Wildlife Sanctuaries in Uttar Pradesh : उत्तर प्रदेश के वन्य जीव विहार
No:1. देश में सर्वप्रथम वर्ष 1956 में वन्य जीव परिरक्षण
संगठन की स्थापना उत्तर प्रदेश में की गई थी ।
No:2. वन्य जीव परिरक्षण संगठन का प्रमुख कार्य प्रदेश में जैव
विविधता संरक्षण तथा प्रदेश के वन्य जीवों एवं उनके प्राकृतिक वास-स्थलों का
संरक्षण एवं विकास करना है।
No:3. उत्तर प्रदेश के संपूर्ण वन क्षेत्र का लगभग 1/3 भाग वन्यजीव परिरक्षण
संगठन के नियंत्रण में है।
No:4. वर्तमान में उत्तर प्रदेश में 3 राज्य प्राणी उद्यान, 1 राष्ट्रीय उद्यान, आरक्षित संरक्षण क्षेत्र
तथा 26 वन्य जीव विहार हैं ।
राज्य प्राणी उद्यान/पार्क
No:1. प्राणी विज्ञान ऐसे नागरिकों की सुविधा के लिए होते हैं
जो वन वन्य क्षेत्रों में जाकर वन्यजीवों (Wildlife Animals) को नहीं देख सकते हैं।
इन्हें हम चिड़ियाघर भी कह सकते हैं।
No:2. उत्तर प्रदेश में 3 राज्य प्राणी उद्यान है-
1). नवाब वाजिद अली शाह
प्राणी उद्यान, जूलॉजिकल
गार्डन- लखनऊ
2). कानपुर चिड़ियाघर – कानपुर
3). शहीद अशफाक उल्ला खां
प्राणी उद्यान- गोरखपुर
दुधवा राष्ट्रीय उद्यान (Dudhwa National Park)
No:1. यह प्रदेश का एकमात्र राष्ट्रीय उद्यान है। जो लखीमपुर
खीरी और पीलीभीत जिलों के 490 वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र में फैला है।
No:2. बारहसिंहा एवं शेर जैसी दुर्लभ प्रजातियों के संरक्षण
एवं समुचित विकास के लिए 1968 में स्थापित दुधवा पशु विहार को 1977 में राष्ट्रीय उद्यान का
दर्जा दे दिया गया।
No:3. इस पार्क में बाघ, बारहसिंह, चीतल, एक सींग वाले गेंडे, पांडा, हाथी, भालू, अजगर, मगर, सांभर, आदि जीवों के अलावा
बारहसिंहा की दुर्लभ प्रजाति सेरवन डुआलिसी तथा डिस्पिड हेयर एवं चरज जैसे दुर्लभ
जंतु पाए जाते हैं।
उत्तर प्रदेश में वन्य जीव विहार (Wildlife
Sanctuary in Uttar Pradesh)
No:1. वन्यजीवों के संरक्षण के लिए राज्य सरकार द्वारा 1956 में स्थापित संगठन
द्वारा सर्वप्रथम 1957 में चंदौली स्थित चंद्रप्रभा वन्य जीव विहार की स्थापना
की गई।
No:2. वर्तमान में केंद्र सरकार के आंकड़ों के अनुसार उत्तर
प्रदेश में 15 वन्य
जीव विहार है तथा उत्तर प्रदेश सरकार के आंकड़ों के अनुसार
प्रदेश में 11 वन्य जीव विहार हैं तथा 11 पक्षी वन्य जीव विहार हैं।
वन्य जीव विहार |
क्षेत्रफल (वर्ग किमी.) |
स्थान (जिला) |
हस्तिनापुर
वन्य जीव विहार |
2073 |
मेरठ, गाजियाबाद, हापुड़, बिजनौर, अमरोहा,मुजफ्फरनगर |
राष्ट्रीय
चंबल वन्य जीव विहार |
635 |
आगरा
एवं इटावा |
पीलीभीत
वन्य जीव विहार |
602.79 |
पीलीभीत |
कैमूर
वन्य जीव विहार |
500.73 |
मिर्जापुर
एवं सोनभद्र |
सुहेलवा
वन्य जीव विहार |
452.47 |
बलरामपुर, गोंडा, श्रावस्ती |
सोहगी
बरवा वन्य जीव विहार |
428.2 |
महाराजगंज |
कतर्नियाघाट
वन्य जीव विहार |
400.09 |
बहराइच |
रानीपुर
वन्य जीव विहार |
