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RPSC RAS Syllabus in Hindi – संयुक्त राज्य / अपर अधीनस्थ सेवा (आरएएस) विस्तृत सिलेबस

प्रिय उम्मीदवारों इस लेख में हमने RPSC RAS प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा का विस्तृत पाठ्यक्रम अपडेटेड परीक्षा पैटर्न के साथ प्रदान किया है। यदि आप भी आरपीएससी की आगामी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं और अभी तक आपको RPSC आरएएस पाठ्यक्रम की पूरी जानकारी नहीं है, तो हमारा सुझाव है कि आप इस लेख को पूरा पढ़ें।

No.-1. दोस्तों, आप जानते हैं कि आजकल प्रतियोगी परीक्षाएँ कठिन होती जा रही हैं, और RPSC RAS जैसी परीक्षा को पास करना कोई आसान काम नहीं है। लेकिन अगर आप सही दिशा में कड़ी मेहनत करते हैं तो आप इस परीक्षा को पास कर सकते हैं।

No.-2. अभ्यर्थियों, किसी भी परीक्षा में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए हमारा पहला कदम होना चाहिए की हम परीक्षा के पैटर्न को अच्छी तरह से समझे, परीक्षा के पाठ्यक्रम को अच्छी तरह से जाने, और फिर एक संगठित अध्ययन योजना के साथ उसका पालन करना है।

No.-3. इसीलिए यहां हमने आपके आसान संदर्भ के लिए इस पृष्ठ पर RPSC RAS प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा का विस्तृत पाठ्यक्रम अपडेटेड परीक्षा पैटर्न के साथ साझा किया है।

No.-4. आप यहां से RPSC RAS (प्रीलिम्स एंड मेन्स) परीक्षा पाठ्यक्रम पीडीएफ भी डाउनलोड कर सकते हैं और RPSC आरएएस 2022 लिखित परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए अपनी तैयारी की रणनीति को और मजबूत कर सकते हैं।

No.-5. प्रिय उम्मीदवारों यह पोस्ट थोड़ी लंबी होने वाली है क्योंकि हम आपको RPSC RAS परीक्षा के सभी अनुभागों का विस्तृत पाठ्यक्रम प्रदान कर रहे हैं, लेकिन आप अपनी रुचि के अनुभाग में जा सकते हैं।

No.-6. आपके आसान संदर्भ के लिए, हम इस पोस्ट में महत्वपूर्ण सामग्री की तालिका प्रदान कर रहे हैं।

RPSC RAS Exam Overview

No.-1. Rajasthan RAS परीक्षा राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) द्वारा आयोजित की जाती है।

No.-2. यदि आप आगामी RPSC RAS परीक्षा में बैठने की योजना बना रहे हैं तो आपको ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि से पहले आवेदन करना होगा।

No.-3. उम्मीदवारों का चयन 3 चरण की भर्ती प्रक्रिया के माध्यम से किया जाएगा। पहला और सबसे महत्वपूर्ण चरण लिखित परीक्षा है जिसके लिए हमने इस लेख में हर विवरण पर चर्चा की है।

No.-4. यहां हमने RPSC RAS Interview Pattern पर भी महत्वपूर्ण जानकारी दी है। इसलिए हमारा सुझाव है कि आप इस लेख को अंत तक पढ़ें।

No.-5. यह लेख उम्मीदवारों को RPSC RAS Syllabus and Exam Pattern के बारे में गाइड करेगा। नीचे दी गई तालिका में Rajasthan RAS पाठ्यक्रम और परीक्षा पैटर्न के बारे में महत्वपूर्ण विवरण हैं।

भर्ती निकाय

राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC)

परीक्षा का नाम

राजस्थान आरएएस परीक्षा

लेख केटेगरी

पाठ्यक्रम

परीक्षा स्तर

राज्य स्तरीय

परीक्षा का मोड

ऑफलाइन

परीक्षा की भाषा

हिन्दी एंड इंग्लिश

चयन प्रक्रिया

प्रारंभिक लिखित परीक्षा मुख्य लिखित परीक्षा साक्षात्कार

आधिकारिक वेबसाइट

rpsc.rajasthan.gov.in

RPSC RAS Selection Process

No.-1. RPSC RAS परीक्षा के सभी चरणों की गहन समझ RPSC राजस्थान प्रशासनिक सेवा परीक्षा को पास करने की राह पर एक अत्यंत महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

