जताते हुए असहमति जताई।
No:6. जस्टिस एचएल दत्तू के
दिसंबर 2020 में रिटायर होने के
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का अध्यक्ष पद बीते छह माह से खाली था।
No:7. इसीलिए आयोग के
पूर्णकालिक अध्यक्ष और दो सदस्यों के चयन के लिए पांच सदस्यीय उच्चस्तरीय पैनल की 31 मई को बैठक हुई जिसमें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, राज्यसभा में नेता विपक्ष
खड़गे और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नरायण सिंह शामिल थे।
No:8. समझा जाता है कि खड़गे ने
जस्टिस अरुण कुमार मिश्रा और बाकी दोनों सदस्यों के नामों पर तो कोई आपत्ति नहीं
की। लेकिन आयोग के सदस्यों की नियुक्ति की सरकारी प्रक्रिया पर सवाल उठाया।
No:9. खड़गे ने कहा कि
मानवाधिकार आयोग में अनुसूचित जाति और जनजाति तथा अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न और
अधिकारों के हनन की सबसे ज्यादा शिकायतें आती हैं।
No:10. इसीलिए इस समुदाय को आयोग
में सदस्य के तौर पर पर नियुक्त किया जाना चाहिए।
No:11. इस पर सरकार की तरफ से कहा
गया कि नियुक्ति की मौजूदा व्यवस्था में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है।
No:12. खड़गे ने तब ऐसा प्रावधान
किए जाने पर जोर देते हुए नियुक्ति की प्रक्रिया को लेकर अपनी असहमति का नोट दर्ज
कराया।
सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण नोट्स:
No:1. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग
(National
Human Rights Commission in India) का गठन 12 अक्टूबर 1993 को हुआ था।
No:2. भारत का राष्ट्रीय
मानवाधिकार आयोग एक स्वायत्त सार्वजनिक निकाय है जिसका गठन 1993 को 28 सितंबर 1993 को मानव अधिकारों के
संरक्षण अध्यादेश के तहत किया गया था। इसे मानवाधिकार अधिनियम, 1993 द्वारा एक वैधानिक आधार
दिया गया है।
No:3. आयोग में कुल आठ सदस्य
होते हैं- एक अध्यक्ष, एक वर्तमान अथवा पूर्व सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश, एक वर्तमान अथवा भूतपूर्व
उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश, मानवाधिकार के क्षेत्र
में जानकारी रखने वाले कोई दो सदस्य
No:4. तथा राष्ट्रीय महिला आयोग, राष्ट्रीय अनुसूचितजाति
आयोग, राष्ट्रीय अनुसूचित
जनजाति आयोग एवं राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष।
No:5. इसके अध्यक्ष सहित सभी
सदस्यों का कार्यकाल पांच वर्ष का होता है।
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