230.31 |
बांदा
एवं चित्रकूट |
किशनपुर
वन्य जीव विहार |
227 |
लखीमपुर
खीरी |
चंद्रप्रभा
वन्य जीव विहार |
78 |
चंदौली |
पार्वती
अरंगा वन्य जीव विहार |
10.84 |
गोंडा |
कछुआ
वन्य जीव विहार |
7 |
वाराणसी |
महावीर
स्वामी वन्य जीव विहार |
5.41 |
ललितपुर |
विजय
सागर वन्य जीव विहार |
2.62 |
महोबा |
पटना
वन्य जीव विहार |
1.09 |
एटा |
उत्तर प्रदेश के पक्षी वन्य जीव विहार
No:1. नगरों, औद्योगिकीकरण तथा पेड़-पौधों के निरंतर ह्रास तथा कई
अन्य कारणों से पक्षियों की कई प्रजातियां विलुप्त हो गई है और राज्य पक्षी सारस, कौवा व गिद्ध जैसी कुछ
प्रजातियां विलुप्त होने की कगार पर हैं ।
No:2. वैज्ञानिकों के अनुसार गिद्धों और कौऔं की असामयिक
मृत्यु का मुख्य कारण डी.डी.टी. तथा बी.एच.सी. जैसे कीटनाशक रसायन है जो मृत
प्राणी के शरीर में विद्यमान रहते हैं जिन्हें खाकर ये पक्षी अपना पेट भरते हैं।
No:3. इसके अलावा पर्यावरण में बदलाव और पक्षियों का शिकार भी
इनके विनाश का कारण है।
No:4. आज से डेढ़ से दो दशक पहले कच्चे घर हुआ करते थे जिनकी
छतें घास-फूस की बनी होती थीं जिनमें पक्षी घोंसले बनाकर रहते थे लेकिन आजकल इन
कच्चे घरों का स्थान ईंट के पक्के घरों और कंक्रीट की छतों ने ले लिया है जिससे
पक्षी अब इन घरों में अपने घोंसले नहीं बना पाते हैं।
पक्षियों के संरक्षण के लिए राज्य वन विभाग के अधीन इस समय कुल 11 वन्य जीव विहार हैं-
पक्षी विहार |
क्षेत्रफल (वर्ग किमी.) |
स्थापना वर्ष |
स्थान (जिला) |
लाख
बहोसी पक्षी वन्य जीव विहार |
80.24 |
1988 |
कन्नौज |
जयप्रकाश
नारायण (सुरहा ताल) पक्षी वन्य जीव विहार |
34.32 |
1991 |
बलिया |
बखीरा
पक्षी वन्य जीव विहार |
28.94 |
1990 |
संत
कबीर नगर |
समसपुर
पक्षी वन्य जीव विहार |
7.99 |
1987 |
रायबरेली |
समान
पक्षी वन्य जीव विहार |
5.26 |
1990 |
मैनपुरी |
डॉ
भीमराव अंबेडकर पक्षी वन्य जीव विहार |
4.27 |
2003 |
प्रतापगढ़ |
सूर
सरोवर पक्षी वन्य जीव विहार |
4.03 |
1991 |
आगरा |
सांडी
पक्षी विहार |
3.09 |
1990 |
हरदोई |
ओखला
पक्षी वन्य जीव विहार |
3.5 |
1990 |
गौतमबुद्ध
नगर |
शहीद
चंद्रशेखर आजाद (नवाबगंज) पक्षी वन्य जीव विहार |
2.25 |
1984 |
उन्नाव |
शेखा
पक्षी वन्य जीव विहार |
0.25 |
—– |
अलीगढ़ |
उत्तर प्रदेश के टाइगर रिजर्व (Tiger
Reserve)
उत्तर प्रदेश में वर्तमान में तीन टाइगर रिजर्व हैं –
1). दुधवा टाइगर रिजर्व
2). अमानगढ़ टाइगर रिजर्व
3). पीलीभीत टाइगर रिजर्व
दुधवा टाइगर रिजर्व (Dudhwa Tiger Reserve)
No:1. वर्ष 1987 में दुधवा राष्ट्रीय उद्यान को ” प्रोजेक्ट टाइगर” में आच्छादित किया गया।
No:2. बाद में किशनपुर वन्य जीव विहार एवं कतरनिया घाट वन्य
जीव विहार क्षेत्र को भी इस टाइगर रिजर्व में शामिल किया गया।
No:3. दुधवा टाइगर रिजर्व लखीमपुर खीरी और बहराइच जिलों में
फैला है इसके अंतर्गत दुधवा राष्ट्रीय पार्क, किशनपुर वन्य जीव विहार
