यदि आप भी आगामी राजस्थान REET परीक्षा के लिए उपस्थित होने के इच्छुक हैं, और अभी तक आपको राजस्थान रीट सिलेबस (Rajasthan REET Syllabus PDF in Hindi) और राजस्थान रीट परीक्षा पैटर्न REET पाठ्यक्रम की पूरी जानकारी नहीं है, तो हमारा सुझाव है कि आप इस लेख को पूरा पढ़ें।
No.-1. राजस्थान
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राज्य के विभिन्न सरकारी
स्कूलों में प्राथमिक स्तर (कक्षा I से कक्षा V) और
उच्च प्राथमिक स्तर (कक्षा VI से कक्षा VIII) में
शिक्षक बनने के लिए योग्य
उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट करने
के लिए REET परीक्षा आयोजित करता है। इसका फुल फ़ॉर्म Rajasthan
Eligibility Examination For Teachers (REET) होता
है।
No.-2. अभ्यर्थियों,
किसी भी परीक्षा में
सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए हमारा
पहला कदम होना चाहिए की हम परीक्षा
के पैटर्न को अच्छी तरह
से समझे, परीक्षा के पाठ्यक्रम को
अच्छी तरह से जाने, और
फिर एक संगठित अध्ययन
योजना के साथ उसका
पालन करना है।
No.-3. इसीलिए
यहां हमने आपके आसान संदर्भ के लिए इस
पृष्ठ पर Rajasthan REET परीक्षा का विस्तृत पाठ्यक्रम
अपडेटेड परीक्षा पैटर्न के साथ साझा
किया है।
No.-4. आप
यहां से राजस्थान रीट
(Level 1 एंड Level
2) परीक्षा पाठ्यक्रम पीडीएफ भी डाउनलोड कर
सकते हैं और राजस्थान REET लिखित
परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए अपनी
तैयारी की रणनीति को
और मजबूत कर सकते हैं।
REET Syllabus &
Exam Pattern
No.-1. प्रिय
उम्मीदवारों आप अपनी आगामी
परीक्षा की तैयारी के
लिए एक सही रणनीति
बनाने के लिए इस
पृष्ठ पर राजस्थान REET Syllabus और परीक्षा पैटर्न
देख सकते हैं।
No.-2. REET
पाठ्यक्रम और परीक्षा पैटर्न
आपको परीक्षा की अंकन योजना
और परीक्षा में प्रश्न किस विषय किस टॉपिक से पूंछे जाएंगे
यह समझने में मदद करेगा।
No.-3. राजस्थान
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड इस लिखित परीक्षा
के माध्यम से राज्य विद्यालयों
के विभिन्न शिक्षण पदों के लिए योग्य
और प्रतिभाशाली उम्मीदवारों का ही चयन
करेगा।
No.-4.इसलिए
आपको राजस्थान रीट की लिखित परीक्षा
में अधिक से अधिक सही
प्रश्नों को हल करने
के लिए अपने विषय ज्ञान और कौशल में
सुधार करना होगा।
No.-5. दोस्तों,
आप जानते हैं कि आजकल प्रतियोगी
परीक्षाएँ कठिन होती जा रही हैं,
इसलिए इस परीक्षा को
पास करने के लिए अभ्यर्थियों
को एक ठोस अध्ययन
योजना के साथ तैयारी
शुरू करनी चाहिए।
No.-6. एक
अच्छी अध्ययन योजना बनाने के लिए यह
अत्यंत महत्वपूर्ण है की अभ्यर्थियों
को नवीनतम परीक्षा पैटर्न और संबंधित परीक्षा
के पाठ्यक्रम की गहन समझ
होनी चाहिए।
No.-7. इसीलिए
यहां हमने आपके आसान संदर्भ के लिए इस
पृष्ठ पर राजस्थान रीट
(Level 1 एंड Level
2) परीक्षा का विस्तृत पाठ्यक्रम
अपडेटेड परीक्षा पैटर्न के साथ साझा
किया है, जो आपकी तैयारी
की रणनीति को बढ़ावा देने
में आपकी मदद करेगा।
Rajasthan REET Exam
Pattern
No.-1. इससे
पहले कि हम REET Syllabus पर चर्चा
करें, आइए परीक्षा पैटर्न और राजस्थान रीट
की अंकन योजना के बारे में
जानें।
No.-2. राजस्थान
रीट परीक्षा में दो पेपर होते
हैं: पेपर I (प्राथमिक स्तर) और पेपर II (उच्च
प्राथमिक स्तर)।
No.-3. REET
पेपर 1 उन उम्मीदवारों के
लिए है जो कक्षा
I से कक्षा V तक पढ़ाना चाहते
हैं जबकि पेपर 2 उन उम्मीदवारों के
लिए है जो कक्षा
VI से कक्षा VIII को पढ़ाना चाहते
हैं।
No.-4. अब,
नीचे देखते हैं कि क्रमशः REET (पेपर
1 और पेपर 2) का परीक्षा पैटर्न
क्या है।
No.-5. राजस्थान
रीट परीक्षा में दोनों पेपरों का पैटर्न लगभग
एक जैसा है। हालांकि, चुने गए पेपर के
अनुसार सेक्शन और उनकी कठिनाई
का स्तर अलग-अलग होता है।
REET परीक्षा
पैटर्न
की
मुख्य
विशेषताएं
No.-1. राजस्थान
रीट परीक्षा में दो पेपर होते
हैं: पेपर I (प्राथमिक स्तर) और पेपर II (उच्च
प्राथमिक स्तर)।
No.-2. REET
पेपर 1 उन उम्मीदवारों के
लिए है जो कक्षा
I से कक्षा V तक पढ़ाना चाहते
हैं जबकि पेपर 2 उन उम्मीदवारों के
लिए है जो कक्षा