No.-2. राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) राज्य प्रशासनिक सेवाओं में विभिन्न रिक्तियों को भरने के लिए राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) की ऑनलाइन परीक्षा आयोजित करता है।

No.-3. हर साल लाखों उम्मीदवार RPSC आरएएस परीक्षा के लिए उपस्थित होते हैं, इसलिए परीक्षा का कठिनाई स्तर काफी कठिन है और इसलिए, आवेदकों को परीक्षा की तैयारी के लिए अपना 100% देना होगा।

No.-4. RPSC RAS परीक्षा में तीन प्रमुख चरण शामिल हैं:

No.-1. प्रारंभिक परीक्षा [वस्तुनिष्ठ प्रकार और बहुविकल्पी]

No.-2. मुख्य परीक्षा [पारंपरिक प्रकार, लिखित परीक्षा]

No.-3. साक्षात्कार [व्यक्तित्व परीक्षण]

RPSC RAS Exam Pattern

No.-1. सबसे पहले, आपको आरपीएससी आरएएस परीक्षा के पैटर्न और अंकन योजना के बारे में पता होना चाहिए जैसा कि पहले कहा गया है

No.-2. कि आरपीएससी आरएएस परीक्षा तीन चरणों में आयोजित की जाती है, अर्थात् प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और व्यक्तिगत साक्षात्कार।

No.-3. अब, आइए एक-एक कर के देखें कि प्रीलिम्स, मेन्स और इंटरव्यू का परीक्षा पैटर्न क्रमशः क्या है।

RPSC RAS Prelims Exam Pattern

No.-1. प्रारंभिक परीक्षा तीन चरणों की चयन प्रक्रिया का पहला दौर है। आरपीएससी द्वारा प्रारंभिक परीक्षा मुख्य परीक्षा के लिए सीमित उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट करने के लिए आयोजित की जाती है। इस चरण में अर्हता प्राप्त करने वाले उम्मीदवारों को ही अगले चरण (मुख्य परीक्षा) के लिए शॉर्टलिस्ट किया जाएगा।

No.-2. RPSC RAS की प्रारंभिक परीक्षा में वस्तुनिष्ठ प्रकार (Objective) का केवल एक पेपर होता है, जो सामान्य ज्ञान और सामान्य विज्ञान है।

Paper

Ques.

Marks

Duration

सामान्य ज्ञान और सामान्य विज्ञान

150

200

180 min

 

नोट: महत्वपूर्ण बिंदु

No.-1. प्रीलिम्स परीक्षा में वस्तुनिष्ठ प्रकार का 200 अंको का केवल एक पेपर होता है।

No.-2. RAS Prelims परीक्षा में Objective Type के कुल 150 प्रश्न होंगे।

No.-3. प्रारंभिक परीक्षा 3 घंटे (180 मिनट) की अवधि का होता है।

No.-4.RPSC RAS Pre Exam में प्रत्येक गलत उत्तर के लिए 1/3 अंक की नकारात्मक अंकन है।

No.-5. #नोट: प्रारंभिक परीक्षा मुख्य परीक्षा के लिए सीमित उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट करने के लिए आयोजित की जाती है। प्रारंभिक परीक्षा में प्राप्त अंकों को अंतिम परिणाम (मेरिट सूची) में शामिल नहीं किया जाएगा।

RPSC RAS Mains Exam Pattern

No.-1. मेन्स परीक्षा सिविल सेवा परीक्षा के दूसरे चरण का गठन करती है। प्रारंभिक परीक्षा में सफलतापूर्वक उत्तीर्ण होने के बाद ही उम्मीदवारों को आरपीएससी आरएएस मेन्स लिखने की अनुमति दी जाएगी।

No.-2. आरपीएससी मेन्स परीक्षा में वर्णनात्मक प्रकार के 4 पेपर होते हैं।

No.-3. आइये अब हम विस्तृत RPSC RAS Mains परीक्षा पैटर्न पर एक नज़र डालते हैं।

No.-4. आरपीएससी मेन्स परीक्षा कुल 800 अंकों की होगी।

No.-5. सभी 4 पेपर स्कोरिंग प्रकृति के हैं, उनके अंक अंतिम मेरिट सूची में शामिल किए जाएंगे।

