No.-1.ऐसा पदसमूह, जिसका अपना अर्थ हो, जो एक वाक्य का भाग हो और जिसमें उदेश्य और विधेय हों, उपवाक्य कहलाता हैं।
सरल शब्दों में- जिन क्रिययुक्त पदों
से आंशिक भाव व्यक्त होता है, उन्हें उपवाक्य कहते है।
जैसे- मंजू स्कूल नहीं गयी; क्योंकि
पानी बरस रहा था।
मैं नहीं जानता कि वह कहाँ रहता है।
यह वही घड़ी है जिसे मैंने कलकत्ते में
खरीदी थी।
ऊपर के वाक्यों में 'क्योंकि
पानी बरस रहा था', 'कि वह कहाँ रहता है' और 'जिसे
मैंने कलकत्ते में खरीदी थी' - उपवाक्य हैं।
उपवाक्य के प्रकारउपवाक्य तीन प्रकार के होते हैं-
No.-1. संज्ञा उपवाक्य (Noun Clause)
No.-2. विशेषण उपवाक्य (Adjective Clause)
No.-3. क्रिया-विशेषण उपवाक्य (Adverb Clause)
दूसरे शब्दों में- जो गौण उपवाक्य
प्रधान उपवाक्य का उद्देश्य (कर्ता), कर्म या पूरक बनकर संज्ञा अथवा सर्वनाम के
स्थान पर प्रयुक्त हो, वह संज्ञा उपवाक्य कहलाता है।
जैसे- 'राम ने कहा कि मैं पढूँगा'
यहाँ 'मैं पढूँगा' संज्ञा-उपवाक्य
है।
'मैं नहीं जानता कि वह कहाँ है-
इस वाक्य में 'वह
कहाँ है' संज्ञा-उपवाक्य है।
संज्ञा उपवाक्य संज्ञा का कार्य करते
हैं। अर्थात-
No.-1. किसी क्रिया का कर्त्ता- 'गाँधीजी
सच्चे अहिंसावादी थे' अक्षरश: सत्य है।
No.-1. (यह) अक्षरश: सत्य है- प्रधान उपवाक्य
No.-2. (कि) गाँधीजी सच्चे अहिंसावादी थे- संज्ञा
उपवाक्य 'है' क्रिया का कर्त्ता है।
No.-1. मैं जनता हूँ- प्रधान उपवाक्य।
No.-2. कि तुम आलसी हो- संज्ञा उपवाक्य; 'जानता
हूँ' क्रिया का कर्म है।
No.-1. विद्वानों का मत है- प्रधान उपवाक्य
No.-2. कि सत्य की सदैव विजय होती है- संज्ञा उपवाक्य
'है' क्रिया
का पूरक है।
No.-1. यह कथन विश्वसनीय नहीं है- प्रधान उपवाक्य
No.-2. कि धीर भी आपत्ति में धर्म से विचलित हो जाते
है- संज्ञा उपवाक्य कथन का समान 'कारक'
(Case or Noun in apposition) है।
No.-1. अधिकतर संज्ञा उपवाक्य 'कि' से
आरम्भ होते हैं, किन्तु जब 'कि' वाले उपवाक्य से सम्बन्धित उपवाक्य में 'इतना' का
प्रयोग होता है तो 'कि' से आरम्भ होनेवाले उपवाक्य संज्ञा उपवाक्य न
होकर क्रिया-विशेषण उपवाक्य होता है।
जैसे-
No.-1. तुमने उसे इतना पीटा 'कि
वह बेहोश हो गया।'
No.-2. प्रश्न इतने जटिल थे 'कि
वह उत्तर नहीं दे सका।'
No.-2. कि वह बेहोश हो गया- क्रिया-विशेषण उपवाक्य -
(परिणाम)
No.-1. प्रश्न इतने जटिल थे- प्रधान उपवाक्य।
No.-2. कि वह उत्तर नहीं दे सका- क्रिया-विशेषण
उपवाक्य - (कारण)
जैसे- तुम पुस्तक पढ़ते हो कि नहीं ?