VI से कक्षा VIII को पढ़ाना चाहते
हैं।
No.-3. हालांकि,
कोई भी REET पेपर I और पेपर II दोनों
के लिए उपस्थित हो सकता है।
No.-4. पेपर
I में पांच खंड होते हैं जबकि पेपर II में चार खंड होते हैं।
No.-5 .प्रत्येक
पेपर में 150 प्रश्न होते हैं जिन्हें 150 मिनट (2:30 hour) में पूरा करना होता है।
No.-6 .सभी
प्रश्नों के अंक समान
हैं अर्थात अधिकतम अंक 150 के बराबर हैं।
No.-7. गलत
उत्तर या बिना प्रयास
के प्रश्न के लिए कोई
नकारात्मक अंकन नहीं है।
No.-8. प्रश्न-पत्र की भाषा का
माध्यम (भाषा विषयों को छोड़कर) हिन्दी
एवं अंग्रेजी में द्विभाषीय (Bilingual) होगा।
REET पेपर
I का
सेक्शन
डिवीजन
इस
प्रकार
है:
खण्ड |
विषय |
प्रश्नों की संख्या |
कुल मार्क्स |
No.-1 |
बाल विकास एवं शिक्षण विधियाँ |
30 |
30 |
No.-2 |
भाषा-I
हिन्दी /
अंग्रेजी /
संस्कृत /
उर्दू /
सिन्धी /
पंजाबी /
गुजराती |
30 |
30 |
No.-3 |
भाषा-II
हिन्दी /
अंग्रेजी /
संस्कृत /
उर्दू /
सिन्धी /
पंजाबी /
गुजराती (
यह भाषा – I
के रूप में चयनित भाषा से भिन्न होगी।) |
30 |
30 |
No.-4 |
गणित |
30 |
30 |
No.-5 |
पर्यावरण अध्ययन |
30 |
30 |
REET
पेपर II का सेक्शन डिवीजन इस प्रकार है:
खण्ड |
विषय |
प्रश्नों की संख्या |
कुल मार्क्स |
No.-1 |
बाल विकास एवं शिक्षण विधियाँ |
30 |
30 |
No.-2 |
भाषा-I
हिन्दी /
अंग्रेजी /
संस्कृत /
उर्दू /
सिन्धी /
पंजाबी /
गुजराती |
30 |
30 |
No.-3 |
भाषा-II
हिन्दी /
अंग्रेजी /
संस्कृत /
उर्दू /
सिन्धी /
पंजाबी /
गुजराती (यह भाषा – I
के रूप में चयनित भाषा से भिन्न होगी।) |
30 |
30 |
No.-4 |
(अ) गणित एवं विज्ञान विषय (गणित एवं विज्ञान के शिक्षक हेतु) या (ब) सामाजिक अध्ययन विषय (
सामाजिक अध्ययन के शिक्षक हेतु) |
30 |
30 |
REET Paper 1 Detailed
Syllabus
No.-1. इस
खंड में, उम्मीदवार राजस्थान रीट पेपर I लिखित परीक्षा के लिए विस्तृत
पाठ्यक्रम की जांच कर
सकते हैं।
No.-2 .जैसा
कि हमने पहले बताया है REET पेपर I में मुख्य रूप से पाँच खंड
हैं: – (1) बाल विकास, शिक्षा और शिक्षाशास्त्र, (2) भाषा-I, (3) भाषा-II,
( 4) गणित, (5) पर्यावरण अध्ययन।
No.-3. हम
उम्मीदवारों को REET Syllabus में उल्लिखित केवल इन पांच विषयों पर
ध्यान केंद्रित करने और जितना हो
सके अभ्यास करने का सुझाव देते
हैं, जैसा कि परीक्षा में
पूछे गए सभी प्रश्न
REET के आधिकारिक पाठ्यक्रम में दिए गए विषयों पर
ही आधारित होते हैं।
No.-4. आप
लेख के इस खंड
में विस्तृत REET पेपर 1 पाठ्यक्रम की जांच कर
सकते हैं और दिए गए
लिंक से पीडीएफ डाउनलोड
कर सकते हैं।
No.-5. खण्ड
I : बाल विकास एवं शिक्षण विधियाँ
No.-1. बाल
विकास वृद्धि एवं विकास की संकल्पना, विकास
के विभिन्न आयाम एवं सिद्धान्त,
No.-2. विकास
को प्रभावित करने वाले कारक (विशेष रूप से परिवार एवं
विद्यालय के संदर्भ में)
एवं अधिगम से उनका संबंध
No.-3. वंशानुक्रम
एवं वातावरण की भूमिका
No.-4. व्यक्तिगत
विभिन्नताएँ अर्थ प्रकार एवं व्यक्तिगत विभिन्नताओं को प्रभावित करने
वाले कारक ।
No.-5. व्यक्तित्व
संकल्पना प्रकार व व्यक्तित्व को
प्रभावित करने वाले कारक व्यक्तित्व का मापन।
No.-6. बुद्धि
: संकल्पना, सिद्धान्त एवं इसका मापन, बहुबुद्धि सिद्धान्त एवं इसके निहितार्थ।
No.-7. विविध
अधिगमकर्ताओं की समझ पिछडे
विमंदित प्रतिभाशाली, सृजनशील अलाभान्वित – वंचित, विशेष आवश्यकता वाले बच्चे एवं अधिगम अक्षमता युक्त बच्चे।
No.-8. अधिगम
में आने वाली कठिनाइयाँ
No.-9. समायोजन
की संकल्पना एवं तरीके समायोजन में अध्यापक की भूमिका
No.-10. अधिगम
का अर्थ एवं संकल्पना अधिगम को प्रभावित करने
वाले कारक।
No.-11. अधिगम
के सिद्धान्त एवं इनके निहितार्थ
No.-12. बच्चे
सीखते कैसे है। अधिगम की प्रक्रियाएँ चिन्तन,
कल्पना एवं तर्क अभिप्रेरणा व इसके अधिगम
के लिए निहितार्थ ।
No.-13. शिक्षण
अधिगम की प्रक्रियाएँ, राष्ट्रीय
पाठ्यचर्या रूपरेखा 2005 के संदर्भ में
शिक्षण अधिगम की व्यूह रचना
एवं विधियाँ
No.-14. आकलन,
मापन एवं मूल्यांकन का अर्थ एवं
उद्देश्य समग्र एवं सतत् मूल्यांकन, उपलब्धि परीक्षण का निर्माण।
No.-15. सीखने
के प्रतिफल
No.-16 .