No.-6. प्रत्येक पेपर हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में होगा (भाषा विषयों को छोड़कर)

RPSC RAS Interview Pattern

No.-1. RPSC RAS परीक्षा के अंतिम चरण यानी Interview का 100 अंकों का वेटेज है।

No.-2. उम्मीदवार का साक्षात्कार एक बोर्ड द्वारा होगा जिसके सामने उम्मीदवार के परिचयवृत का अभिलेख होगा।

No.-3. यह साक्षात्कार इस उद्देश्य से होगा कि सक्षम और निष्पक्ष प्रेक्षकों का बोर्ड यह जान सके कि उम्मीदवार लोक सेवा के लिए व्यक्तित्व की दृष्टि से उपयुक्त है या नहीं।

No.-4. यह परीक्षा उम्मीदवार की मानसिक सतर्कता, आलोचनात्मक ग्रहण शक्ति, स्पष्ट और तर्क संगत प्रतिपादन की शक्ति, संतुलित निर्णय की शक्ति, रुचि की विविधता और गहराई नेतृत्व और सामाजिक संगठन की योग्यता, बौद्धिक और नैतिक ईमानदारी को जांचने के अभिप्रायः से की जाती है।

RPSC RAS Detailed Syllabus

No.-1. इस खंड में, उम्मीदवार RPSC RAS (प्रीलिम्स एंड मेन्स) लिखित परीक्षा के लिए विस्तृत पाठ्यक्रम की जांच कर सकते हैं।

No.-2. जैसा कि हमने पहले बताया है RPSC RAS परीक्षा में प्रमुख रूप से तीन चरण शामिल हैं: (i) प्रारंभिक परीक्षा, (ii) मुख्य परीक्षा, (iii) साक्षात्कार।

No.-3. हम उम्मीदवारों को RPSC RAS (Prelims & Mains) परीक्षा में उल्लिखित विषयों पर ध्यान केंद्रित करने और जितना हो सके अभ्यास करने का सुझाव देते हैं, जैसा कि परीक्षा में पूछे गए सभी प्रश्न RPSC RAS के आधिकारिक पाठ्यक्रम में दिए गए विषयों पर ही आधारित होते हैं।

No.-4. आप लेख के इस खंड में विस्तृत RPSC Prelims & Mains Syllabus की जांच कर सकते हैं और दिए गए लिंक से पीडीएफ डाउनलोड कर सकते हैं।

RPSC RAS Prelims Exam Syllabus

RPSC Prelims Syllabus Paper – सामान्य ज्ञान और सामान्य विज्ञान

No.-1. राजस्थान का इतिहास, कला, संस्कृति, साहित्य, परम्परा एवं विरासत

No.-2. राजस्थान के इतिहास कीमहत्त्वपूर्णऐतिहासिक घटनाएं, प्रमुख राजवंश, उनकी प्रशासनिक राजस्व

No.-3. व्यवस्था सामाजिक सांस्कृतिक मुद्दे,

No.-4. स्वतंत्रता आन्दोलन, जनजागरण राजनीतिक एकीकरण

No.-5. स्थापत्य कला की प्रमुख विशेषताएँ किले एवं स्मारक

No.-6. कलाएँ, चित्रकलाएँ और हस्तशिल्प राजस्थानी साहित्य की महत्त्वपूर्ण कृतियाँ, क्षेत्रीय बोलियाँ

No.-7. मेले, त्यौहार, लोक संगीत एवं लोक नृत्य

No.-8. राजस्थानी संस्कृति, परम्परा एवं विरासत राजस्थान के धार्मिक आन्दोलन, संत एवं लोक देवता

No.-9. महत्त्वपूर्ण पर्यटन स्थल

No.-10. राजस्थान के प्रमुख व्यक्तित्व

2) भारत का इतिहास

No.-1. प्राचीनकाल एवं मध्यकाल:

No.-2. प्राचीन एवं मध्यकालीन भारत के इतिहास की प्रमुख विशेषताएँएवंमहत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाएं

No.-3. कला, संस्कृति, साहित्य एवं स्थापत्य

No.-4. प्रमुख राजवंश, उनकी प्रशासनिक सामाजिक आर्थिक व्यवस्था सामाजिक-सांस्कृतिक मुद्दे प्रमुख आन्दोलन

No.-5. आधुनिक काल:

