यहाँ सीबीएसई 10 वीं हिन्दी-A 2019 के व्याकरण से संबंधित प्रश्नों का उत्तर दिया जा रहा हैं।
खंड - ख
No.-3. निर्देशानुसार किन्हीं तीन के उत्तर लिखिए-
No.-1.मैंने उस व्यक्ति को देखा जो पीड़ा से कराह रहा
था। (संयुक्त वाक्य में बदलिए)
उत्तर- (संयुक्त वाक्य)- मैंने उस
व्यक्ति को देखा पर वह पीड़ा से कराह रहा था।
No.-2. जो व्यक्ति परिश्रमी होता है, वह
अवश्य सफल होता है। (सरल वाक्य में बदलिए)
उत्तर- (सरल वाक्य)- परिश्रमी व्यक्ति
अवश्य सफल होता है।
No.-3. वह कौन-सी पुस्तक है जो आपको बहुत याद हैं।
(रेखांकित उपवाक्य का भेद बदलिए)
उत्तर- 'वह कौन-सी पुस्तक है'- प्रधान
उपवाक्य
No.-4. कश्मीरी गेट के निकल्सन कब्रगाह में उनका
ताबूत उतारा गया। (मिश्र वाक्य में बदलिए)
उत्तर- जहाँ कश्मीरी गेट का निकल्सन
कब्रगाह है वहाँ उनका ताबूत उतारा गया।
अथवा
उनका ताबूत उतारा गया जहाँ कश्मीरी गेट
का निकल्सन कब्रगाह था।
No.-1. बालगोबिन भगत प्रभातियाँ गाते थे। (कर्मवाच्य
में बदलिए)
उत्तर- (कर्मवाच्य)- बालगोबिन भगत द्वारा प्रभातियाँ गाई जाती थी।
No.-2. बीमारी के कारण वह यहाँ न आ सका। (भाववाच्य
में बदलिए)
उत्तर- (भाववाच्य)- बीमारी के कारण वह
यहाँ नहीं आ सकता।
No.-3. माँ के द्वारा बचपन में ही घोषित कर दिया था।
(कर्तृवाच्य में बदलिए)
उत्तर- (कर्तृवाच्य)- माँ ने बचपन में
ही घोषित कर दिया था।
No.-4. अवनि चाय बना रही हैं। (कर्मवाच्य में बदलिए)
उत्तर- अवनि के द्वारा चाय बनायी गयी।
No.-5. घायल हंस उड़ न पाया। (भाववाच्य में बदलिए)
उत्तर- (भाववाच्य)- घायल हंस उड़ न सका।
No.-1. दादी जी प्रतिदिन समाचार पत्र पढ़ती हैं।
उत्तर- (पढ़ती है)- एकवचन, क्रिया, स्त्रीलिंग
No.-2. रोहन यहाँ नहीं आया था।
उत्तर- (यहाँ)- सर्वनाम, स्थानवाचक
क्रिया विशेषण
No.-3. वे मुंबई जा चुके हैं।
उत्तर- (वे)- बहुवचन, सर्वनाम
(पुरुषवाचक), कर्ता कारक।
No.-4. परिश्रमी अंकिता अपना काम समय में पूरा कर
लेती है।
उत्तर- (परिश्रमी)- जातिवाचक संज्ञा, एकवचन, स्त्रीलिंग
विशेषता स्पष्ट करता है)
No.-5. रवि रोज सवेरे दौड़ता है।
उत्तर- (रवि)- व्यक्ति वाचक संज्ञा, एकवचन, पुल्लिंग कर्ताकारक।
No.-1. 'करुण रस'
का एक उदाहरण लिखिए।
उत्तर- राम राम कहि राम कहि, राम
राम कहि राम।
तनु परिहरि रघुवर-विरह, राउ
गएउ सुरधाम
No.-2. निम्नलिखित काव्य पंक्तियों में निहित रस
पहचान कर लिखिए-
तंबूरा ले मंच पर बैठे प्रेमप्रताप,
साज मिले पन्द्रह मिनट, घंटा
भर आलाप।
घंटा भर आलाप, राग
में मारा गोता,
धीरे-धीरे खिसक चुके थे सारे श्रोता।
उत्तर- हास्य रस
No.-3. 'उत्साह'
किस रस का स्थायी भाव है?
उत्तर- उत्साह 'वीर
रस' का स्थायी भाव है।
No.-4. 'वात्सल्य'
रस का स्थायी क्या है?