क्रियात्मक अनुसन्धान
No.-17.
शिक्षा का अधिकार अधिनियम
2009 अध्यापकों की भूमिका एवं
दायित्व
खण्ड II : भाषा-I
Hindi English Sanskrit
No.-1. एक
अपठित गद्यांश में से निम्नलिखित व्याकरण
संबंधी प्रश्न : पर्यायवाची, विलोम, वाक्याशों के लिए एक
शब्द, शब्दार्थ, शब्द शुद्धि उपसर्ग, प्रत्यय, संधि और समास ।
संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण अव्यय ।
No.-2. एक
अपठित गद्यांश में से निम्नलिखित बिंदुओं
पर प्रश्न :
No.-3. रेखांकित
शब्दों का अर्थ स्पष्ट
करना, वचन, काल, लिंग ज्ञात करना। दिए गए शब्दों का
वचन काल और लिंग बदलना
।
No.-4. वाक्य
रचना, वाक्य के अंग, वाक्य
के प्रकार, पदबंध । मुहावरे और
लोकोक्तियाँ, विराम चिह्न ।
No.-5. भाषा
की शिक्षण विधि, भाषा शिक्षण के उपागम, भाषा
दक्षता का विकास ।
No.-6. भाषायी
कौशलों का विकास (सुनना,
बोलना, पढ़ना, लिखना) हिंदी भाषा शिक्षण में चुनौतियाँ, शिक्षण अधिगम सामग्री, पाठय पुस्तक, बहु- माध्यम एवं शिक्षण के अन्य संसाधन
।
No.-7. भाषा
शिक्षण में मूल्यांकन, उपलब्धि परीक्षण का निर्माण समग्र
एवं सतत् मूल्यांकन, उपचारात्मक शिक्षण |
No.-8. बहु
विकल्प प्रश्नों का मापदण्ड कक्षा
1 से 5 तक के राज्य
सरकार द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम सत्र 2021-22 पाठ्य पुस्तकों एवं पाठ्य वस्तु के आधार पर
होगा, लेकिन कठिनाई का स्तर सैकण्डरी
(कक्षा 10 ) तक की पाठ्य
पुस्तकों का होगा।
खण्ड III : भाषा-II
No.-1. एक
अपठित गद्यांश आधारित निम्नलिखित व्याकरण संबंधी प्रश्न :
No.-2. युग्म
शब्द, वाक्याशों के लिए एक
शब्द, उपसर्ग, प्रत्यय
No.-3 .