No.-6. आधुनिक भारत का इतिहास (18वीं शताब्दी के मध्य से वर्तमान तक)- प्रमुख घटनाएँ व्यक्तित्व एवं

No.-7. मुद्दे स्वतंत्रता संघर्ष एवं भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन विभिन्न अवस्थाएँ इनमें देश के विभिन्न क्षेत्रों के योगदानकर्ता एवं उनका योगदान

No.-8. 19वीं एवं 20वीं शताब्दी में सामाजिक एवं धार्मिक सुधार आन्दोलन

No.-9. स्वातंत्र्योत्तर काल में राष्ट्रीय एकीकरण एवं पुनर्गठन

3) विश्व एवं भारत का भूगोल

No.-1. विश्व का भूगोल:

No.-2. प्रमुख भौतिक विशेषताएँ

No.-3.पर्यावरणीय एवं पारिस्थितिकीय मु

No.-4. वन्य जीव-जन्तु एवं जैव विविधता

No.-5. अन्तर्राष्ट्रीय जलमार्ग

No.-6. प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र

No.-7. भारत का भूगोल:

No.-8. प्रमुख भौतिक विशेषताएं और मुख्य भू-भौतिक विभाजन

No.-9. कृषि एवं कृषि आधारित गतिविधियाँ

No.-10. खनिज-लोहा, मैंगनीज, कोयला, खनिज तेल और गैस, आणविक खनिज

No.-11. प्रमुख उद्योग एवं औद्योगिक विकास

No.-12. परिवहनमुख्य परिवहन मार्ग

No.-13. प्राकृतिक संसाधन

No.-14. पर्यावरणीय समस्याएँ तथा पारिस्थितिकीय मुद्दे

4) राजस्थान का भूगोल

No.-1. प्रमुख भौतिक विशेषताएं और मुख्य भू-भौतिक विभाग

No.-2. राजस्थान के प्राकृतिक संसाधन

No.-3. जलवायु प्राकृतिक वनस्पति, वन, वन्य जीव-जन्तु एवं जैव-विविधता

No.-4. प्रमुख सिंचाई परियोजनाएँ

No.-5. खान एवं खनिज सम्पदाएँ

No.-6. जनसंख्या

No.-7. प्रमुख उद्योग एवं औद्योगिक विकास की सम्भावनाएँ

5) भारतीय संविधान, राजनीतिक व्यवस्था एवं शासन प्रणाली

No.-1. संवैधानिक विकास एवं भारतीय संविधान:

No.-2. भारतीय शासन अधिनियम- 1919 एवं 1935, संविधान सभा, भारतीय संविधान की प्रकृति, प्रस्तावना(उद्देश्यिका), मौलिक अधिकार, राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांत, मौलिक कर्तव्य, संघीय ढांचा, संवैधानिक संशोधन, आपातकालीन प्रावधान जनहित याचिका और न्यायिक पुनरावलोकन।

No.-3. भारतीय राजनीतिक व्यवस्था एवं शासन:

No.-4. भारत राज्य की प्रकृति, भारत में लोकतंत्र राज्यों का पुनर्गठन गठबंधन सरकारें, राजनीतिक दल, राष्ट्रीय एकीकरण

No.-5. संघीय एवं राज्य कार्यपालिका, संघीय एवं राज्य विधान मण्डल, न्यायपालिका

No.-6. राष्ट्रपति, संसद, सर्वोच्च न्यायालय, निर्वाचन आयोग नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक, योजना आयोग, राष्ट्रीय विकास परिषद, मुख्य सर्तकता आयुक्त मुख्य सूचना आयुक्त लोकपाल एवं राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग

No.-7. स्थानीय स्वायत्त शासन एवं पंचायती राज

लोक नीति एवं अधिकार:

No.-1. लोक कल्याणकारी राज्य के रूप में राष्ट्रीय लोकनीति

No.-2. विभिन्न विधिक अधिकार एवं नागरिक अधिकार-पत्र

6) राजस्थान की राजनीतिक एवं प्रशासनिक व्यवस्था

No.-1. राज्यपाल, मुख्यमंत्री, राज्य विधानसभा, उच्च न्यायालय, राजस्थान लोक सेवा आयोग, जिला प्रशासन, राज्य मानवाधिकार आयोग, लोकायुक्त राज्य निर्वाचन आयोग, राज्य सूचना आयोग

