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CBSE CTET सिलेबस और परीक्षा पैटर्न | CTET Level 1 & 2 Syllabus PDF

 यदि आप भी आगामी CTET परीक्षा के लिए उपस्थित होने के इच्छुक हैं, और अभी तक आपको केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटेट) सिलेबस (CTET Syllabus PDF in Hindi) और केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटेट) परीक्षा पैटर्न CTET पाठ्यक्रम की पूरी जानकारी नहीं है, तो हमारा सुझाव है कि आप इस लेख को पूरा पढ़ें।

No.-1. सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन राज्य के विभिन्न सरकारी स्कूलों में प्राथमिक स्तर (कक्षा I से कक्षा V) और उच्च प्राथमिक स्तर (कक्षा VI से कक्षा VIII) में शिक्षक बनने के लिए योग्य उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट करने के लिए CTET परीक्षा आयोजित करता है। इसका फुल फ़ॉर्म Central Teachers Eligibility Test (CTET) होता है।

No.-2. अभ्यर्थियों, किसी भी परीक्षा में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए हमारा पहला कदम होना चाहिए की हम परीक्षा के पैटर्न को अच्छी तरह से समझे, परीक्षा के पाठ्यक्रम को अच्छी तरह से जाने, और फिर एक संगठित अध्ययन योजना के साथ उसका पालन करना है।

No.-3. इसीलिए यहां हमने आपके आसान संदर्भ के लिए इस पृष्ठ पर CTET परीक्षा का विस्तृत पाठ्यक्रम अपडेटेड परीक्षा पैटर्न के साथ साझा किया है।

No.-4. आप यहां से केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटेट Level 1 एंड Level 2) परीक्षा पाठ्यक्रम पीडीएफ भी डाउनलोड कर सकते हैं और CTET लिखित परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए अपनी तैयारी की रणनीति को और मजबूत कर सकते हैं।

CTET Syllabus & Exam Pattern

No.-1. प्रिय उम्मीदवारों आप अपनी आगामी परीक्षा की तैयारी के लिए एक सही रणनीति बनाने के लिए इस पृष्ठ पर CTET Syllabus और परीक्षा पैटर्न देख सकते हैं।

No.-2. CTET पाठ्यक्रम और परीक्षा पैटर्न आपको परीक्षा की अंकन योजना और परीक्षा में प्रश्न किस विषय किस टॉपिक से पूंछे जाएंगे यह समझने में मदद करेगा।

No.-3. सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन इस लिखित परीक्षा के माध्यम से राज्य विद्यालयों के विभिन्न शिक्षण पदों के लिए योग्य और प्रतिभाशाली उम्मीदवारों का ही चयन करेगा।

No.-4. इसलिए आपको केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटेट) की लिखित परीक्षा में अधिक से अधिक सही प्रश्नों को हल करने के लिए अपने विषय ज्ञान और कौशल में सुधार करना होगा।

No.-5. दोस्तों, आप जानते हैं कि आजकल प्रतियोगी परीक्षाएँ कठिन होती जा रही हैं, इसलिए इस परीक्षा को पास करने के लिए अभ्यर्थियों को एक ठोस अध्ययन योजना के साथ तैयारी शुरू करनी चाहिए।

No.-6. एक अच्छी अध्ययन योजना बनाने के लिए यह अत्यंत महत्वपूर्ण है की अभ्यर्थियों को नवीनतम परीक्षा पैटर्न और संबंधित परीक्षा के पाठ्यक्रम की गहन समझ होनी चाहिए।

No.-7. इसीलिए यहां हमने आपके आसान संदर्भ के लिए इस पृष्ठ पर केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटेट) (Level 1 एंड Level 2) परीक्षा का विस्तृत पाठ्यक्रम अपडेटेड परीक्षा पैटर्न के साथ साझा किया है, जो आपकी तैयारी की रणनीति को बढ़ावा देने में आपकी मदद करेगा।

 

CTET Written Exam Pattern

No.-1. इससे पहले कि हम CTET Syllabus पर चर्चा करें, आइए परीक्षा पैटर्न और केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटेट) की अंकन योजना के बारे में जानें।

No.-2.केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (CTET) परीक्षा में दो पेपर होते हैं: पेपर I (प्राथमिक स्तर) और पेपर II (उच्च प्राथमिक स्तर)

