No.-1. सन् 1975 ई. में 'मुक्ति स्मारिका' पत्रिका में सतीश द्वारा रचित 'वचनबद्ध' को हिन्दी की प्रथम दलित कहानी स्वीकार किया जाता है।
कुछ पत्रिकाओं में प्रकाशित दलित
लेखकों की प्रथम कहानियाँ निम्नांकित हैं-
लेखक |
कहानी |
वर्ष |
पत्रिका |
सतीश |
वचनबद्ध |
1975 |
मुक्ति स्मारिका |
मोहनदास नैमिशराय |
सबसे बड़ा सुख |
1978 |
कथालोक |
ओमप्रकाश वाल्मीकि |
अंधेर बस्ती |
1980 |
निर्णायक भीम |
दलितों द्वारा लिखी अन्य महत्वपूर्ण
कहानियाँ निम्नांकित हैं-
ओमप्रकाश वाल्मीकि |
No.-1.पच्चीस चौका
डेढ़ सौ (1993), No.-2. सलाम (2000), No.-3. घुसपैठिए (2003), No.-4. प्रमोशन, No.-5. दिनेश पाल
उर्फ दिग्दर्शन, No.-6. बैल की खाल। |
मोहनदास नैमिशराय |
No.-1. आवाजें (1997), No.-2. अपना गाँव, No.-3. कर्ज। |
दयानन्द बटोही |
No.-1. सुरंग (1995), No.-2. कफ़न खोर। |
सूरजपाल सिंह चौहान |
No.-1. हैरी कब
आयेगा (1999), No.-2. साजिश, No.-3. छूत कर दिया, No.-4. अहिल्या, No.-5. टिल्लू का
पोता। |
सुशीला टकभौरे |
No.-1. सिलिया, No.-2. टूटता वहम (1997)। |
कुसुम वियोगी |
No.-1. चार इंच की
कलम, No.-2. अन्तिम बयान। |
श्यौराज सिंह बेचैन |
No.-1. अस्थियों के
अक्षर, No.-2. शोध प्रबन्ध। |
जय प्रकाश कर्दम |
नो बार |
प्रह्रादचन्द्र दास |
No.-1. लटकी हुई
शर्त, No.-2. पुटुस के फूल (1998)। |
अजय नावरिया |
No.-1. पटकथा और
अन्य कहानियाँ (2006), No.-2. उपमहाद्वीप, No.-3. एक धम्भ
सतंतनो, No.-4. यस सर (2012)। |
सत्य प्रकाश |
No.-1. रक्तबीज, No.-2. सायरन (2004)। |
अरविन्द राही |
दृष्टिकोण |
प्रेम कपाड़िया |
हरिजन |
दयानंद तिलखन पारसी |
गाँव के आँचल में (2004) |
उमेश सिंह |
पहली रात का अंत |
परदेशी राम वर्मा |
दिन प्रतिदिन |
एच० आर० हरनोट |
No.-1. दारोश तथा
अन्य कहानियाँ (2001), No.-2. जीन काठी। |
शत्रुध्न कुमार |
No.-1. हिस्से की
रोटी (2001) |
विपिन बिहारी |
No.-1. कंधा, No.-2. बिवाइयाँ |
कावेरी |
No.-1. द्रोणाचार्य
एक नहीं (1996) |
रूपनारायण सोनकर |
No.-1. जहरीली जड़ें
(2005) |
मनोज सोनकर |
जाँच (2005) |
रानी मीनू |
No.-1. हम कौन हैं (2012) |
अनीता भारती |
No.-1. एक था कोठे
वाली तथा अन्य कहानियाँ (2012) |
कहानी |
लेखक |
पात्र |
उसने कहा था |
गुलेरी |
लहना सिंह, सूबेदारनी, सुबेदार हजारा सिंह,
बोधा,
वजीरा सिंह, कीरत सिंह |
पुरस्कार |
जयशंकर प्रसाद |
अरुण, मधुलिका, कौशल नरेश, सेनापति |
तीसरी कसम |
रेणु |
हीरामन, हीराबाई |
लालपन की बेगम |
रेणु |
बिरजू, माँ, चम्पिया, जंगी की पुतोहु |
रसप्रिया |
रेणु |
मोहना, मिरदंगिया |
गदल |
रांगेय राघव |
गदल, गुन्न, डोडी, निहाल, नारायण, दुल्लो, मौनी लौहारे |
चीफ की दावत |
भीष्म साहनी |
मि० शामनाथ, बूढी माँ, पत्नी |
एक और जिन्दगी |
मोहन राकेश |
प्रकाश, बीना, निर्मला, बच्चा |
आर्द्रा |
मोहन राकेश |
वचन, लाली, बिन्नी |
परिन्दे |
निर्मल वर्मा |
लतिका, डॉ० मुखर्जी,
मि० ह्यबर्ट, करीमुद्दीन, गिरीश, मिस वुड, फादर एलमण्ड |
एक पति के नोट्स |
महेन्द्र भल्ला |
पति, सीता, सन्ध्या |
कसाई बाड़ा |
शिवमूर्ति |
शनीचरी, प्रधान, दरोगा, लीडर |
जिन्दगी और जोंक |
अमरकान्त |
रजुआ, शिवनाथ बाबू,
शनीचरी देवी |
जहाँ लक्ष्मी कैद है |
राजेन्द्र यादव |
लक्ष्मी, गोविन्द, लाला रूपाराम,
रामस्वरूप |
ईदगाह |
प्रेमचन्द |
हामिद, अमीना, मोहसिन, सम्मी, नूरे, महमूद |
पंच परमेश्वर |
प्रेमचन्द |
जुम्मन शेख, अलगू चौधरी |
मन्त्र |
प्रेमचन्द |
कैलाश, डॉ० चड्ढा |
शतरंज के खिलाड़ी |
प्रेमचन्द |
मिरजा, सज्जाद अली, मीर, बेगम |
ठाकुर का कुआँ |
प्रेमचन्द |
जोखू, जंगी, ठाकुर |
नमक का दरोगा |
प्रेमचन्द |
वंशीधर, पं० अलोपीदीन |
पूस की रात |
प्रेमचन्द |
हल्कू, मुन्नी, जबरा (कुत्ता) |
बड़े घर की बेटी |
प्रेमचन्द |
बेनी माधव सिंह,
श्रीकंठ सिंह, लाल बिहारी, आनन्दी |
सद्गति |
प्रेमचन्द |
दुखी चमार, झुरिया, पं० घासीराम |
सुजान भगत |
प्रेमचन्द |
सुजान महतों,
बुलाकी,
भोला |
दो बैलों की कथा |
प्रेमचन्द |
झूरी, हीरा, मोती |
कफ़न |
प्रेमचन्द |
घीसू, माधव, बुधिया |
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