No.-2. लोक नीति, विधिक अधिकार एवं नागरिक अधिकार पत्र

7) अर्थशास्त्रीय अवधारणाएँ एवं भारतीय अर्थव्यवस्था

No.-1. अर्थशास्त्र के मूलभूत सिद्धान्त:

No.-2. बजट निर्माण, बैंकिंग, लोक-वित्त, राष्ट्रीय आय, संवृद्धि एवं विकास का आधारभूत ज्ञान

No.-3. लेखांकन- अवधारणा, उपकरण एवं प्रशासन में उपयोग

No.-4. स्टॉक एक्सचेंज एवं शेयर बाजार राजकोषीय एवं मौद्रिक नीतियाँ

No.-5. सब्सिडी, लोक वितरण प्रणाली -कॉमर्स

No.-6. मुद्रास्फीति अवधारणा प्रभाव एवं नियंत्रण तंत्र

No.-7. आर्थिक विकास एवं आयोजन:

No.-8. पंचवर्षीय योजना लक्ष्य रणनीति एवं उपलब्धियाँ

अर्थव्यवस्था के प्रमुख क्षेत्र:-

No.-1. कृषि, उद्योग, सेवा एवं व्यापार, वर्तमान स्थिति, मुद्दे एवं पहल

No.-2. प्रमुख आर्थिक समस्याएं एवं सरकार की पहल, आर्थिक सुधार एवं उदारीकरण

No.-3. मानव संसाधन एवं आर्थिक विकास:

मानव विकास सूचकांक

No.-1. गरीबी एवं बेरोजगारीअवधारणा प्रकार, कारण, निदानएवं वर्तमान फ्लेगशिप योजनाएं

No.-2. सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता- कमजोर वर्गों के लिए प्रावधान

8) राजस्थान की अर्थव्यवस्था

No.-1. अर्थव्यवस्था का वृहत् परिदृश्य

No.-2. कृषि, उद्योगव सेवा क्षेत्र के प्रमुख मुद्दे

No.-3. संवृद्धि विकास एवं आयोजना

No.-4. आधारभूत संरचना एवं संसाधन

No.-5. प्रमुख विकास परियोजनायें

No.-6. कार्यक्रम एवं योजनाएँ- अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछडा वर्ग, अल्पसंख्यकों, निःशक्तजनों, निराश्रितों, महिलाओं, बच्चों, वृद्धजनों, कृषकों एवं श्रमिकों के लिए राजकीय कल्याणकारी योजनाएँ

9) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

No.-1. विज्ञान के सामान्य आधारभूत तत्व इलेक्ट्रॉनिक्स, कम्प्यूटर्स, सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी

No.-2. उपग्रह एवंअंतरिक्ष प्रौद्योगिकी

No.-3. रक्षा प्रौद्योगिकी

No.-4. नैनो-प्रौद्योगिकी

No.-5. मानव शरीर, आहार एवं पोषण, स्वास्थ्य देखभाल पर्यावरणीय एवं पारिस्थिकीय परिवर्तन एवं इनके प्रभाव

No.-6. जैव-विविधता, जैव प्रौद्योगिकी एवं अनुवांशिकीय अभियांत्रिकी

No.-7. राजस्थान के विशेष संदर्भ में कृषि विज्ञान, उद्यान विज्ञान, वानिकी एवं पशुपालन

No.-8. राजस्थान में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विकास

10) तार्किक विवेचन एवं मानसिक योग्यता

No.-1. तार्किक दक्षता (निगमनात्मक, आगमनात्मक, अपवर्तनात्मक):

No.-2. कथन एवं मान्यतायें, कथन एवं तर्क, कथन एवं निष्कर्ष कथन-कार्यवाही

No.-3. विश्लेषणात्मक तर्कक्षमता

मानसिक योग्यता:

No.-1. संख्या श्रेणी, अक्षर श्रेणी, बेमेल छांटना, कूटवाचन (कोडिंग-डीकोडिंग), संबंधों, आकृतियों एवं उनके उपविभाजन से जुड़ी समस्याएँ

No.-2. आधारभूत संख्यात्मकदक्षता:

