No.-1.जिस शब्द से न्यूनता, तुच्छता या संक्षिप्ता का बोध होता है, उसे ऊनार्थक शब्द कहते हैं।
इनका प्रयोग निम्नलिखित अवस्थाओं में
होता है :
No.-1. किसी वस्तु का छोटा रूप दिखाने के लिए।
No.-2. प्यार या स्नेह का भाव सूचित करने के लिए।
No.-3. किसी वस्तु या व्यक्ति के प्रति अनादर का भाव
व्यक्त करने के लिए।
शब्द के निर्माण के लिए तद्धित प्रत्यय
या स्त्री प्रत्यय का प्रयोग किया जाता है।
जैसे- आसन + इ = आसानी
मुख + ड़ा = मुखड़ा
ऊनार्थक शब्द मूल संज्ञा के साथ दिये
जा रहे हैं।
संज्ञा |
ऊनार्थक शब्द |
संज्ञा |
ऊनार्थक शब्द |
आँगन |
अँगनई |
पंखा |
पंखी |
आँत |
अँतड़ी |
पत्ता |
पत्ती |
काठ |
काठी |
पिंड |
पिंडिका |
कोठा |
कोठरी |
पलंग |
पलंगड़ी |
कुटी |
कुटिया |
पुत्र |
पुत्रक |
कटोरा |
कटोरी |
पिंडा |
पिंडी |
कन |
कनकी |
पंख |
पंखुड़ी |
कली |
कलिका |
पुर |
पुरवा |
कंगन |
कंगनी |
फोड़ा |
फुन्सी |
कलसा |
कलसी |
बेटी |
बेटिया |
किवाड़ |
किवाड़ी |
बेटा |
बेटवा |
कुर्त्ता |
कुर्त्ती |
बहु |
बहुरिया |
खाट |
खटोला |
मुख |
मुखड़ा |
गली |
गलियारी |
मटका |
मटकी |
गगरा |
गगरी |
मोट |
मोटरी |
गोला |
गोली |
महल |
महलिया |
घण्टा |
घण्टी |
ताल |
तलैया |
घोड़ा |
टट्टू |
ताला |
ताली |
घर |
घरौंदा |
तसला |
तसली |
संज्ञा |
ऊनार्थक शब्द |
संज्ञा |
ऊनार्थक शब्द |
चूहा |
चुहिया |
थाल |
थाली |
चोटी |
चुटिया |
थैला |
थैली |
चिमटा |
चिमटी |
दीया |
दियरी |
चम्मच |
चमचा |
नथ |
नथुनी |
छाता |
छतरी |
बिल्ली |
बिलौटी |
छुरा |
छुरी |
बाग |
बगीचा |
जूता |
जूती |
बटुआ |
बटलोही |
झोला |
झोली |
रस्सा |
रस्सी |
झण्डा |
झण्डी |
लट्टु |
लाठी |
टोप |
टोपी |
लोटा |
लुटिया |
टोकरा |
टोकरी |
लता |
लतिका |
डोला |
डोली |
लंगोट |
लंगोटी |
डाली |
डलिया |
सूआ |
सूई |
डब्बा |
डिबिया |
सूप |
सूपली |
डफ |
डफली |
सन्दूक |
सन्दूकची |
ढोल |
ढोलकी |
नाला |
नाली |
ढकना |
ढकनी |
पहाड़ |
पहाड़ी |
नौका |
नैया |
पिटारा |
पिटारी |
नद |
नदी |
||
साँप |
सँपोला |
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