संधि, समास, संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया, लिंग, वचन, काल, शब्द शुद्धि
No.-4. एक
अपठित पद्यांश पर आधारित निम्नलिखित
बिंदुओं पर प्रश्न :
No.-5. भाव
सौंदर्य विचार सौंदर्य नाद सौंदर्य शिल्प सौंदर्य जीवन दृष्टि
No.-6. वाक्य
रचना, वाक्य के अंग, वाक्य
के भेद पदबंध मुहावरे, लोकोक्तियाँ, कारक चिह्न, अव्यय, विराम चिह्न।
No.-7. भाषा
शिक्षण विधि, भाषा शिक्षण के उपागम भाषायी
दक्षता का विकास।
No.-8. भाषायी
कौशलों का विकास (सुनना,
बोलना, पढ़ना, लिखना) शिक्षण अधिगम सामग्री – पाठ्य पुस्तक, बहु- माध्यम एवं शिक्षण के अन्य संसाधन
।
No.-9. भाषा
शिक्षण में मूल्यांकन (सुनना, बोलना, पढ़ना, लिखना) उपलब्धि परीक्षण का निर्माण समग्र
एवं सतत् मूल्यांकन उपचारात्मक शिक्षण
खण्ड IV : गणित
No.-1. एक
करोड़ तक की पूर्ण
संख्याएँ, स्थानीय मान, तुलना, गणितीय मूल संक्रियाएँ-जोड़, बाकी, गुणा, भाग भारतीय मुद्रा ।
No.-2. भिन्न
की अवधारणा, उचित भिन्ने, समान हर वाली उचित
भिन्नों की तुलना, मिश्र
भिन्न, असमान हर वाली उचित
भिन्नों की तुलना भिन्नों
की जोड़ बाकी, अभाज्य एवं संयुक्त संख्याएं, अभाज्य गुणनखण्ड, लघुत्तम समापवर्त्य, महत्तम समापवर्तक ।
No.-3. ऐकिक
नियम, औसत लाभ-हानि, सरल ब्याज।
No.-4. समतल
व वक्रतल, समतल व ठोस ज्यामितिय
आकृतियाँ समतल ज्यामितीय आकृतियों की विशेषतायें बिन्दु,
रेखा, किरण, रेखा खण्ड, कोण एवं उनके प्रकार। लम्बाई, भार, धारिता, समय क्षेत्रमापन एवं इनकी मानक इकाइयां एवं उनमें संबंध वर्गाकार तथा आयतकार वस्तुओं के पृष्ठ तल
का क्षेत्रफल एवं परिमाप ।
No.-5. गणित
की प्रकृति एवं तर्क शक्ति, पाठ्यक्रम में गणित की महत्ता, गणित
की भाषा, सामुदायिक गणित, आंकडो का प्रबंधन।
No.-6. औपचारिक
एवं अनौपचारिक विधियों द्वारा मूल्यांकन, शिक्षण की समस्याएं, त्रुटि
विश्लेषण एवं शिक्षण एवं अधिगम से संबंधित निदानात्मक
एवं उपराचारात्मक शिक्षण।
No.-7. बहु
विकल्प प्रश्नों का मापदण्ड कक्षा
1 से 5 तक के राज्य
सरकार द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम एवं वर्तमान में प्रचलित सत्र 2021-22 पाठ्य पुस्तकों के आधार पर
होगा, लेकिन कठिनाई का स्तर सैकण्डरी
(कक्षा 10) तक की पाठ्य
पुस्तकों का होगा।
खण्ड V : पर्यावरण
अध्ययन
No.-1. परिवार
आपसी संबंध, एकल एवं संयुक्त परिवार, सामाजिक बुराईयां (बाल विवाह, दहेज प्रथा, बालश्रम, चोरी), दुर्व्यसन (नशाखोरी, धूम्रपान) और इनके व्यक्तिगत,
सामाजिक एवं आर्थिक दुष्परिणाम
No.-2 .वस्त्र
एवं आवास- विभिन्न ऋतुओं में पहने जाने वाले वस्त्र, घर पर वस्त्रों
का रख-रखाव, हस्त
करघा तथा पावरलूम, जीव जन्तुओं के आवास विभिन्न
प्रकार के मानव-आवास
आवास और निकटवर्ती स्थानों
की स्वच्छता आवास निर्माण हेतु विभिन्न प्रकार की सामग्री
No.-3. व्यवसाय
– अपने परिवेश के व्यवसाय (कपड़े
सिलना, बागवानी, कृषि कार्य, पशुपालन, सब्जीवाला आदि), लघु एवं कुटीर उद्योग, राजस्थान राज्य के प्रमुख उद्योग
एवं हस्तकलाएं, उपभोक्ता संरक्षण की आवश्यकता, सहकारी
समितियां
No.-4. हमारी
सभ्यता, संस्कृति राष्ट्रीय प्रतीक, राष्ट्रीय पर्व, राजस्थान के मेले एव
त्यौहार, राजस्थान की वेशभूषा एवं
आभूषण, राजस्थान का खान-पान,
राजस्थान की वास्तुकला, राजस्थान
के पर्यटन स्थल, राजस्थान की प्रमुख विभूतिया
एवं गौरव राजस्थान की विरासत ( प्रमुख
दुर्ग, महल, स्मारक) राजस्थान की चित्रकला, राजस्थान
के लोकदेवता
No.-5. परिवहन
और संचार यातायात और संचार के
साधन, सड़क पर चलने और
यातायात के नियम यातायात
के संकेत, संचार साधनों का जीवन शैली
पर प्रभाव।
No.-6. अपने
शरीर की देख-भाल
शरीर के बाहय अंग
और उनकी साफ-सफाई, शरीर के आंतरिक भागों
की सामान्य जानकारी, संतुलित भोजन की जानकारी और
इसका महत्व, सामान्य रोग (आंत्रशोथ, अमीबायोसिस, मेटहीमोग्लोबिन, एनिमिया फ्लुओरोसिस, मलेरिया, डेंगू) उनके कारण और बचाव के
उपाय, पल्स पोलियो अभियान |
No.-7. सजीव
जगत पादपों और जंतुओं के
संगठन के स्तर सजीवों
में विविधता, राज्य पुष्प, राज्य वृक्ष, राज्य पक्षी, राज्य पशु संरक्षित वन क्षेत्रों एवं
