No.-1.हिन्दी के प्रथम संस्मरणकार पद्मसिंह शर्मा हैं। इनकी प्रमुख रचना 'पद्म पराग' सन् 1929 ई० में प्रकाशित हुई।
लेखक |
संस्मरण |
महावीर प्रसाद द्विवेदी |
अनुमोदन का अंत (1905 ई०) सभा की
सभ्यता (1907 ई०) |
बालमुकुंद गुप्त |
हरिऔध जी का संस्मरण |
श्रीराम शर्मा |
शिकार (1936 ई०) बोलती
प्रतिमा (1937 ई०), भाई जगन्नाथ, प्राणों का सौदा (1939 ई०), जंगल के जीव (1949 ई०) |
रामवृक्ष बेनीपुरी |
लाल तारा (1938 ई०), माटी की मूरतें (1946 ई०), गेहूँ और गुलाब (1950 ई०) जंजीर और
दीवारें (1955 ई०), मील के पत्थर
(1957 ई०) |
महादेवी वर्मा |
अतीत के चलचित्र (1941 ई०), स्मृति की रेखाएँ (1947 ई०), पथ के साथी (1956 ई०), क्षणदा (1957 ई०), स्मारिका (1971 ई०) |
रामनरेश त्रिपाठी |
तीस दिन : मालवीय जी के साथ (1942 ई०) |
बनारसीदास चतुर्वेदी |
हमारे आराध्य (1952 ई०) |
कन्हैयालाल मिश्र 'प्रभाकर' |
जिंदगी मुस्काई (1953 ई०), दीप जले शंख बजे (1959 ई०), माटी हो गई सोना (1959 ई०) |
जैनेंद्र |
ये और वे (1954 ई०) |
राहुल सांकृत्यायन |
बचपन की स्मृतियाँ (1955 ई०), असहयोग के मेरे साथी (1956 ई०), जिनका मैं कृतज्ञ (1957 ई०) |
'अश्क' |
मंटो : मेरा दुश्मन (1956 ई०), ज्यादा अपनी कम परायी (1959 ई०) |
'दिनकर' |
वट-पीपल (1961 ई०) |
माखन लाल चतुर्वेदी |
समय के पाँव (1962 ई०) |
'बच्चन' |
नए-पुराने झरोखे (1962 ई०) |
जगदीश चंद्र माथुर |
दस तस्वीरें (1963 ई०), जिन्होंने जीना जाना (1971 ई०) |
शिवपूजन सहाय |
वे दिन वे लोग (1965 ई०) |
विष्णु प्रभाकर |
No.-1. जाने-अनजाने
(1962), No.-2. यादों की तीर्थयात्रा (1981), No.-3. मेरे अग्रज
मेरे मीत, No.-4. समान्तर रेखाएँ, No.-5. हम इनके
चलते-चलते, No.-9. हमारे पथ प्रदर्शक, No.-10. हमसफ़र मिलते
हैं, No.-11. सृजन के सेतु, No.-12. आकाश एक हैं, No.-13. यादों की छाँव में। |
नगेंद्र |
चेतना के बिंब (1967 ई०) |
अमृत लाल नागर |
जिनके साथ जिया (1973 ई०) |
'अज्ञेय' |
स्मृतिलेखा (1982 ई०) |
पद्मसिंह शर्मा |
No.-1.पद्म पराग (1929), No.-2. प्रबन्ध मंजरी। |
मन्मथनाथ गुप्त |
क्रान्तियुग के संस्मरण (1937)। |
शिवनारायण टण्डन |
झलक (1938)। |
घनश्यामदास बिड़ला |
बापू (1940)। |
बनारसीदास चतुर्वेदी |
No.-1.हमारे आराध्य
(1952), No.-2. संस्मरण (1952)। |
राधिकारमण प्रसाद सिंह |
टूटा तारा (1940) |
महादेवी वर्मा |
पथ के साथी (1956)। |
सत्यजीवन वर्मा 'भारतीय' |
एलबम (1949)। |
ओंकार शरद |
लंका महाराजिन (1950)। |
कैलाशनाथ काटजू |
मैं भूल नहीं सकता (1955)। |
उपेन्द्रनाथ अश्क |
No.-1.मण्टो मेरा
दुश्मन (1956), No.-2. ज्यादा अपनी कम परायी (1959)। |
सेठ गोविन्ददास |
स्मृतिकण (1959)। |
इन्द्र विद्यावाचस्पति |
मैं इनका ऋणी हूँ (1959)। |
विनोदशंकर व्यास |
प्रसाद और उनके समकालीन (1960)। |
हरिवंश राय बच्चन |
नये पुरोन झरोखे (1962)। |
सम्पूर्णानन्द |
कुछ स्मृतियाँ और स्फुट विचार (1962)। |
शान्तिप्रिय द्विवेदी |
स्मृतियाँ और कृतियाँ (1966)। |
रामधारी सिंह 'दिनकर' |
No.-1. लोक देव
नेहरू (1965), No.-2. स्मरण और श्रद्धांजलियाँ (1969)। |
प्रकाशचन्द्र गुप्त |
पुरानी स्मृतियाँ (1947 ई०)। |
काका कालेलकर |
गाँधी : संस्मरण और विचार (1968)। |
लक्ष्मीनारायण 'सुधांशु' |
व्यक्तित्व की झाँकियाँ (1970)। |
पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी |
अन्तिम अध्याय (1972)। |
लक्ष्मीशंकर व्यास |
स्मृति की त्रिवेणिका (1974)। |
अनीता राकेश |
चंद सतरें और (1975)। |
कमलेश्वर |
मेरे हमदम मेरे दोस्त (1975)। |
क्षेमचन्द्र सुमन |
रेखाएँ और संस्मरण (1975)। |
रामनाथ सुमन |