और कतरनिया घाट वन्य जीव विहार आते हैं।
अमनगढ़ टाइगर रिजर्व (Amangarh Tiger Reserve)
No:1. अमनगढ़ टाइगर रिजर्व मूल रूप से जिम कार्बेट नेशनल पार्क
का हिस्सा था।
No:2. उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के अलग अलग हो जाने के बाद
जिम कार्बेट नेशनल पार्क उत्तराखंड के हिस्से में आया तथा अमरगढ़ क्षेत्र उत्तर
प्रदेश के हिस्से में आया।
No:3. बिजनौर के अमनगढ़ क्षेत्र को में उत्तराखंड के जिम
कार्बेट टाइगर रिजर्व के बफर क्षेत्र के रुप में सम्मिलित किया गया तथा इसे वर्ष 2012 में टाइगर रिजर्व घोषित
किया गया।
पीलीभीत टाइगर रिजर्व (Pilibhit Tiger Reserve)
No:1. पीलीभीत टाइगर रिजर्व, पीलीभीत और शाहजहांपुर
जिलों के लगभग 73 हजार
वर्ग हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ है।
No:2. इसे जून 2014 में प्रदेश का तीसरा
टाइगर रिजर्व बनाया गया है।
अन्य महत्वपूर्ण बिंदु
No:1. उत्तर प्रदेश का राजकीय पशु बारहसिंहा है।
No:2. उत्तर प्रदेश का राजकीय पक्षी सारस अथवा क्रोंच है।
No:3. उत्तर प्रदेश के राजकीय चिन्ह पर मछली एवं धनुष तीर की
आकृति है।
No:4. रेड डाटा बुक में संकटग्रस्त और विलुप्तप्राय जीवो का
विवरण रखा जाता है।
No:5. प्रदेश में पक्षियों के प्रति आम जनता में जागरूकता
उत्पन्न करने के लिए प्रति वर्ष दिसंबर माह के प्रथम सप्ताह में बर्ड फेस्टिवल का
आयोजन किया जाता है।
Wildlife Sanctuaries in Uttar Pradesh – उत्तर प्रदेश के वन्य जीव विहार निम्न प्रकार हैं:
No:1. चन्द्रप्रभा वन्य जीव विहार
स्थान – चन्दौली
क्षेत्रफल – 87 वर्गकिमी०
स्थापना – 1957
No:2. किशनपुर वन्य जीव विहार
स्थान – लखीमपुर खीरी
क्षेत्रफल – 227 वर्गकिमी०
स्थापना – 1972
No:3. कतरनिया वन्य जीव विहार
स्थान – बहराइच
क्षेत्रफल – 410 वर्गकिमी0)
स्थापना – 1976
No:4. रानीपुर वन्य जीव विहार
स्थान – बॉदा
क्षेत्रफल – 230 वर्गकिमी0
स्थापना – 1977
No:5. महावीर स्वामी वन्य जीव विहार
स्थान – ललितपुर
क्षेत्रफल – 5.40 वर्गकिमी0
स्थापना – 1977
No:6. चम्बल वन्य जीव विहार
स्थान – आगरा व इटावा
क्षेत्रफल – 635 वर्गकिमी0
स्थापना – 1979
No:7. कैमूर वन्य जीव विहार
स्थान – मिर्जापुर एवं सोनभद्र
क्षेत्रफल – 510 वर्गकिमी0
स्थापना – 1982
No:8. हस्तिनापुर वन्य जीव विहार
स्थान – मेरठ, मुरादाबाद, मुजफफर नगर
क्षेत्रफल – 2073 वर्गकिमी0
स्थापना – 1986
No:9. सोहागी वरवा वन्य जीव विहार
स्थान – महाराजगंज
क्षेत्रफल – 428 वर्गकिमी0
स्थापना – 1987
No:10. सोहेलवा वन्य जीव विहार
स्थान – बहराइच एवं गोंडा
क्षेत्रफल – 452 वर्गकिमी0
स्थापना – 1987
No:11. कछवा वन्य जीव विहार
स्थान – वाराणसी
क्षेत्रफल – 7 वर्गकिमी0
स्थापना – 1989
No:12. पीलीभीत टाइगर रिजर्व
स्थान – पीलीभीत
क्षेत्रफल – 1079 वर्गकिमी0
स्थापना – 2008
Recommended : Tribes of Uttar Pradesh
No comments:
Post a Comment