वन्य जीव (राष्ट्रीय उद्यान, वन्य जीव अभयारण्य बाघ संरक्षित क्षेत्र विश्व धरोहर) की जानकारी पादपों
तथा जंतुओं की जातियों का
संरक्षण, कृषि पद्धतियां ।
No.-8. जलजल,
वन, नमभूमि और मरूस्थल की
मूलभूत जानकारी, विभिन्न प्रकार के प्रदूषण एवं
इनका नियंत्रण, जल के गुण,
जल के स्त्रोत, जल
प्रबंधन, राजस्थान में कलात्मक जल स्त्रोत, पेयजल
व सिंचाई स्त्रोत हमारी पृथ्वी व अंतरिक्ष सौर
परिवार भारत के अंतरिक्ष यात्री
।
No.-9. पर्वतारोहण
– पर्वतारोहण में कठिनाईयां एवं काम आने वाले औजार भारत की प्रमुख महिला
पर्वतारोही।
No.-10. पर्यावरण
अध्ययन के क्षेत्र एव
संकल्पना
No.-11. पर्यावरण
अध्ययन का महत्व, समाकलित
पर्यावरण अध्ययन, पर्यावरण शिक्षा के अधिगम सिद्धान्त,
पर्यावरण अध्ययन का विज्ञान एवं
सामाजिक विज्ञान विषयों के साथ अन्तर्सम्बन्ध
एवं क्षेत्र,
No.-12. पर्यावरणीय
शिक्षा शास्त्र – संकल्पना प्रस्तुतीकरण के उपागम क्रियाकलाप
प्रयोग / प्रायोगिक कार्य, चर्चा समग्र एवं सतत मूल्यांकन, शिक्षण सामग्री / सहायक सामग्री, शिक्षण की समस्याएं सूचना
एवं संचार प्रोद्यौगिकी
No.-13. बहु
विकल्प प्रश्नों का मापदण्ड कक्षा
1 से 5 तक के राज्य
सरकार द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम सत्र 2021-22 पाठ्य पुस्तकों एवं पाठ्य वस्तु के आधार पर
होगा, लेकिन कठिनाई का स्तर सैकण्डरी
(कक्षा 10 ) तक की पाठ्य
पुस्तकों का होगा।
REET Paper 2 Detailed
Syllabus
No.-1. इस
खंड में, उम्मीदवार राजस्थान रीट पेपर II लिखित परीक्षा के लिए विस्तृत
पाठ्यक्रम की जांच कर
सकते हैं।
No.-2. जैसा
कि हमने पहले बताया है REET पेपर II में मुख्य रूप से चार खंड
हैं: – (1) बाल विकास, शिक्षा और शिक्षाशास्त्र, (2) भाषा-I, (3) भाषा-II,
( 4) (अ) गणित एवं विज्ञान विषय (गणित एवं विज्ञान के शिक्षक हेतु)
या (ब) सामाजिक अध्ययन
विषय ( सामाजिक अध्ययन के शिक्षक हेतु)।
No.-3. हम
उम्मीदवारों को REET Syllabus में उल्लिखित केवल इन पांच विषयों पर
ध्यान केंद्रित करने और जितना हो
सके अभ्यास करने का सुझाव देते
हैं, जैसा कि परीक्षा में
पूछे गए सभी प्रश्न
REET के आधिकारिक पाठ्यक्रम में दिए गए विषयों पर
ही आधारित होते हैं।
No.-4. आप
लेख के इस खंड
में विस्तृत REET पेपर 2 पाठ्यक्रम की जांच कर
सकते हैं और दिए गए
लिंक से पीडीएफ डाउनलोड
कर सकते हैं।
खण्ड I : बाल
विकास
एवं
शिक्षण
विधियाँ
No.-1. बाल
विकास वृद्धि एवं विकास की संकल्पना, विकास
के विभिन्न आयाम एवं सिद्धान्त, विकास को प्रभावित करने
वाले कारक (विशेष रूप से परिवार एवं
विद्यालय के संदर्भ में)
एवं अधिगम से उनका संबंध
No.-2. वंशानुक्रम
एवं वातावरण की भूमिका
No.-3. व्यक्तिगत
विभिन्नताएँ अर्थ प्रकार एवं व्यक्तिगत विभिन्नताओं को प्रभावित करने
वाले कारक ।
No.-4. व्यक्तित्व
संकल्पना प्रकार व व्यक्तित्व को
प्रभावित करने वाले कारक व्यक्तित्व का मापन। बुद्धि
: संकल्पना, सिद्धान्त एवं इसका मापन, बहुबुद्धि सिद्धान्त एवं इसके निहितार्थ।
No.-5. विविध
अधिगमकर्ताओं की समझ पिछडे
विमंदित प्रतिभाशाली, सृजनशील अलाभान्वित – वंचित, विशेष आवश्यकता वाले बच्चे एवं अधिगम अक्षमता युक्त बच्चे।
No.-6. अधिगम
में आने वाली कठिनाइयाँ
No.-7. समायोजन
की संकल्पना एवं तरीके समायोजन में अध्यापक की भूमिका
No.-8.
अधिगम का अर्थ एवं
संकल्पना अधिगम को प्रभावित करने
वाले कारक।
No.-9. अधिगम
के सिद्धान्त एवं इनके निहितार्थ
No.-10. बच्चे
सीखते कैसे है। अधिगम की प्रक्रियाएँ चिन्तन,
कल्पना एवं तर्क अभिप्रेरणा व इसके अधिगम
के लिए निहितार्थ ।
No.-11. शिक्षण
अधिगम की प्रक्रियाएँ, राष्ट्रीय
पाठ्यचर्या रूपरेखा 2005 के संदर्भ में
शिक्षण अधिगम की व्यूह रचना
एवं विधियाँ
No.-12. आकलन,
मापन एवं मूल्यांकन का अर्थ एवं
उद्देश्य समग्र एवं सतत् मूल्यांकन, उपलब्धि परीक्षण का निर्माण। सीखने
के प्रतिफल
No.-13 .क्रियात्मक
अनुसन्धान
No.-14. शिक्षा
का अधिकार अधिनियम 2009 अध्यापकों की भूमिका एवं
दायित्व
खण्ड II : भाषा-I
No.-1. एक
अपठित गद्यांश में से निम्नलिखित व्याकरण
संबंधी प्रश्न :
No.-2. शब्द
ज्ञान – तत्सम, तद्भव, देशज, विदेशी शब्द पर्यायवाची, विलोम, एकार्थी शब्द, उपसर्ग, प्रत्यय ।
No.-3.