CTET Exam 2022 Admit Card

No.-1. CTET पेपर 1 उन उम्मीदवारों के लिए है जो कक्षा I से कक्षा V तक पढ़ाना चाहते हैं जबकि पेपर 2 उन उम्मीदवारों के लिए है जो कक्षा VI से कक्षा VIII को पढ़ाना चाहते हैं।

No.-2. अब, नीचे देखते हैं कि क्रमशः CTET (पेपर 1 और पेपर 2) का परीक्षा पैटर्न क्या है।

No.-3. केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटेट) परीक्षा में दोनों पेपरों का पैटर्न लगभग एक जैसा है। हालांकि, चुने गए पेपर के अनुसार सेक्शन और उनकी कठिनाई का स्तर अलग-अलग होता है।

CTET परीक्षा पैटर्न की मुख्य विशेषताएं

No.-1. केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटेट) परीक्षा में दो पेपर होते हैं: पेपर I (प्राथमिक स्तर) और पेपर II (उच्च प्राथमिक स्तर)

No.-2. CTET पेपर 1 उन उम्मीदवारों के लिए है जो कक्षा I से कक्षा V तक पढ़ाना चाहते हैं जबकि पेपर 2 उन उम्मीदवारों के लिए है जो कक्षा VI से कक्षा VIII को पढ़ाना चाहते हैं।

No.-3. हालांकि, कोई भी CTET पेपर I और पेपर II दोनों के लिए उपस्थित हो सकता है।

No.-4. पेपर I में पांच खंड होते हैं जबकि पेपर II में चार खंड होते हैं।

No.-5. प्रत्येक पेपर में 150 प्रश्न होते हैं जिन्हें 150 मिनट (2:30 hour) में पूरा करना होता है।

No.-6. सभी प्रश्नों के अंक समान हैं अर्थात अधिकतम अंक 150 के बराबर हैं।

No.-7. गलत उत्तर या बिना प्रयास के प्रश्न के लिए कोई नकारात्मक अंकन नहीं है।

No.-8. प्रश्न-पत्र की भाषा का माध्यम (भाषा विषयों को छोड़कर) हिन्दी एवं अंग्रेजी में द्विभाषीय (Bilingual) होगा।

No.-9. CTET पेपर I का सेक्शन डिवीजन इस प्रकार है:

खण्ड

विषय

प्रश्नों की संख्या

कुल मार्क्स

No.-1

बाल विकास एवं शिक्षण विधियाँ

30

30

No.-2

भाषा-I हिन्दी

30

30

No.-3

भाषा-II अंग्रेजी / संस्कृत / उर्दू

30

30

No.-4

गणित

30

30

No.-5

पर्यावरण अध्ययन

30

30

CTET पेपर II का सेक्शन डिवीजन इस प्रकार है:

खण्ड

विषय

प्रश्नों की संख्या

कुल मार्क्स

No.-1

बाल विकास एवं शिक्षण विधियाँ

30

30

No.-2

भाषा-I हिन्दी

30

30

No.-3

भाषा-II अंग्रेजी / संस्कृत / उर्दू

30

30

No.-4

(गणित एवं विज्ञान विषय (गणित एवं विज्ञान के शिक्षक हेतु) या () सामाजिक अध्ययन विषय ( सामाजिक अध्ययन के शिक्षक हेतु)

30

30

CTET Paper 1 Detailed Syllabus

No.-1. इस खंड में, उम्मीदवार केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटेट) पेपर I लिखित परीक्षा के लिए विस्तृत पाठ्यक्रम की जांच कर सकते हैं।

No.-2. जैसा कि हमने पहले बताया है CTET पेपर I में मुख्य रूप से पाँच खंड हैं: – (1) बाल विकास, शिक्षा और शिक्षाशास्त्र, (2) भाषा-I, (3) भाषा-II, ( 4) गणित, (5) पर्यावरण अध्ययन।

No.-3. हम उम्मीदवारों को CTET Syllabus में उल्लिखित केवल इन पांच विषयों  पर ध्यान केंद्रित करने और जितना हो सके अभ्यास करने का सुझाव देते हैं, जैसा कि परीक्षा में पूछे गए सभी प्रश्न CTET के आधिकारिक पाठ्यक्रम में दिए गए विषयों पर ही आधारित होते हैं।

