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Questions related to Mahmud Ghaznavi

 Today in this post we share about the information Questions related to Mahmud Ghaznavi,mahmud ghazni was the ruler of which place,mahmud of ghazni attacked india mainly,Important facts about mahmud ghazni,Unknown questions aabout ghazni. सुल्तान महमूद का जन्म 971 में हुआ था। उसने 27 साल की उम्र में गद्दी संभाली थी। वह गजनी का शासक 998 ई. में बना था। उसने 971 से 1030 AD तक शासन किया। उसके पिता का नाम वह सुबुक्तगीन था। भारत की अतुल धन-संपत्ति से आकर्षित होकर, गजनवी ने भारत पर 17 बार आक्रमण किए। उसके आक्रमण का मुख्य मकसद भारत की संपत्ति को लूटना था।

 महमूद गजनवी से संबंधित परीक्षा उपयोगी प्रश्न उत्तर

 No.-1. गजनवी वंश का संस्थापक कौन था?

Ans.अलप्तगीन

No.-2. महमूद गजनवी कौन था?

Ans. सुबुक्तगीन की मृत्यु 997 ई. में हुई। सुबुक्तगीन ने अपना उत्तराधिकारी अपने पुत्र इस्लाम को घोषित किया था, किन्तु उसके एक अन्य पुत्र महमूद ने इस्लाम को परास्त कर गजनी के राजसिंहासन पर अधिकार कर लिया।

No.-3.महमूद गजनवी किस वंश का था?

Ans.गजनवी वंश

No.-4.महमूद गजनवी का जन्म कब हुआ था?

Ans.महमूद गजनवी का जन्म 1 नवंबर, 971 ई. को हुआ था वह 998 ई. में गजनी के राजसिंहासन पर आसीन हुआ था।

No.-5.महमूद गजनवी भारत कब आया?

1000 ई. में

No.-6.महमूद गजनवी का सेनापति कौन था?

Ans.मलिक अयाज़ सुल्तान

No.-7.महमूद गजनवी का दरबारी कवि कौन था?

Ans.फिरदौसी

No.-8.महमूद गजनवी ने भारत पर कितनी बार आक्रमण किया था?

Ans.महमूद गजनवी ने 1000 ई. से 1027 ई. के मध्य भारत पर 17 बार आक्रमण किया।

No.-9.महमूद गजनवी का प्रथम आक्रमण कब हुआ?

Ans.1000 ई. में

No.-10.महमूद गजनवी ने भारत पर पहला आक्रमण कब किया?

Ans.1000 ई. में, जिसमें उसने कुछ सीमांत किलों पर अपना अधिकार कर लिया था। जयपाल ने अपनी मुक्ति के लिए बहुत धन दिया, किन्तु अपने इस अपमान को वह सहन नहीं कर सका और आत्मदाह कर लिया।

No.-11.महमूद गजनवी का अंतिम आक्रमण कब हुआ?

Ans.1027 ई. में महमूद गजनवी द्वारा जाटों व खोखरों को पराजित किया गया। वह महमूद का भारत पर अंतिम आक्रमण था।

No.-12.सुल्तान महमूद का भारत पर 16 बार आक्रमण करने का प्रमुख कारण क्या था?

Ans.भारत से अकूत धन संपत्ति लूटना

No.-13.महमूद गजनवी का सोमनाथ पर आक्रमण कब हुआ?

Ans. 1025 ई.

No.-14.महमूद गजनवी की उपाधि क्या थी?

Ans.महमूद गजनवी को 'यमीन-उद-दौला' तथा 'यमीन-उल-उल्लाह' की उपाधियां दी गई तथा उसके वंश को 'यमीनी-वंश' कहा गया।

No.-15.महमूद गजनवी के पिता का नाम क्या था?

Ans.सुबुक्तगीन

No.-16.महमूद गजनवी का भारत पर आक्रमण करने का क्या उद्देश्य था?