(क) तुम पुस्तक पढ़ते हो- प्रधान उपवाक्य
(ख) (कि) नहीं पढ़ते हो- समानपदी उपवाक्य
'कि' नहीं का अर्थ है- नहीं पढ़ते हो।
जैसे- गाँधी जी सच्चे अहिंसावादी थे; अक्षरश:
सत्य है।
संज्ञा उपवाक्य, वाक्य
के आरम्भ में है, अतः कि का प्रयोग नहीं हुआ।
जैसे- मैंने कहा 'चुप
रहो' - आज्ञा
राम ने पूछा, 'तुम
कहाँ जाते हो ? - प्रश्न (कि लुप्त है।)
No.-2. विशेषण उपवाक्य (Adjective Clause)- जो उपवाक्य किसी दूसरे उपवाक्य में आये संज्ञा
या सर्वनाम की विशेषता प्रकट करता है, उसे विशेषण उपवाक्य कहते हैं।
दूसरे शब्दों में- जो गौण उपवाक्य
प्रधान उपवाक्य की संज्ञा, सर्वनाम या संज्ञा पदबंध की विशेषता बताए, वह
विशेषण उपवाक्य कहलाता है।
पूरे वाक्य में इसका वही काम आता है, जो
साधारण वाक्य में किसी विशेषण का होता है।
No.-1. वह विद्यार्थी बीमार है- प्रधान उपवाक्य
No.-2. जो कल अनुपस्थित था - विशेषण उपवाक्य ; 'विद्यार्थी
की विशेषता बतलाता है।
यह जरूरी नहीं कि विशेषण उपवाक्य
प्रधान उपवाक्य में आये हुए ही किसी शब्द की विशेषता प्रकट करे। यह अन्य उपवाक्य
में आये हुए शब्दों की भी विशेषता प्रकट करता है।
जैसे- मैंने कहा कि तुमने यह कलम खरीदी
है जो बाजार में सबसे सस्ती है।
No.-1. मैंने कहा- प्रधान उपवाक्य।
No.-2. कि तुमने यह कलम खरीदी है- संज्ञा उपवाक्य, 'कहा' क्रिया
का कर्म।
No.-3. जो बाजार में सस्ती है- विशेषण उपवाक्य संज्ञा
उपवाक्य में आये।
'कलम' शब्द की व्याप्ति मर्यादित करती है, यानी
विशेषता बताती है। कभी-कभी जो के स्थान पर 'जैसे-'
'जितना' इत्यादि 'ज' ही
वाले शब्द आते हैं।
दूसरे शब्दों में- जो गौण या आश्रित
उपवाक्य मुख्य उपवाक्य की क्रिया की काल या स्थान आदि से सम्बद्ध विशेषता बताएँ, उन्हें
क्रिया-विशेषण उपवाक्य कहते हैं।
यहाँ 'जब पानी बरसता है' क्रियाविशेषण-उपवाक्य
हैं।
'जहाँ सज्जनों का मान होता है वहाँ लक्ष्मी
निवास करती है।' - स्थान
'मैं रोटी नहीं खाऊँगा, क्योंकि
पेट में अधिक दर्द है। - कारण
मुझे पुस्तक दे दो, जिससे
मैं पाठ याद कर लूँ। - प्रयोजन
राम ने कठिन परिश्रम किया, अतः
परीक्षा में उत्तीर्ण हो गया - परिणाम
यदि मोहन यहाँ आएगा, तो
मैं अवश्य आऊँगा। - शर्त्त
राम ऐसा ही चतुर है, जैसे-
कि तुम हो। - तुलना
जितना ही वह धनवान होता जाता है, उतना
ही वह कृपण होता जाता है। - मर्यादा।
जैसे-जैसे- मैं बोलूँ वैसे-वैसे तुम लिखो। - प्रकार
उपवाक्य के भेदउपवाक्य के दो भेद होते हैं -
No.-1. प्रधान उपवाक्य
No.-2. आश्रित उपवाक्य
जैसे- यदि सोहन आ जाए तो मैं उसके साथ
चलूँ। यहाँ यदि सोहन आ जाए- आश्रित उपवाक्य है तथा मैं उसके साथ चलूँ- प्रधान
उपवाक्य है।
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