No.-4. आप लेख के इस खंड में विस्तृत CTET पेपर 1 पाठ्यक्रम की जांच कर सकते हैं और दिए गए लिंक से पीडीएफ डाउनलोड कर सकते हैं।

No.-5. खण्ड I : बाल विकास एवं शिक्षण विधियाँ

) बाल विकास (प्रारंभिक विद्यालय का बालक)

No.-1 .विकास की अवधारणा तथा अधिगम से उसका संबंध

No.-2 .बालकों के विकास के सिद्धांत

No.-3. आनुवांशिकता और पर्यावरण का प्रभाव

No.-4. सामाजिकीकरण प्रक्रियाएं सामाजिक विश्व और बालक (शिक्षक, अभिभावक और मित्रगण)

No.-5. पियाजे, कोलबर्ग और वायगोट्स्की निर्माण और विवेचित संदर्श

No.-6. बाल केन्द्रित और प्रगामी शिक्षा की अवधारणाएं

No.-7 .बौद्धिकता के निर्माण का विवेचित संदर्श

No.-8. बहु-आयामी बौद्धिकता

No.-9. भाषा और चिंतन

No.-10. समाज निर्माण के रूप में लिंग: लिंग भूमिकाएं, लिंग- पूर्वाग्रह और शैक्षणिक व्यवहार

No.-11. शिक्षार्थियों के मध्य वैयक्तिक विभेद, भाषा, जाति, लिंग, समुदाय, धर्म आदि की विविधता पर आधारित विभेदों को समझना

No.-12. अधिगम के लिए मूल्यांकन और अधिगम के मूल्यांकन के बीच अंतर, विद्यालय आधारित मूल्यांकन, सतत एवं व्यापक

No.-13. मूल्यांकन, संदर्श और व्यवहार . शिक्षार्थियों की तैयारी के स्तर के मूल्यांकन के लिए, कक्षा में शिक्षण और विवेचित चिंतन के लिए तथा शिक्षार्थी की उपलब्धि के लिए उपयुक्त प्रश्न तैयार करना

No.-14. ख) समावेशी शिक्षा की अवधारणा तथा विशेष आवश्यकता वाले बालकों को समझना

No.-15. गैर-लाभप्राप्त और अवसरवचित शिक्षार्थियों सहित विभिन्न पृष्ठभूमियों से आए शिक्षणार्थियों की आवश्यकताओं को समझना

No.-16. अधिगम संबंधी समस्याओं, ‘कठिनाईरखने वाले बालकों की आवश्यकताओं को समझना

No.-17. मेधावी, सृजनशील, विशिष्ट प्रतिभावान शिक्षणार्थियों की आवश्यकताओं को समझना

) अध्ययन और अध्यापन

No.-1.बालक किस प्रकार सोचते और सीखते हैं; बालक विद्यालय प्रदर्शन में सफलता प्राप्त करने में कैसे और क्योंअसफलहोते हैं।

No.-2. अधिगम और अधिगम की बुनियादी प्रक्रियाएं; बालकों की अध्ययन कार्यनीतियां; सामाजिक क्रियाकलाप के रूप में अधिगम अधिगम के सामाजिक संदर्भ

No.-3. एक समस्या समाधानकर्ता और एकवैज्ञानिक अन्वेषक के रूप में बालक

No.-4. बालकों में अधिगम की वैकल्पिक संकल्पना; अधिगम प्रक्रिया में महत्वपूर्ण चरणों के रूप में बालक कीत्रुटियोंको समझना

No.-5. बोध और संवेदनाएं

No.-6. प्रेरणा और अधिगम

No.-7. अधिगम में योगदान देने वाले कारक निजी एवं पर्यावरणीय

खण्ड II : भाषा-I

) हिन्दी (विषय वस्तु)

No.-1. अपठित अनुछेद।

No.-2. हिन्दी वर्णमाला (स्वर, व्यंजन)

No.-3. वर्णों के मेल से मात्रिक तथा अमात्रिक शब्दों की पहचान

No.-4. वाक्य रचना

No.-5. हिन्दी की सभी ध्वनियों के पारस्परिक अंतर की जानकारी विशेष रूप से , , , , , , , , क्ष, , तथा की ध्वनियाँ।