उत्तर- वात्सल्य रसका स्थायी भाव वत्सल
है।
No.-5. 'श्रृंगार'
रस के कौन से दो भेद हैं।
उत्तर- 'श्रृंगार रस' के दो भेद- संयोग श्रृंगार और वियोग श्रृंगार है।
No.-12. निम्नलिखित में से किन्हीं एक विषय पर दिए गए
संकेत-बिन्दुओं के आधार पर लगभग 200 से 250 शब्दों में निबन्ध लिखिए :
महँगाई के कारण
समाज पर प्रभाव
व्यवहारिक समाधान
No.-2. स्वच्छ भारत अभियान
विकास में स्वच्छ्ता का योगदान
अस्वच्छ्ता से हानिया
रोकने के उपाय
No.-3. बदलती जीवन शैल
जीवन शैली का आशय
बदलाव कैसा
परिणाम
अथवा
आपका एक मित्र शिमला में रहता हैं। आप उसके
आमंत्रण पर ग्रीष्मावकाश में वहाँ गए थे और प्राकृतिक सौंदर्य का खूब आनंद उठाया
था। घर वापस लौटने पर कृतज्ञता व्यक्त करते हुए मित्र को पत्र लिखिए।
अथवा
बॉल पेनों की एक कंपनी सफल नाम से बाजार में आई हैं। उसके लिए एक विज्ञापन लगभग 50 शब्दों में तैयार कीजिए।
No.-13. गत कुछ दिनों से आपके क्षेत्र में अपराध बढ़ने
लगे हैं जिससे आप चिंतित हैं। इन अपराधों की रोकथाम के लिए थानाध्यक्ष को पत्र
लिखिए।
सेवा में,
थानाध्यक्ष महोदय,
तिलक नगर थाना,
नई दिल्ली- 110018
मैं दिल्ली के तिलक नगर का रहने वाला हूँ। मुझे अत्यंत दुःख के साथ आपको सूचित करना पड़ रहा है कि हमारी कॉलोनी में दिन-प्रतिदिन अपराध बढ़ रहे हैं। पहले यह कॉलोनी शांतिप्रिय थी पर अब यहाँ हम भय में जीवन जी रहे हैं।
महिलाएँ तो घर से निकलने में कतराती हैं। कुछ सप्ताह पहले दो
महिलाओं का किसी राह चलते लूटेरे ने पर्स छीन लिया और कल तो हद ही हो गई घर के
सामने किसी काम से मेरी माता जी खड़ी थीं वहाँ राह चलते किसी ने उनकी चेन खींचकर ही
भाग गया। घर के सदस्य उसके पीछे भागे परंतु वह तेजी से नौ दो ग्यारह हो गया। पूरे
क्षेत्र में चोरी व छीनने की घटनाओं के कारण भय का माहौल हैं। लोग घर से निकलने
में भी कतराते हैं।
भवदीय
नरेश
नई दिल्ली।
दिनांक 23 मार्च 20XX
प्रिय मित्र नीरज,
सस्नेह अभिवादन,
मैं कुशलतापूर्वक दिल्ली पहुँच गया
हूँ। आशा है तुम भी ठीक होंगे। बहुत बहुत धन्यवाद मित्र। इस ग्रीष्मकाल के अवकाश
को तुमने यादगार बना दिया। मैंने स्वपन में भी इस तरह का नजारा नहीं देखा जो तुमने
मुझे शिमला में दिखाया। तुम्हारे व तुम्हारे परिवार के सहयोग द्वारा ही हमारी यह
मात्रा यादगार बनी। सच में तुम तो प्रकृति की गोद में ही रहते हो। इतना सुंदर दृश्य
तुमने हमें पहाड़ियों से दिखाया जैसे स्वर्ग हो।
मैं अपने शब्दों द्वारा भी उस
प्राकृतिक दृश्यों का वर्णन नहीं कर सकता। यहाँ आकर के मुझे दोबारा तुम्हारे साथ
बिताए गए समय का स्मरण हो रहा है। मेरे माता-पिता जी भी तुम्हारे व तुम्हारे
परिवार वालों को याद कर रहे हैं। मेरी माता तो तुम्हारी माता जी की मित्र ही बन गई
थी। सच में दो परिवारों के साथ मिलकर की गई यात्रा यादगार ही बन जाती है। आशा है
तुम भी परिवार सहित दिल्ली आओ तो हम सभी साथ मिलकर मथुरा-वृंदावन घूमने चलेंगे।
चाचा जी व चाची जी को मेरा प्रणाम कहना एवं बहन को स्नेह देना। तुमसे पुनः मिलने
की आशा में।
ऋषि
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केरल के बाढ़ पीड़ितों के लिए सहायता
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को सुरक्षित कर सकती है।
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गाँधी मैदान, जनकपुरी
नई दिल्ली।
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