Satyanarayan Vrat Katha PDF in Hindi Download
No:1. दोस्तों आज हम आपके लिए
लेकर आये हैं Satyanarayan Vrat Katha Hindi PDF / सत्यनारायण व्रत कथा PDF अपलोड किया हैं।
No:2. श्री सत्यनारायण
व्रत-पूजनकर्ता पूर्णिमा या संक्रांति के दिन स्नान करके कोरे अथवा धुले हुए शुद्ध
वस्त्र पहनें, माथे
पर तिलक लगाएँ और शुभ मुहूर्त में पूजन शुरू करें।
No:3. इस हेतु शुभ आसन पर पूर्व
या उत्तर दिशा की ओर मुँह करके सत्यनारायण भगवान का पूजन करें। इसके पश्चात्
सत्यनारायण व्रत कथा का वाचन अथवा श्रवण करें।
No:4. Satyanarayan
Vrat Katha Hindi PDF / सत्यनारायण
व्रत कथा PDF पूजा
विधि और आरती आप यहाँ से डाउनलोड कर सकते हो।
पवित्रकरण
बाएँ हाथ में जल लेकर दाहिने हाथ की अनामिका से निम्न
मंत्र बोलते हुए अपने ऊपर एवं पूजन सामग्री पर जल छिड़कें
मंत्र
ॐ अपवित्रः पवित्रो वा सर्वावस्थां गतोऽपि वा ।
यः स्मरेत् पुण्डरीकाक्षं स बाह्याभ्यंतरः शुचिः ॥
पुनः पुण्डरीकाक्षं, पुनः पुण्डरीकाक्षं, पुनः पुण्डरीकाक्षं ।
आसन
निम्न मंत्र से अपने आसन पर उपरोक्त तरह से जल छिड़कें-
ॐ पृथ्वी त्वया घता लोका देवि त्वं विष्णुना धृता ।
त्वं च धारय मां देवि पवित्रं कुरु च आसनम् ॥
ग्रंथि बंधन
यदि यजमान सपत्नीक बैठ रहे हों तो निम्न मंत्र के पाठ से
ग्रंथि बंधन या गठजोड़ा करें-
ॐ यदाबध्नन दाक्षायणा हिरण्य(गुं)शतानीकाय सुमनस्यमानाः
।
तन्म आ बन्धामि शत शारदायायुष्यंजरदष्टियर्थासम् ॥
आचमन
इसके बाद दाहिने हाथ में जल लेकर तीन बार आचमन करें व
तीन बार कहें-
No:1. ॐ केशवाय नमः स्वाहा,
No:2. ॐ नारायणाय नमः स्वाहा,3. माधवाय नमः स्वाहा ।
यह बोलकर हाथ धो लें-
ॐ गोविन्दाय नमः हस्तं प्रक्षालयामि ।
Satyanarayan Vrat Puja Vidhi | सत्यनारायण व्रत पूजा विधि
No:1. पूजन स्थल को गाय के गोबर
से पवित्र करके वहां एक अल्पना बनाएं और उस पर पूजा की चौकी रखें।
No:2. इस चौकी के चारों पाये के
पास केले का वृक्ष लगाएं। इस चौकी पर शालिग्राम या ठाकुर जी या श्री सत्यनारायण की
प्रतिमा स्थापित करें।
No:3. पूजा करते समय सबसे पहले
गणपति की पूजा करें फिर इन्द्रादि दशदिक्पाल की और क्रमश: पंच लोकपाल, सीता सहित राम, लक्ष्मण की, राधा कृष्ण की। इनकी पूजा
के पश्चात ठाकुर जी व सत्यनारायण की पूजा करें।
No:4. इसके बाद लक्ष्मी माता की
और अंत में महादेव और ब्रह्मा जी की पूजा करें।
No:5. पूजा के बाद सभी देवों की
आरती करें और चरणामृत लेकर प्रसाद वितरण करें।
No:6. पुरोहित जी को दक्षिणा
एवं वस्त्र दे व भोजन कराएं। पुराहित जी के भोजन के पश्चात उनसे आशीर्वाद लेकर आप
स्वयं भोजन करें।
श्री सत्यनारायण पूजा सामग्री |
Satyanarayan Vrat Puja Samagri
No:1. पूजा में केले के पत्ते व
फल के अलावा पंचामृत, पंचगव्य, सुपारी, पान, तिल, मोली, रोली, कुमकुम, दूर्वा की आवश्यकता होती
जिनसे भगवान की पूजा होती है।
No:2. सत्यनारायण की पूजा के
लिए दूध, मधु, केला, गंगाजल, तुलसी पत्ता, मेवा मिलाकर पंचामृत
तैयार किया जाता है जो भगवान को काफी पसंद (पसन्द) है।
No:3. इन्हें प्रसाद के तौर पर
फल, मिष्टान्न के अलावा आटे
को भून कर उसमें चीनी मिलाकर एक प्रसाद बनता है जिसे सत्तू ( पंजीरी ) कहा जाता है, उसका भी भोग लगता है।
About This PDF File
PDF Name |
सत्यनारायण व्रत कथा | Satyanarayan
Vrat Katha PDF |
No. of Pages |
10 |
PDF Size |
7.82 MB |
Language |
Hindi |
Category |
|
Source |
ishwarpooja.com |
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