Ans.भारत से अकूत धन संपत्ति लूटना

No.-17.महमूद गजनवी के आक्रमण के समय गुजरात के राजा कौन थे?

Ans.भीमसेन प्रथम

No.-18.महमूद गजनवी को किसने मारा था?

Ans.असाध्य रोगों से पीड़ित होकर

No.-19.महमूद गजनवी की मृत्यु कब हुई थी?

Ans.30 अप्रैल, 1030 ई. में

No.-20.महमूद गजनवी की मृत्यु कैसे हुई?

Ans.मलेरिया के कारण

  भारत पर महमूद गजनवी के प्रमुख आक्रमण

 No.-1.1001 ई. : जयपाल (हिंदूशाही वंश) (पश्चिमोत्तर पाकिस्तान तथा पूर्वी अफगानिस्तान) –  जयपाल पराजित होकर बंदी बना। शाही राजधानी वैहिंद/उद्भांडपुरम ध्वस्त कर दी गई। धन तथा हाथी देकर जयपाल मुक्त हुआ। अपमानित होकर जयपाल ने आत्महत्या कर ली।

No.-2.1004 ई. : फतह दाऊद (मुल्तान) मुल्तान पर अधिकार कर लिया गया। शासक करमाथी जाति का था और शिया ग्रंथ मानता था। दाऊद को हटाकर, जयपाल के पौत्र और आनंदपाल के पुत्र सुखपाल को गद्दी दी। सुखपाल मुसलमान बना (नौशाशाह), परन्तु पुनः हिंदू बना। अतः महमूद ने इसे हटाकर बंदी बनाया।

No.-3.1008 ई. : आनंदपाल (हिंदूशाही वंश) हिंदूशाहियों ने नंदना को अपनी नई राजधानी बनाया था, जो सॉल्टरेंज में स्थित थी। महमूद ने नंदना को नष्ट किया तथा आनंदपाल ने समर्पण किया।

No.-4.1009 ई. : नगरकोट (काँगड़ा) पहाड़ी राज्य काँगड़ा के नगरकोट पर आक्रमण। कोई लड़ने नहीं आया तथा अपार धन लूट के रूप में प्राप्त हुआ।

No.-5.1015 ई. : कश्मीर लोहार वंश की शासिका, रानी दिदा से महमूद पराजित हुआ (संभवतः प्रतिकूल मौसम के कारण)। यह भारत में महमूद की प्रथम पराजय थी।

No.-6.1015 ई. : मथुरा और वृंदावन क्षेत्रीय कल्चुरि शासक कोक्कल द्वितीय पराजित हुआ। महमूद ने हिंदू तीर्थ स्थलों में भारी लूटपाट व तोड़फोड़ की और मथुरा तथा वृंदावन को पूर्णत: विध्वंस कर दिया गया।

No.-7.1015 ई. : कन्नौज प्रतिहार शासक राज्यपाल बिना युद्ध किए ही भाग गया। राज्यपाल को दंडित करने हेतु कालिंजर के शक्तिशाली चंदेल शासक विद्याधर ने शासकों का एक संघ बनाया तथा कन्नौज की गद्दी पर त्रिलोचनपाल को बैठाया।

No.-8.1019 ई. : बुंदेलखंड बुंदेलखंड (राजधानी कालिंजर) के चंदेल शासक विद्याधर ने एक विशाल सेना जुटाई। महमूद सेना देखकर विचलित हो गया और कोई निर्णायक युद्ध नहीं हुआ।

No.-9.1025 ई. : सोमनाथ काठियावाड़ का शासक भीमदेव बिना युद्ध किए ही भाग गया। पवित्र शिव मंदिर नष्ट करके भयंकर कत्लेआम मचाया गया और अपार सामग्री लूट में प्राप्त की। कुछ विद्वानों का मानना है कि महमूद ने 1027 ई. में जाटों के विरुद्ध आक्रमण किया, जो उसका भारत पर अंतिम आक्रमण था।

 

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