No.-6. हिन्दी भाषा की सभी ध्वनियों, वर्णों, अनुस्वार, अनुनासिक एवं चन्द्रबिन्दु में अन्तर।

No.-7. संयुक्ताक्षर एवं अनुनासिक ध्वनियों के प्रयोग से बने शब्द।

No.-8. सभी प्रकार की मात्राएँ।

No.-9. विराम चिह्नों यथाअल्प विराम, अर्द्धविराम, पूर्णविराम, प्रश्नवाचक विस्मयबोधक, चिह्नों का प्रयोग।

No.-10. विलोम, समानार्थी, तुकान्त, अतुकान्त, समान ध्वनियों वाले शब्द।

No.-11. संज्ञा, सर्वनाम, क्रिया एवं विशेषण के भेद।

No.-12 .वचन, लिंग एवं काल।

No.-13. प्रत्यय, उपसर्ग, तत्सम, तद्भव, देशज शब्दों की पहचान एवं उनमें अन्तर।

No.-14. लोकोक्तियों एवं मुहावरों के अर्थ।

No.-15. सन्धि

No.- 1. (1) स्वर सन्धि- दीर्घ सन्धि, गुण सन्धि वृद्धि सन्धि, यण् सन्धि, अयादि सन्धि।

No.- 2. (2) व्यंजन सन्धि

No.- 3. (3) विसर्ग सन्धि

वाच्य, समास एवं अंलकार के भेद।

No.-1 .कवियों एवं लेखकों की रचनाएँ।

) भाषा विकास का अध्यापन :

No.-1. अधिगम और अर्जन।

No.-2. भाषा अध्यापन के सिद्धांत।

No.-3. सुनने और बोलने की भूमिकाः भाषा का कार्य तथा बालक इसे किस प्रकार एक उपकरण के रूप में प्रयोग करते हैं।

No.-4. मौखिक और लिखित रूप में विचारों के संप्रेषण के लिए किसी भाषा के अधिगम में व्याकरण की भूमिका पर निर्णायक संदर्श।

No.-5. एक भिन्न कक्षा में भाषा पढ़ाने की चुनौतियां, भाषा की कठिनाइयाँ, त्रुटियां और विकार।

No.-6. भाषा कौशल।

No.-7. भाषा बोधगम्यता और प्रवीणता का मूल्यांकन करना बोलना, सुनना, पढना और लिखना।

No.-8 .अध्यापन अधिगम सामग्रियां: पाठ्यपुस्तक, मल्टी मीडिया सामग्री कक्षा का बहुभाषायी संसाधन।

No.-9. उपचारात्मक अध्यापन।

खण्ड III : भाषा-II

) बोधगम्यता

No.-1. दो अनदेखे गद्य अनुच्छेद (तर्कमूलक अथवा साहित्यिक अथवा वर्णनात्मक अथवा वैज्ञानिक) जिनमें बोधगम्यता, निष्कर्ष, व्याकरण और मौखिक योग्यता से संबंधित प्रश्न होंगे

) भाषा विकास का अध्यापन कला

No.-1. अधिगम और अर्जन

No.-2. भाषा अध्यापन के सिद्धांत

No.-3. सुनने और बोलने की भूमिका; भाषा का कार्य तथा बालक इसे किस प्रकार एक उपकरण के रूप में प्रयोग करते हैं

No.-4. मौखिक और लिखित रूप में विचारों के संप्रेषण के लिए किसी भाषा के अधिगम में व्याकरण की भूमिका पर निर्णायक संदर्श

No.-5. एक भिन्न कक्षा में भाषा पढ़ाने की चुनौतियां; भाषा की कठिनाइयां, त्रुटियां और विकार

भाषा कौशल

No.-1. भाषा बोधगम्यता और प्रवीणता का मूल्यांकन करना: बोलना, सुनना, पढ़ना और लिखना

No.-2 .अध्यापन-अधिगम सामग्री: पाठ्यपुस्तक, मल्टीमीडिया सामग्री कक्षा का बहुभाषायी संसाधन

No.-3. उपचारात्मक अध्यापन

खण्ड IV : गणित

) विषय-वस्तु :