संधि और समास, संज्ञा,
सर्वनाम, विशेषण, विशेष्य, अव्यय, वाक्यांश के लिए एक
शब्द, शब्द शुद्धि
No.-4. एक
अपठित गद्यांश में से निम्नलिखित बिंदुओं
पर प्रश्न : रेखांकित शब्दों का अर्थ स्पष्ट
करना, वचन, काल, लिंग ज्ञात करना। दिए गए शब्दों का
वचन काल और लिंग बदलना,
राजस्थानी शब्दों के हिन्दी रूप
।
No.-5. वाक्य
रचना, वाक्य के अंग, वाक्य
के प्रकार, पदबंध, मुहावरे और लोकोक्तियाँ, विराम
चिन्ह ।
No.-6. भाषा
की शिक्षण विधि, भाषा शिक्षण के उपागम, भाषा
दक्षता का विकास।
No.-7. भाषायी
कौशलों का विकास (सुनना,
बोलना, पढ़ना, लिखना) हिंदी भाषा शिक्षण में चुनौतियाँ, शिक्षण अधिगम सामग्री, पाठ्य पुस्तक, बहु- माध्यम एवं शिक्षण के अन्य संसाधन
No.-8. भाषा
शिक्षण में मूल्यांकन, उपलब्धि परीक्षण का निर्माण समग्र
एवं सतत् मूल्यांकन, उपचारात्मक शिक्षण
खण्ड III : भाषा-II
No.-1. एक
अपठित गद्यांश आधारित निम्नलिखित व्याकरण संबंधी प्रश्न :
No.-2. वर्ण
विचार, वर्ण विश्लेषण, शब्द ज्ञान – तत्सम, तद्भव, देशज, विदेशी शब्द, युग्म शब्द, उपसर्ग, प्रत्यय । संधि, समास,
शब्दों को शब्द-कोश
क्रम में लिखना, शब्दों के मानक रूप
लिखना, संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया विशेषण, क्रिया, लिंग, वचन, काल
No.-3. एक
अपठित पद्यांश पर आधारित निम्नलिखित
बिंदुओं पर प्रश्न : सौंदर्य
No.-4. विचार
सौंदर्य
No.-5. नाद
सौंदर्य
No.-6. शिल्प
सौंदर्य
No.-7. जीवन
दृष्टि
No.-8.
वाक्य रचना, वाक्य के अंग, वाक्य
के भेद, पदबंध, मुहावरे, लोकोक्तियाँ । कारक चिह्न,
अव्यय, विराम चिह्न, राजस्थानी मुहावरों का अर्थ व
प्रयोग । भाषा शिक्षण
विधि, भाषा शिक्षण के उपागम, भाषायी
दक्षता का विकास ।
No.-9.
भाषायी कौशलों का विकास (सुनना,
बोलना, पढ़ना, लिखना) शिक्षण अधिगम सामग्री – पाठय पुस्तक, बहु- माध्यम एवं शिक्षण के अन्य संसाधन
।
No.-10. भाषा
शिक्षण में मूल्यांकन, (सुनना, बोलना, पढ़ना, लिखना) उपलब्धि परीक्षण का निर्माण, समग्र
एवं सतत् मूल्यांकन, उपचारात्मक शिक्षण
खण्ड IV : गणित
एवं
विज्ञान
विषय
No.-1 .नोट:
गणित एवं विज्ञान के शिक्षक हेतु
गणित
No.-1. घातांक
समान आधार की घातीय संख्याओं
का गुणा तथा भाग, घातांक नियम । बीजीय व्यंजक
बीजीय व्यंजकों का योग, व्यवकलन,
गुणा एवं भाग, सर्वसमिकाएं। गुणनखण्ड सरल बीजीय व्यंजकों के गुणनखण्ड ।
समीकरण सरल एकघातीय समीकरण । वर्ग और
वर्गमूल
No.-2. घन
और घनमूल
No.-3. ब्याज
सरल ब्याज, चक्रवृद्धि ब्याज, लाभ-हानि, अनुपात एवं समानुपात समानुपाती भागों में विभाजन, भिन्न । प्रतिशतता, जन्म
व मृत्यु दर, जनसंख्या वृद्धि ह्रास
No.-4. रेखा
तथा कोण, रेखा खण्ड, सरल एवं वक्र रेखाएं, कोणों के प्रकार ।
समतलीय आकृतियाँ : त्रिभुज त्रिभुजों की सर्वांगसमता, चतुर्भुज
तथा वृत्त, बहुभुज समतलीय आकृतियों का क्षेत्रफल एवं
परिमाप त्रिभुज आयत समान्तर चतुर्भुज एवं समलम्ब चतुर्भुज पृष्ठीय क्षेत्रफल तथा आयतनः घन, घनाभ एवं लम्बवृत्तीय बेलन ।
No.-5.
