Assistant Commandant Diksha – पिता अपने बच्चों
को ख़ुद से भी ज़्यादा कामयाब होते देखना चाहते हैं और इसके लिए वे कुछ भी करते हैं
और जब उनके बच्चे भी मेहनत कर पिता के अधूरे सपनों को उड़ान देते हैं और उन्हें
पूरा करते हैं, तो उससे अधिक गौरवपूर्ण क्षण उस पिता के लिए हो ही
नहीं सकता। बच्चे जब अपने पिता से ज़्यादा बड़ी सफलता हासिल करके पिता को भाग्यशाली
व गर्वित अनुभव कराते हैं।
ऐसा ही एक दृश्य देखने को मिला भारत-तिब्बत सीमा
पर परेड के दौरान, जब भारत-तिब्बत सीमा पुलिस निरीक्षक कमलेश
कुमार ने सीमा पर नियुक्त अपनी बेटी ‘कमांडेंट दीक्षा’ को सैल्यूट किया।
असल में,
यह नज़ारा 8 अगस्त 2021,
रविवार के दिन
देखने को मिला। उस दिन दीक्षा भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP)
में प्रथम बार
सहायक कमांडेंट के तौर पर ड्यूटी जॉइन करने वाली दो महिला अधिकारियों में से एक
बनीं थीं। पिता कमलेश कुमार ने जब बेटी को भावविभोर होकर सलामी दी, तो इस परिदृश्य ने
सभी के दिल को छू लिया।
फर्स्ट लेडी कमांडेंट बनीं दीक्षा ( Assistant
Commandant Diksha )
साधारणतया भारत-तिब्बत बॉर्डर पर पुलिस में
पुरुषों की नियुक्ति होती है, परन्तु इस बार ऐसा
नहीं था,
क्योंकि
भारत-तिब्बत सीमा पुलिस अर्थात आईटीबीपी (ITBP) की मसूरी में स्थित
एकेडमी से 2 लेडी असिस्टेंट कमांडेंट ने पास होकर इतिहास रच
दिया। जिससे ना केवल उन महिलाओं के लिए, बल्कि सभी महिलाओं
के लिए गर्व की बात है। इन्हीं 2 महिलाओं में से एक
का नाम है दीक्षा, जिनके पिता ITBP
में इंस्पेक्टर के
पद पर कार्यान्वित हैं।
जब दीक्षा के पिता कमलेश कुमार ने अपनी बेटी को
एकेडमी से पास होकर निकलते देखा, तो यह पल उनके लिए
अत्यंत गौरवपूर्ण था। अपनी बेटी को कमांडेंट के रूप में देखकर वे भावुक हो गए और
बेटी को सेल्यूट किया। बता दें कि दीक्षा के साथ जो दूसरी महिला कमांडेंट बनीं, उनका नाम प्रकृति
है और वे भी ITBP में असिस्टेंट कमांडेंट के पद पर नियुक्त हुईं
हैं। कमलेश कुमार व उनकी बेटी के लिए यह क्षण अत्यंत भावुक करने वाला था, क्योंकि उनकी अपनी
बेटी की नियुक्ति उनसे ऊंचे पद पर हुई थी।
पिताजी को दिया कामयाबी का श्रेय
अपनी इस कामयाबी का श्रेय कमांडेंट दीक्षा अपने
पिता को देते हुए कहती हैं कि उनके पिताजी ने हमेशा से उनको ITBP
में शामिल होने के
लिए प्रेरित किया तथा इसके लिए उनसे जो बन पड़ा हर प्रकार से सहयोग भी किया। वे आगे
बताती हुई कहती हैं कि ITBP महिलाओं हेतु काफ़ी अच्छी फोर्स है। जिन
महिलाओं को जीवन में चुनौतीयों का सामना करना पसंद है, उन्हें तो इस फोर्स
में अवश्य जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि महिलाएँ हर क्षेत्र में आगे हैं। एक
समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक, वर्ष 2016 में ITBP
ने UPSC
एग्जाम के द्वारा
महिला लड़ाकू ऑफिसर्स की कंपनी कमांडर के तौर पर जॉइनिंग की शुरूआत की थी, अब यह ऐसा प्रथम
अवसर है,
जब 2 महिलाएँ भी इस
पोस्ट पर नियुक्त हुई हैं।
ITBP ने ट्विटर के
माध्यम से शेयर की फोटोज़
ITBP ने अपने ट्विटर
अकाउंट के माध्यम से पिता व बेटी के मध्य के इस भावविभोर कर देने वाले दृश्य की
फोटोज़ शेयर कीं और साथ ही कैप्शन में लिखा-‘बेटी को गर्व से
नमन…
फिर दीक्षा के बारे
में अधिक जानकारी देते हुए बताया कि दीक्षा की जॉइनिंग ITBP
में असिस्टेंट
कमांडेंट के तौर पर हुई है। दीक्षा के पिता इंस्पेक्टर / CM
कमलेश कुमार आज ITBP
एकेडमी, मसूरी में पासिंग
आउट परेड व सत्यापन समारोह होने के बाद उन्हें सेल्यूट करते हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह थे परेड समारोह के चीफ
गेस्ट
बता दें कि इस पासिंग आउट परेड समारोह के मुख्य
अतिथि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी थे। PTI
की एक रिपोर्ट के
मुताबिक,
मुख्यमंत्री जी ने ITBP
के महानिदेशक SS
देसवाल और साथ ही 2 महिला अधिकारियों
(प्रकृति व दीक्षा) को भी अर्धसैनिक बल में एंट्री लेवल के अधिकारी रैंक के सहायक
कमांडेंट के तौर पर पास होने के लिए बधाई दी। इस पास आउट परेड व सत्यापन समारोह
में इन दोनों महिला ऑफिसर्स ने देश की सेवा करने की शपथ ग्रहण की। गौरतलब है कि
ऐसा पहली बार हुआ है, जब ITBP में 2 महिलाओं की
असिस्टेंट कमांडेंट के रूप में नियुक्ति हुई है। मसूरी स्थित ITBP
एकेडमी से इस वर्ष
कुल 53 असिस्टेंट
कमांडेंट पास हुए, जिनमें से 43 जनरल ड्यूटी पर
नियुक्त होंगे व 11 इंजीनियर होंगे।
वास्तव में, दीक्षा और प्रकृति
ने साबित कर दिया कि यदि मन में सच्ची लगन हो तो महिलाओं के लिए कोई भी कार्य कठिन
नहीं है,
वे हर क्षेत्र में
अपना कमाल दिखाती हैं।
No comments:
Post a Comment