No.-1. ज्यामिति

No.-2. आकार और स्थानिक समझ

No.-3. हमारे चारों ओर विद्यमान ठोस पदार्थ

No.-4.संख्याएं

No.-5. जोड़ना और घटाना

No.-6. गुणा करना

No.-7. विभाजन

No.-8. मापन

No.-9. भार

No.-10. समय

No.-11. परिमाण

No.-12आंकड़ा प्रबंधन

No.-13. पैटर्न

No.-14. राशि

) अध्यापन कला संबंधी मुद्दे

No.-1. गणितीय/तार्किक चिंतन की प्रकृति; बालक के चिंतन एवं तर्कशक्ति पैटनों तथा अर्थ निकालने और अधिगम की कार्यनीतियों को समझना

No.-2. पाठ्यचर्या में गणित का स्थान

No.-3. गणित की भाषा

No.-4. सामुदायिक गणित

No.-5. औपचारिक एवं अनौपचारिक पद्धतियों के माध्यम से मूल्यांकन

No.-6. शिक्षण की समस्याएं

No.-7. त्रुटि विश्लेशण तथा अधिगम एवं अध्यापन के प्रासंगिक पहलू

No.-8. नैदानिक एवं उपचारात्मक शिक्षण

खण्ड V : पर्यावरण अध्ययन

No.-1. पर्यावरणीय अध्ययन (विज्ञान, इतिहास, भूगोल, नागरिक शास्त्र एवं पर्यावरण)

) विषय-वस्तु

No.-1 .परिवार।

No.-2. भोजन, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता।

No.-3. आवास।

No.-4. पेड़-पौधे एवं जन्तु।

No.-5. हमारा परिवेश।

No.-6. मेला।

No.-7. स्थानीय पेशे से जुड़े व्यक्ति एवं व्यवसाय

No.-8. जल।

No.-9. यातायात एवं संचार

No.-10. खेल एवं खेल भावना।

No.-11. भारत-नदियाँ, पर्वत, पठार, वन, यातायात, महाद्वीप एवं महासागर।

No.-12. हमारा प्रदेश- नदियाँ, पर्वत, पठार, वन, यातायात।

No.-13. संविधान |

No.-14. शासन व्यवस्था स्थानीय स्वशासन, ग्राम पंचायत, नगर पंचायत, जिला पंचायत, नगर पालिका, नगर निगम, जिला प्रशासन, प्रदेश की शासन व्यवस्था, व्यवस्थापिका, न्यायपालिका कार्यपालिका, राष्ट्रीय पर्व, राष्ट्रीय प्रतीक मतदान, राष्ट्रीय एकता।

No.-15. पर्यावरण आवश्यकता महत्व एवं उपयोगिता पर्यावरण संरक्षण, पर्यावरण के प्रति सामाजिक दायित्वबोध, पर्यावरण संरक्षण हेतु संचालित योजनाएँ

) अध्यापन संबंधी मुद्दे

No.-1. पर्यावरणीय अध्ययन की अवधारणा और व्याप्ति।

No.-2 .पर्यावरणीय अध्ययन का महत्व, एकीकृत पर्यावरणीय अध्ययन

No.-3. पर्यावरणीय अध्ययन एवं पर्यावरणीय शिक्षा।

No.-4. अधिगम सिद्धांत।

No.-5. विज्ञान और सामाजिक विज्ञान की व्याप्ति और संबंध।

No.-6. अवधारणा प्रस्तुत करने के दृष्टिकोण।

No.-7. क्रियाकलाप।

No.-8. प्रयोग/व्यावहारिक कार्य

No.-9. चर्चा

No.-10. सीसीई

No.-11. शिक्षण सामग्री / उपकरण

No.-12 .समस्याएं

CTET Paper 2 Detailed Syllabus

No.-1. इस खंड में, उम्मीदवार केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटेट) पेपर II लिखित परीक्षा के लिए विस्तृत पाठ्यक्रम की जांच कर सकते हैं।

No.-2. जैसा कि हमने पहले बताया है CTET पेपर II में मुख्य रूप से चार खंड हैं: – (1) बाल विकास, शिक्षा और शिक्षाशास्त्र, (2) भाषा-I, (3) भाषा-II, ( 4) () गणित एवं विज्ञान विषय (गणित एवं विज्ञान के शिक्षक हेतु) या () सामाजिक अध्ययन विषय ( सामाजिक अध्ययन के शिक्षक हेतु)