सांख्यिकी आंकड़ों का संग्रह एवं
वर्गीकरण, बारम्बारता बंटन सारिणी, मिलान चिह्न, स्तम्भ (बार) लेखाचित्र एवं आयत लेखाचित्र वृत्तीय ग्राफ (पाई चित्र) । लेखाचित्र (ग्राफ):
विभिन्न प्रकार के लेखाचित्र प्रायिकता
No.-6. गणित
की प्रकृति एवं तर्क शक्ति पाठयक्रम में गणित की महत्ता गणित
की भाषा सामुदायिक गणित
No.-7. मूल्यांकन
No.-8. उपचारात्मक
शिक्षण शिक्षण की समस्यायें
No.-9. विज्ञान
No.-10. सजीव
एवं निर्जीव परिचय, अन्तर एवं लक्षण
No.-11. सूक्ष्म
जीव: जीवाणु वायरस कवक (लाभकारी एवं अलाभकारी) सजीव पौधे के प्रकार एवं
विभिन्न भाग, पादपों में पोषण, श्वसन एवं उत्सर्जन, पादप और जतु कोशिकाओं
की सरचना और कार्य कोशिका
विभाजन
No.-12. मानव
शरीर एवं स्वास्थ्य सूक्ष्म जीवों से फैलने वाले
रोग (क्षय रोग, खसरा, डिप्थीरिया, हैजा, टाइफाइड), रोगों से बचाव के
उपाय; मानव शरीर के विभिन्न तंत्र
संक्रामक रोग (फैलने के कारण और
बचाव); भोजन के स्त्रोत, भोजन
के प्रमुख अवयव और इनकी कमी
से होने वाले रोग, संतुलित भोजन जन्तु प्रजनन एवं किशोरावस्था जनन की विधियाँ लैंगिक
एवं अलैगिक, किशोरावस्था एवं यौवनारम्भ शारीरिक परिवर्तन, जनन में हार्मोन्स की भूमिका, जननात्मक
स्वास्थ्य
No.-13 .
यांत्रिकी- बल एवं गति,
बलों के प्रकार (पेशीय
बल, घर्षण बल गुरुत्व बल,
चुम्बकीय बल, स्थिर वैद्युत बल, आदि), गति के प्रकार (रखीय,
वृत्ताकार कम्पन, आवर्त एवं घूर्णन गति), दाब, वायुमण्डलीय दाब, उत्प्लायन बल, कार्य एवं ऊर्जा ऊर्जा के परम्परागत तथा
वैकल्पिक स्रोत, ऊर्जा संरक्षण ताप एवं ऊष्मा- ताप एवं ऊष्मा का अभिप्राय, तापमापी,
ऊष्मा संचरण
No.-14. प्रकाश
एवं ध्वनि प्रकाश के स्रोत, प्रकाश
का परावर्तन, गोलीय दर्पण, समतल दर्पण व गोलीय दर्पण
से प्रतिबिम्ब बनना, प्रकाश का अपवतन लैस
एवं लैस से प्रतिबिम्ब का
निर्माण, ध्वनि, ध्वनि के अभिलक्षण, ध्वनि
सचरण, ध्वनि
No.-15. प्रदूषण
विद्युत एवं चुंबकत्व- विद्युत धारा, विद्युत परिपथ, विद्युत धारा के ऊष्मीय चुंबकीय
एवं रासायनिक प्रभाव, चुंबक एवं चुंबकत्व |
No.-16. विज्ञान
एवं प्रौद्योगिकी दैनिक जीवन में विज्ञान का महत्व संश्लेषिक
रेशे तथा प्लास्टिक संश्लेषिक रेशों के गुणधर्म एवं
प्रकार, प्लास्टिक एवं इसके गुणधर्म, प्लास्टिक एवं पर्यावरण, डिटर्जेंट, सीमेंट आदि चिकित्सा के क्षेत्र में
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी (एक्स किरण, सी.टी. स्कन,
शल्य चिकित्सा, अल्ट्रासाउण्ड तथा लेजर किरण), दूरसंचार के क्षेत्र में
फैक्स मशीन, कम्प्यूटर, इन्टरनेट, ई-मेल तथा
वेबसाइट की सामान्य जानकारी।
सौर मण्डल- चन्द्रमा एवं तारे सौर परिवार-सूर्य एवं ग्रह, धूमकेतु तारामण्डल ।
No.-17. पदार्थ
की संरचना परमाणु एवं अणु परमाणु की संरचना तत्व
यौगिक और मिश्रण मिश्रण
के अवयवों का पृथक्करण तत्वों
के प्रतीक यौगिकों के रासायनिक सूत्र
तथा रासायनिक समीकरण, भौतिक एवं रासायनिक परिवर्तन। रासायनिक पदार्थ ऑक्साइड्स, हरित गृह प्रभाव और वैश्विक तापन,
हाइड्रोकार्बन (सामान्य जानकारी), अम्ल, क्षार और लवण, ऑक्सीजन
गैस, नाइट्रोजन गैस, नाइट्रोजन चक्र, कोयला, पेट्रोलियम तथा प्राकृतिक गैस कृषि प्रबंधन कृषि पद्धतियों, फसलों के प्रकार व
उदाहरण
विज्ञान की
संरचना
एवं
प्रकृति
No.-1. प्राकृतिक
विज्ञान लक्ष्य एवं उद्देश्य प्राकृतिक संसाधन, पर्यावरण प्रदूषण व नियन्त्रण, जैव
विविधता, अनुकूलन, कचरा प्रबंधन
No.-2. जैव