No.-3. गणितीय एवं सांख्यकीय विश्लेषण का प्रारम्भिक ज्ञान

No.-4. संख्या से जुड़ी समस्याएँ परिमाण का क्रम अनुपात तथा समानुपात प्रतिशत, साधारण एवं चक्रवृद्धि ब्याज, आंकडों का विश्लेषण (सारणी, दण्डआरेख, रेखाचित्र, पाई-चार्ट)

11) समसामयिक घटनाएं

No.-1. राजस्थान राज्यस्तरीय, राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय महत्व की प्रमुख समसामयिक घटनाएं एवं मुद्दे

No.-2. वर्तमान में चर्चित व्यक्ति एवं स्थान

No.-3. खेल एवं खेलकूद संबंधी गतिविधियां

RPSC RAS Mains Exam Syllabus

RPSC Mains Syllabus Paper 1:- सामान्य अध्ययन-I

इकाई 1 – इतिहास

No.-1. खंड राजस्थान का इतिहास, कला, संस्कृति, साहित्य परम्परा और धरोहर

No.-2. प्रागैतिहासिक काल से 18 वीं शताब्दी के अवसान तक राजस्थान के इतिहास के प्रमुख सोपान, महत्वपूर्ण राजवंश उनकी प्रशासनिक एवं राजस्व व्यवस्था।

No.-3. 19 वी 20वीं शताब्दी की प्रमुख घटनाएं: किसान एवं जनजाति आन्दोलन, राजनीतिक जागृति स्वतन्त्रता संग्राम और एकीकरण। 3

No.-4. राजस्थान की धरोहर: प्रदर्शन ललित कलाएं हस्तशिल्प वास्तुशिल्प मेले, पर्व, लोक संगीत लोक नृत्य।

No.-5. राजस्थानी साहित्य की महत्वपूर्ण कृतियाँ एवं राजस्थान की बोलियाँ।

राजस्थान के संत लोक देवता एवं महत्वपूर्ण विभूतियाँ।

खंड भारतीय इतिहास एवं संस्कृति

No.-1. भारतीय धरोहर: सिन्धु सभ्यता से लेकर ब्रिटिश काल तक के भारत की ललित कलाएँ, प्रदर्शन कलाएँ, वास्तु परम्परा एवं साहित्य।

No.-2. प्राचीन एवं मध्यकालीन भारत के धार्मिक आन्दोलन और धर्म दर्शन।

No.-3. 19वीं शताब्दी के प्रारंभ से 1965 ईस्वी तक आधुनिक भारत का इतिहास: महत्वपूर्ण घटनाक्रम, व्यक्तित्व और मुद्दे।

No.-4. भारत का राष्ट्रीय आन्दोलन इसके विभिन्न चरण धाराएं प्रमुख योगदानकर्ता औरदेश के भिन्न भिन्न भागों से योगदान।

No.-5. 19वी 20वीं शताब्दी में सामाजिक धार्मिक सुधार आन्दोलन।

No.-6. स्वातंत्र्योत्तर सुदृढीकरण और पुनर्गठन- देशी रियासतों का विलय तथा राज्यों का भाषायी आधार पर पुनर्गठन।

खंड आधुनिक विश्व का इतिहास (1950 ईस्वी तक)

No.-1. पुनर्जागरण धर्म सुधार

No.-2. प्रबोधन औद्योगिक क्रांति

No.-3. एशिया अफ्रीका में साम्राज्यवाद और उपनिवेशवाद।

No.-4. विश्व युद्धों का प्रभाव।

इकाई 2 – अर्थव्यवस्था

खण्ड भारतीय अर्थशास्त्र

No.-1. अर्थव्यवस्था के प्रमुख क्षेत्र: कृषि, उद्योग और सेवा- वर्तमान स्थिति, मुद्दे एवं पहल

No.-2. बैंकिंग: मुद्रा-पूर्ति और उच्चाधिकार प्राप्त मुद्रा की अवधारणा, केन्द्रीय बैंक एवं वाणिज्य बैंकों की भूमिका एवं कार्यप्रणाली अनर्जक परिसंपत्ति वित्तीय समावेशन, मौद्रिक नीति अवधारणा, उद्देश्य और साधन।

No.-3. लोक वित्तः भारत में कर सुधार प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कर परिदान, नकद हस्तांतरण और अन्य संबंधी मुद्दे, भारत की वर्तमान राजकोषीय नीति।