No.-3. हम उम्मीदवारों को CTET Syllabus में उल्लिखित केवल इन पांच विषयों  पर ध्यान केंद्रित करने और जितना हो सके अभ्यास करने का सुझाव देते हैं, जैसा कि परीक्षा में पूछे गए सभी प्रश्न CTET के आधिकारिक पाठ्यक्रम में दिए गए विषयों पर ही आधारित होते हैं।

No.-4. आप लेख के इस खंड में विस्तृत CTET पेपर 2 पाठ्यक्रम की जांच कर सकते हैं और दिए गए लिंक से पीडीएफ डाउनलोड कर सकते हैं।

खण्ड I : बाल विकास एवं शिक्षण विधियाँ

) बाल विकास (प्रारंभिक विद्यालय का बालक)

No.-1.विकास की अवधारणा तथा अधिगम से उसका संबंध

No.-2. बालकों के विकास के सिद्धांत

No.-3. आनुवांशिकता और पर्यावरण का प्रभाव

No.-4. सामाजिकीकरण प्रक्रियाएं सामाजिक विश्व और बालक (शिक्षक, अभिभावक और मित्रगण)

No.-5. पियाजे, कोलबर्ग और वायगोट्स्की निर्माण और विवेचित संदर्श

No.-6. बाल केन्द्रित और प्रगामी शिक्षा की अवधारणाएं

No.-7. बौद्धिकता के निर्माण का विवेचित संदर्श

No.-8. बहु-आयामी बौद्धिकता

No.-9. भाषा और चिंतन

No.-10. समाज निर्माण के रूप में लिंग: लिंग भूमिकाएं, लिंग- पूर्वाग्रह और शैक्षणिक व्यवहार

No.-11. शिक्षार्थियों के मध्य वैयक्तिक विभेद, भाषा, जाति, लिंग, समुदाय, धर्म आदि की विविधता पर आधारित विभेदों को समझना

No.-12. अधिगम के लिए मूल्यांकन और अधिगम के मूल्यांकन के बीच अंतर, विद्यालय आधारित मूल्यांकन, सतत एवं व्यापक मूल्यांकन, संदर्श और व्यवहार . शिक्षार्थियों की तैयारी के स्तर के मूल्यांकन के लिए, कक्षा में शिक्षण और विवेचित चिंतन के लिए तथा शिक्षार्थी की उपलब्धि के लिए उपयुक्त प्रश्न तैयार करना

) समावेशी शिक्षा की अवधारणा तथा विशेष आवश्यकता वाले बालकों को समझना

No.-1. गैर-लाभप्राप्त और अवसरवचित शिक्षार्थियों सहित विभिन्न पृष्ठभूमियों से आए शिक्षणार्थियों की आवश्यकताओं को समझना

No.-2 .अधिगम संबंधी समस्याओं, ‘कठिनाईरखने वाले बालकों की आवश्यकताओं को समझना

No.-3. मेधावी, सृजनशील, विशिष्ट प्रतिभावान शिक्षणार्थियों की आवश्यकताओं को समझना

) अध्ययन और अध्यापन

No.-1. बालक किस प्रकार सोचते और सीखते हैं; बालक विद्यालय प्रदर्शन में सफलता प्राप्त करने में कैसे और क्योंअसफलहोते हैं।

No.-2. अधिगम और अधिगम की बुनियादी प्रक्रियाएं; बालकों की अध्ययन कार्यनीतियां; सामाजिक क्रियाकलाप के रूप में अधिगम अधिगम के सामाजिक संदर्भ

No.-3. एक समस्या समाधानकर्ता और एकवैज्ञानिक अन्वेषक के रूप में बालक बालकों में अधिगम की वैकल्पिक संकल्पना; अधिगम प्रक्रिया में महत्वपूर्ण चरणों के रूप में बालक कीत्रुटियोंको समझना

No.-4. बोध और संवेदनाएं

No.-5. प्रेरणा और अधिगम

No.-6. अधिगम में योगदान देने वाले कारक निजी एवं पर्यावरणीय

खण्ड II : भाषा-I

) भाषा बोधगम्यता

No.-1. अपठित अनुच्छेदों को पढ़ना दो अनुच्छेद एक गद्य अथवा नाटक और एक कविता जिसमें बोधगम्यता, निष्कर्ष, व्याकरण और मौखिक योग्यता से संबंधित प्रश्न होंगे (गद्य अनुच्छेद साहित्यिक, वैज्ञानिक, वर्णनात्मक अथवा तर्कमूलक हो सकता है)