मैंने स्मृति के दीप जलाएँ (1976)। |
परिपूर्णानन्द |
बीती यादें (1976)। |
विष्णुकांत शास्त्री |
No.-1. स्मरण को पाथेय
बनने दो (1978), No.-2. सुधियाँ उस चंदन के वन की (1992), No.-3. पर साथ साथ चल रही याद (2004)। |
शंकरदयाल सिंह |
कुछ ख्वाबों कुछ ख्यालों में (1978)। |
भगवतीचरण वर्मा |
अतीत के गर्त से (1979), No.-2. हम खण्डहर के
वासी। |
मैथलीशरण गुप्त |
श्रद्धांजलि स्मरण (1979)। |
सुलोचना रांगेय राघव |
पुनः (1979)। |
कुँवर सुरेश सिंह |
यादों के झरोखें (1980)। |
राजेन्द्र यादव |
No.-1.औरों के
बहाने (1981), No.-2.वे देवता नहीं हैं (2000)। |
प्रतिभा अग्रवाल |
सृजन का सुख दुःख (1981)। |
रामेश्वर शुक्ल 'अंचल' |
युग पुरुष (1983)। |
पद्मा सचदेवा |
No.-1. दीवानखाना (1984), No.-2. मितवाघर (1995), No.-3. अमराई (2000)। |
कमलकिशोर गोयनका |
हजारी प्रसाद द्विवेदी : कुछ संस्मरण (1988)। |
बिन्दु अग्रवाल |
No.-1.भारतभूषण
अग्रवाल : कुछ यादें कुछ चर्चाएँ (1989), No.-2. यादें और
बातें (1998)। |
काशीनाथ सिंह |
No.-1. याद हो के न
याद हो (1992), No.-2. आछे दिन पाछ भये (2004), No.-3. घर का जोगी
जोगड़ा (2006)। |
अजित कुमार |
No.-1. निकट मन में
(1992), No.-2. निकट मन में दूर वन में (2012)। |
प्रकाशवती पाल |
No.-1. लाहौर से
लखनऊ तक (1994)। |
गिरिराज किशोर |
No.-1. सप्तपर्णी (1994)। |
दूधनाथ सिंह |
No.-1. लौट आओ धार (1995), No.-2. एक शमशेर भी है (2012) |
रामदरश मिश्र |
No.-1. स्मृतियों का
छंद (1995), No.-2. अपने अपने रास्ते (2001)। |
प्रफुल्लचंद ओझा |
अतीत जीवों (1995)। |
रवीन्द्र कालिया |
सृजन के सहयात्री (1996)। |
विष्णुचन्द्र शर्मा |
अभिन्न (1996)। |
कृष्णा सोबती |
No.-1. हमहशमत (भाग-2), No.-2. हमहशमत (भाग-3), No.-3. शब्दों के
आलोक में, No.-4. सोबती एक सोहबत। |
रामनाथ अवस्थी |
याद बाते हैं (2000)। |
मनोहर किशोर दीवान |
नेपथ्य नायक लक्ष्मीचन्द्र जैन (2000)। |
देवेन्द्र सत्यार्थी |
यादों के काफिले (2000)। |
पुरुषोत्तमदास मोदी |
अंतरंग संस्मरणों में प्रसाद (2001)। |
विश्वनाथप्रसाद तिवारी |
एक नाव के यात्री (2001)। |
विद्यानिवास मिश्र |
चिड़िया रैन बसेरा (2002)। |
मनोहर श्याम जोशी |
No.-1. लखनऊ मेरा
लखनऊ (2002), No.-2.रघुवीर सहाय : रचनाओं के बहाने एक संस्मरण (2003), No.-3. बातों बातों में। |
कांतिकार जैन |
No.-1. लौट आना नहीं
होगा (2002), No.-2. तुम्हारा परसाई (2004), No.-3. जो कहूँगा सच
कहूँगा (2006), No.-4. अब तो बात फैल गई (2007)। |
कृष्णबिहारी मिश्र |
नेह के नाते अनेक (2002) |
रामकमल राय |
स्मृतियों का शुक्ल पक्ष (2002) |
डॉ० विवेकी राय |
No.-1.आँगन के
वंदनवार (2003), NO.-2. मेरे सिह्रदय श्रद्धेय (2005)। |
लक्ष्मीधर मालवीय |
लाई हयात आए (2004) |
विश्वनाथ त्रिपाठी |
No.-1. नंगा तलाई का
गाँव (2004), No.-2. व्योमकेश दरवेश (2010), No.-3. गंगा स्नान
करने चलोगे (2012)। |
केशवचन्द्र वर्मा |
सुमिरन के बहाने (2005) |
अमरकांत |
कुछ यादें : कुछ बातें |
नवनीता देव सेन |
किस पथ आए तुम्हारी करुणा |
हर्ष मन्दर |
अनसुनी आवाजें |
ज्ञानचन्द्र जैन |
कथाशेष |
सुमन केसरा |
जे० एन० यू० में नामवर सिंह |
जाबिर हुसेन |
No.-1. लोंगा, No.-2. जो आगे हैं, No.-3. अतीत का
चेहरा, No.-4. डोला बीवी का मजार |
गोविन्द प्रसाद |
आलाप और अंतरंग |
गौरापंत शिवानी |
No.-1. वातायन |
फ़णीश्वरनाथ रेणु |
No.-1. बन तुलसी की
गंध, No.-2. समय की शिला पर। |
धर्मवीर भारती |
ठेले पर हिमालय |
नीलाभ अश्क |
ज्ञानरंजन के बहाने (2012) |
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