विकास
No.-3. विज्ञान
को समझना विज्ञान की शिक्षण विधियाँ
No.-4. नवाचार
No.-5. पाठ्य
सामग्री सहायक सामग्री मूल्यांकन समस्याऐं, उपचारात्मक शिक्षण
खण्ड IV : सामाजिक
अध्ययन
विषय
No.-1. नोट:
सामाजिक अध्ययन के शिक्षक हेतु
No.-1. भारतीय
सभ्यता, संस्कृति एवं समाज
No.-1. सिन्धु
घाटी सभ्यता, वैदिक संस्कृति, जैन व बौद्ध धर्म
महाजनपदकाल।
No.-2. मौर्य
तथा गुप्त साम्राज्य एवं गुप्तोत्तर काल
No.-3. राजनीतिक
इतिहास और प्रशासन, भारतीय
संस्कृति के प्रति योगदान
भारत 600-1000 ईस्वी वृहत्तर भारत
No.-4. मध्यकाल
एवं आधुनिक काल
No.-5 .भक्ति
और सूफी आन्दोलन, मुगल राजपूत संबंध; मुगल प्रशासन, भारतीय राज्यों के प्रति ब्रिटिश
नीति, 1857 का विद्रोह, भारतीय
अर्थव्यवस्था पर ब्रिटिश प्रभाव,
पुनर्जागरण एवं सामाजिक सुधार, भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन (1885-1947 )
No.-6 .भारतीय
संविधान एवं लोकतंत्र
No.-7. भारतीय
संविधान का निर्माण व
विशेषतायें, उद्देशिका, मूल अधिकार एवं मूल कर्त्तव्य, सामाजिक न्याय, बाल अधिकार व बाल संरक्षण,
लोकतंत्र में निर्वाचन व मतदाता जागरूकता।
सरकार गठन
एवं
कार्य
No.-1. संसद,
राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री एवं मंत्रिपरिषद् उच्चतम न्यायालय, राज्य सरकार पंचायती राज एवं नगरीय स्व-शासन ( राजस्थान के विशेष संदर्भ
में), जिला प्रशासन व न्याय व्यवस्था
पृथ्वी एवं
हमारा
पर्यावरण
No.-1. सौर
मण्डल, अक्षांश, देशान्तर पृथ्वी की गतियां, वायुदाब
एवं पवनें चक्रवात एवं प्रति चक्रवात, महासागरीय परिसंचरण, ज्वालामुखी, भूकम्प, पर्यावरणीय समस्याएं एवं समाधान।
भारत का
भूगोल
एवं
संसाधन
No.-1. भू-आकृति, प्रदेश, जलवायु प्राकृतिक वनस्पति, वन्य जीवन बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजनाएँ, मृदा, कृषि फसलें, उद्योग, खनिज, परिवहन, जनसंख्या, मानव संसाधन विकास के आर्थिक एवं
सामाजिक कार्यक्रम ।
राजस्थान का
भूगोल
एवं
संसाधन
No.-1. भौतिक
प्रदेश, जलवायु एवं अपवाह प्रणाली, झीले, मृदा जल संरक्षण एवं
संग्रहण, कृषि फसलें, खनिज एवं ऊर्जा संसाधन, राजस्थान की प्रमुख नहरें
एवं नदी घाटी परियोजनाऐं, परिवहन, उद्योग एवं जनसंख्या पर्यटन स्थल, वन एवं वन्य
जीवन ।
राजस्थान का
इतिहास
No.-1. प्राचीन
सभ्यताएँ एवं जनपद, राजस्थान के प्रमुख राजवंशों
का इतिहास 1857 की क्रांति में
राजस्थान का योगदान, राजस्थान
में प्रजामण्डल जनजातीय व किसान आंदोलन,
राजस्थान का एकीकरण, राजस्थान
के प्रमुख व्यक्तित्व ।
राजस्थान की
कला
व
संस्कृति
No.-1. राजस्थान
की विरासत (दुर्ग, महल, स्मारक) राजस्थान के मेले त्योहार
एवं लोक कलाएं, राजस्थान की चित्रकला, राजस्थान
के लोक नृत्य एवं लोक नाट्य, लोक देवता, लोक संत, लोक संगीत एवं संगीत वाद्य यंत्र, राजस्थान की हस्तकला एवं
स्थापत्य कला, राजस्थान की वेशभुषा एवं
आभूषण राजस्थान की भाषा एवं
साहित्य
शिक्षाशास्त्रीय मुद्दे
No.-1. सामाजिक
विज्ञान / सामाजिक अध्ययन की संकल्पना एवं
प्रकृति कक्षा-कक्ष की प्रक्रियाएँ, क्रियाकलाप
एवं विमर्श सामाजिक विज्ञान / सामाजिक अध्ययन के अध्यापन की
समस्याएँ; समालोचनात्मक चिन्तन का विकास;
No.-2. शिक्षाशास्त्रीय
मुद्दे | पृच्छा / आनुभाविक साक्ष्य, शिक्षण अधिगम सामग्री एवं सहायक सामग्री, सूचना एवं संचार प्रोद्यौगिकी प्रायोजना कार्य सीखने के प्रतिफल, मूल्यांकन।
No comments:
Post a Comment