) भाषा विकास का अध्यापन कला

No.-1. अधिगम अर्जन

No.-2. भाषा अध्यापन के सिद्धांत

No.-3. सुनने और बोलने की भूमिका; भाषा का कार्य तथा बालक इसे किस प्रकार एक उपकरण के रूप में प्रयोग करते हैं

No.-4. मौखिक और लिखित रूप में विचारों के संप्रेषण के लिए किसी भाषा के अधिगम में व्याकरण की भूमिका पर विवेचित संदर्श

No.-5. एक भिन्न कक्षाओं में भाषा पढ़ाने की चुनौतियां; भाषा की कठिनाइयां, त्रुटियां और विकार

भाषा कौशल

No.-1. भाषा बोधगम्यता और प्रवीणता का मूल्यांकन करना: बोलना, सुनना, पढ़ना और लिखना

No.-2 .अध्यापन अधिगम सामग्रियां: पाठ्य पुस्तक, मल्टी मीडिया सामग्री, कक्षा का बहुभाषायी संसाधान

No.-3. उपचारात्मक अध्यापन

खण्ड III : भाषा-II

) बोधगम्यता

No.-1. दो अनदेखे गद्य अनुच्छेद (तर्कमूलक अथवा साहित्यिक अथवा वर्णनात्मक अथवा वैज्ञानिक) जिनमें बोधगम्यता, निष्कर्ष, व्याकरण और मौखिक योग्यता से संबंधित प्रश्न होंगे

) भाषा विकास का अध्यापन कला

No.-1 .अधिगम और अर्जन

No.-2. भाषा अध्यापन के सिद्धांत

No.-3. सुनने और बोलने की भूमिका; भाषा का कार्य तथा बालक इसे किस प्रकार एक उपकरण के रूप में प्रयोग करते हैं

No.-4. मौखिक और लिखित रूप में विचारों के संप्रेषण के लिए किसी भाषा के अधिगम में व्याकरण की भूमिका पर निर्णायक संदर्श

No.-5. एक भिन्न कक्षा में भाषा पढ़ाने की चुनौतियां; भाषा की कठिनाइयां, त्रुटियां और विकार

भाषा कौशल

No.-1. भाषा बोधगम्यता और प्रवीणता का मूल्यांकन करना: बोलना, सुनना, पढ़ना और लिखना

No.-2 .अध्यापन-अधिगम सामग्री: पाठ्यपुस्तक, मल्टीमीडिया सामग्री कक्षा का बहुभाषायी संसाधन

No.-3 .उपचारात्मक अध्यापन

खण्ड IV : गणित एवं विज्ञान विषय

No.-1. नोट: गणित एवं विज्ञान के शिक्षक हेतु

गणित

) विषय-वस्तु :

No.-1. अंकों को समझना

No.-2. अंकों के साथ खेलना

No.-3. पूर्ण अंक

No.-4. नकारात्मक अंक और पूर्णांक

No.-5 .भिन्न

No.-6. बीजगणित

No.-7. बीजगणित का परिचय

No.-8. समानुपात और अनुपात

No.-9. ज्यामिति

No.-10. मूलभूत ज्यामितिक विचार (2 डी)

No.-11. बुनियादी आकारों को समझना (2 डी और 3-डी)

No.-12. सममिति

No.-13. निर्माण (सीधे किनारे वाले मापक, कोणमापक, परकार का प्रयोग करते हुऐ)