No.-4. भारतीय अर्थव्यवस्था में हाल के रूझान: विदेशी पूंजी की भूमिका, बहुराष्ट्रीय कंपनियां, सार्वजनिक वितरण प्रणाली, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश निर्यात- आयात नीति, 12 वित्त आयोग, गरीबी उन्मूलन योजनाएं।

खण्ड वैश्विक अर्थव्यवस्था

No.-1. वैश्विक आर्थिक मुद्दे और प्रवृत्तियाँ विश्व बैंक, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व व्यापार

No.-2. संगठन की भूमिका विकासशील, उभरते और विकसित देशों की संकल्पना।

No.-3. वैश्विक परिदृश्य में भारत।

खण्ड राजस्थान की अर्थव्यवस्था

No.-1. राजस्थान के विशेष संदर्भ में कृषि, बागवानी, डेयरी और पशुपालन

No.-2. औद्योगिक क्षेत्र संवृद्धि और हाल के रूझान

No.-3. राजस्थान के विशेष संदर्भ में संवृद्धि विकास और आयोजना।

No.-4. राजस्थान के सेवा क्षेत्र में वर्तमान में हुए विकास एवं मुद्दे।

No.-5. राजस्थान की प्रमुख विकास परियोजनाएं- उनके उद्देश्य और प्रभाव।

No.-6. राजस्थान में आर्थिक परिवर्तन के लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी मॉडल।

No.-7. राज्य का जनांकिकी परिदृश्य और राजस्थान की अर्थव्यवस्था पर इसका प्रभाव।

इकाई 3 – समाजशास्त्र, प्रबंधन, लेखांकन एवं अंकेक्षण

खण्ड समाजशास्त्र

No.-1. भारत में समाजशास्त्रीय विचारों का विकास

No.-2. सामाजिक मूल्य

No.-3. जाति वर्ग और व्यवसाय

No.-4. संस्कृतिकरण

No.-5. वर्ण, आश्रम, पुरुषार्थ एवं संस्कार व्यवस्था

No.-6. धर्म निरपेक्षता

No.-7. मुद्दे एवं सामाजिक समस्याएं

No.-8. राजस्थान के जनजातीय समुदायभील, मीणा एवं गरासिया

खण्ड प्रबंधन

No.-1. प्रबंधनक्षेत्र, अवधारणा, प्रबंधन के कार्य योजना आयोजन, स्टाफ, निर्देशन, समन्वय और नियंत्रण, निर्णय लेना: अवधारणा, प्रक्रिया और तकनीक।

No.-2. विपणन की आधुनिक अवधारणा, विपणन मिश्रण- उत्पाद, मूल्य, स्थान और संवर्धन

No.-3. धन के अधिकतमकरण की अवधारणा एवंम उद्देश्य, वित्त के स्त्रोत- छोटी और लंबी अवधि, पूंजी संरचना, पूंजी की लागत

No.-4. नेतृत्व और प्रेरणा की अवधारणा और मुख्य सिद्धांत, संचार प्रक्रिया, भर्ती, चयन, प्रेरण, प्रशिक्षण एवं विकास और मूल्यांकन प्रणाली के मूल सिद्धांत

खण्ड लेखांकन एवं अंकेक्षण

No.-1. वित्तीय विवरण विश्लेषण की तकनीक, कार्यशील पूंजी प्रबंधन के मूल सिद्धांत, जवाबदेही और सामाजिक लेखांकन

No.-2. अंकेक्षण का अर्थ एवं उद्देश्य, आंतरिक नियंत्रण, सामाजिक, प्रदर्शन और कार्यकुशलता अंकेक्षण।

No.-3. विभिन्न प्रकार के बजट एवं उनके मूल सिद्धांत, बजटीय नियंत्रण

RPSC Mains Syllabus Paper 2:- सामान्य अध्ययन-II

इकाई 1 – प्रशासकीय नीतिशास्त्र

No.-1. नीतिशास्त्र एवं मानवीय मूल्यमहापुरूषों, समाज सुधारकों तथा प्रशासकों के जीवन से प्राप्त शिक्षा। परिवार, सामाजिक एवं शैक्षणिक संस्थाओं का मानवीय मूल्यों के पोषण में योगदान

No.-2. नैतिक समप्रत्ययऋत एवं ऋण, कर्त्तव्य की अवधारणा, शुभ एवं सद्गुण

No.-3. निजी एवं सार्वजनिक