No.-14. क्षेत्रमिति

No.-15. आंकड़ा प्रबंधन

) अध्यापन संबंधी मुद्दे

No.-1. गणितीय/तार्किक चिंतन की प्रकृति

No.-2 .पाठ्यचर्या में गणित का स्थान

No.-3. गणित की भाषा

No.-4. सामुदायिक गणित

No.-5. मूल्यांकन

No.-6. उपचारात्मक शिक्षण

No.-7. शिक्षण की समस्याएं

No.-8. विज्ञान

() विषय-वस्तु

No.-1. भोजन

No.-2 .भोजन के स्रोत

No.-3. भोजन के अवयव

No.-4. भोजन को स्वच्छ करना

No.-5. सामग्री

No.-6. दैनिक प्रयोग की सामग्री

No.-7. जीव-जंतुओं की दुनिया

No.-8. सचल वस्तुएं, लोग और विचार

No.-9. चीजें कैसे कार्य करती हैं

No.-10. विद्युत करंट और सर्किट

No.-11. चुंबक

No.-12. प्राकृतिक पद्धति

No.-13. प्राकृतिक संसाधन

) अध्यापन संबंधी मुद्दे

No.-1 .विज्ञान की प्रकृति और संरचना

No.-2. प्राकृतिक विज्ञान / लक्ष्य और उद्देश्य

No.-3. विज्ञान को समझना और उसकी सराहना करना

No.-4. दृष्टिकोण/एकीकृत दृष्टिकोण

No.-5. प्रेक्षण / प्रयोग/ अन्वेषण (विज्ञान की पद्धति)

No.-6. अभिनवता

No.-7. पाठ्यचर्या सामग्री / सहायता सामग्री

No.-8. मूल्यांकन संज्ञात्मक / मनोप्रेरक / प्रभावन

No.-9. समस्याएं

No.-10. उपचारात्मक शिक्षण

खण्ड IV : सामाजिक अध्ययन विषय

1. इतिहास

No.-1 .कब, कहां और कैसे

No.-2. प्रारंभिक समाज

No.-3. प्रथम कृषक और चरवाहे

No.-4. प्रथम शहर

No.-5. प्रारंभिक राज्य

No.-6. नए विचार

No.-7. प्रथम साम्राज्य

No.-8. सुदूरवर्ती भूभागों के साथ संपर्क

No.-9. राजनैतिक गतिविधियां

No.-10. संस्कृति और विज्ञान

No.-11. नए सम्राट और साम्राज्य

No.-12. दिल्ली के सुलतान

No.-13. वास्तुकला साम्राज्य का सृजन

No.-14. सामाजिक परिवर्तन

No.-15 .क्षेत्रीय संस्कृतियां

No.-16. कंपनी शासन की स्थापना

No.-17. ग्रामीण जीवन और समाज

No.-18. उपनिवेशवाद और जनजातीय समाज

No.-19. 1857-58 का विद्रोह

No.-20. महिलाएं और सुधार

No.-21. जाति व्यवस्था को चुनौती

No.-22. राष्ट्रवादी आंदोलन

No.-23. स्वतंत्रता के पश्चात भारत

II. भूगोल

No.-1. एक सामाजिक अध्ययन तथा एक विज्ञान के रूप में भूगोल

No.-2. ग्रह सौरमण्डल में पृथ्वी

No.-3. ग्लोब

No.-4. अपनी समग्रता में पर्यावरण प्राकृतिक और मानव पर्यावरण

No.-5. वायु

No.-6. जल

No.-7. मानव पर्यावरण बस्तियां, परिवहन और संप्रेषण

No.-8. संसाधन प्रकार प्राकृतिक एवं मानवीय

No.-9. कृषि

III. सामाजिक और राजनीतिक जीवन

No.-1. विविधता सरकार

No.-2. स्थानीय सरकार

No.-3. आजीविका हासिल करना

No.-4. लोकतंत्र

No.-5. राज्य सरकार

No.-6. मीडिया को समझना

No.-7. लिंग-भेद समाप्ति

No.-8. संविधान

No.-9. संसदीय सरकार

No.-10. न्यायपालिका

No.-11. सामाजिक न्याय और सीमांत लोग

) अध्यापन संबंधी मुद्दे

No.-1.सामाजिक विज्ञान / सामाजिक अध्ययन की अवधारण और पद्धति कक्षा की प्रक्रियाएं क्रियाकलाप और व्याख्यान

No.-2. विवेचित चिंतन का विकास करना पूछताछ / अनुभवजन्य साक्ष्य

No.-3. सामाजिक विज्ञान / सामाजिक अध्ययन पढ़ाने की समस्याएं

No.-4. स्रोत प्राथमिक और माध्यमिक

No.-5. प्रोजेक्ट कार्य

No.-6. मूल्यांकन

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