No.-1. दो या दो से अधिक व्यक्तियों के बीच हुए वार्तालाप या सम्भाषण को संवाद कहते हैं।
दूसरे शब्दों में- दो व्यक्तियों की
बातचीत को 'वार्तालाप'
अथवा 'संभाषण' अथवा 'संवाद' कहते हैं।
संवाद का सामान्य अर्थ बातचीत है।
इसमें दो या दो से अधिक व्यक्ति भाग लेते है। अपने विचारों और भावों को व्यक्त
करने के लिए संवाद की सहायता ली जाती है। जो संवाद जितना सजीव, सामाजिक
और रोचक होगा, वह उतना ही अधिक आकर्षक होगा। उसके प्रति लोगों
का खिंचाव होगा। अच्छी बातें कौन सुनना नहीं चाहता ? इसमें कोई भी व्यक्ति अपने विचार सरल
ढंग से व्यक्त करने का अभ्यास कर सकता है।
वार्तालाप में व्यक्ति के स्वभाव के
अनुसार उसकी अच्छी-बुरी सभी बातों को स्थान दिया जाता है। इससे छात्रों में तर्क
करने की शक्ति उत्पत्र होती है। नाटकों में वार्तालाप का उपयोग सबसे अधिक होता है।
इसमें रोचकता, प्रवाह और स्वाभाविकता होनी चाहिए। व्यक्ति, वातावरण
और स्थान के अनुसार इसकी भाषा ऐसी होनी चाहिए जो हर तरह से सरल हो। इतना ही नहीं, वार्तालाप
संक्षिप्त और मुहावरेदार भी होना चाहिए।
संवाद के अनेक नाम हैं : वर्तालाप, आलाप, संलाप, कथोपकथन, गुफ्तगू, सम्भाषण
इत्यादि। यह कहानी, उपन्यास,
एकांकी, नाटकादि की जान है। इसके माध्यम से
पात्रों की सोच, चिन्तन-शैली, तार्किक क्षमता और उसके चरित्र का पता
चलता है। नाटकों के संवादों से कथावस्तु का निर्माण होता है।
संवाद के वाक्यों में स्वाभाविकता होनी
चाहिए, बनावटीपन नहीं। लम्बे-लम्बे कठिन और उलझे हुए
संवाद प्रायः बनावटी हुआ करते हैं। अच्छा संवाद-लेखक ही नाटक, रेडियो
नाटक, एकांकी तथा कथा-कहानी लिखने में कुशलता हासिल
करता है।
भाषा, बोलनेवाले के अनुसार थोड़ी-थोड़ी भिन्न
होती है। उदाहरण के रूप में एक अध्यापक की भाषा छात्र की अपेक्षा ज्यादा संतुलित
और सारगर्भित होगी। एक पुलिस अधिकारी की भाषा और अपराधी की भाषा में काफी अन्तर
होगा। इसी तरह दो मित्रों या महिलाओं की भाषा कुछ भिन्न प्रकार की होगी। दो
व्यक्ति, जो एक-दूसरे के शत्रु हैं- की भाषा अलग होगी।
कहने का तात्पर्य यह है कि संवाद-लेखन में पात्रों के लिंग, उम्र, कार्य, स्थिति
का ध्यान रखना चाहिए।
संवाद-लेखन में इन बातों पर भी ध्यान देना चाहिए कि वाक्य-रचना सजीव हो; शैली सरल और भाषा बोधगम्य हो। उसमें कठिन शब्दों का प्रयोग कम-से-कम हो। संवाद के वाक्य बड़े न हों; संक्षिप्त और प्रभावशाली हों। मुहावरेदार भाषा काफी रोचक होती है। अतएव, यथास्थान उनका प्रयोग हो।
अच्छी संवाद-रचना के लिए निम्नलिखित
बातों का ध्यान रखना चाहिए-
No.-1. संवाद छोटे,
सहज तथा स्वाभाविक हों।
No.-2. संवादों में रोचकता एवं सरसता हो।
No.-3. इनकी भाषा सरल, स्वाभाविक और बोलचाल के निकट हो। उसमें
क्लिष्ट तथा अप्रचलित शब्दों का प्रयोग न हो।
No.-4. संवाद पात्रों की सामाजिक स्थिति के अनुकूल
हों। अनपढ़ या ग्रामीण पात्रों और शिक्षित पात्रों के संवादों में अंतर रहना चाहिए।
No.-5. संवाद जिस विषय या स्थिति के सम्बन्ध में हों, उसे
क्रमशः स्पष्ट करने वाले हों।
No.-6. प्रसंग के अनुसार संवादों में व्यंग्य-विनोद का
समावेश होना चाहिए।
No.-7. यथास्थान मुहावरों तथा लोकोक्तियों के प्रयोग
से संवादों में सजीवता आ जाती है।
अच्छे संवाद-लेखन की विशेषताएँ
No.-1. संवाद में प्रवाह, क्रम
और तर्कसम्मत विचार होना चाहिए।
No.-2. संवाद देश,
काल, व्यक्ति और विषय के अनुसार लिखा होना
चाहिए।
No.-3. संवाद सरल भाषा में लिखा होना चाहिए।
No.-4. संवाद में जीवन की जितनी अधिक स्वाभाविकता होगी, वह
उतना ही अधिक सजीव, रोचक और मनोरंजक होगा।
No.-5. संवाद का आरम्भ और अन्त रोचक हो।
ऊपर दी गयी विशेषताओं को ध्यान में
रखकर छात्रों को संवाद लिखने का अभ्यास करना चाहिए। इससे उनमें जीवनगत यथार्थ को
समझने और सर्जनात्मक शक्ति को जागरित करने का अवसर मिलता है। उनमें बोलचाल की भाषा
लिखने की प्रवृति जगती है।
कुछ उदाहरण इस प्रकार है-हामिद और दुकानदार का संवाद
No.-1.
हामिद- यह चिमटा कितने का है ?
No.-2.
दुकानदार- यह तुम्हारे काम का नहीं है
जी।
No.-3.
हामिद- बिकाऊ है कि नहीं ?
No.-4.
दुकानदार- बिकाऊ नहीं है और यहाँ क्यों
लाद लाये है ?
No.-5.
हामिद- तो बताते क्यों नहीं, कै
पैसे का है ?
No.-6.
दुकानदार- छे पैसे लगेंगे।
No.-7.
हामिद- ठीक बताओ।
No.-8.
दुकानदार- ठीक-ठीक पाँच पैसे लगेंगे, लेना
हो तो लो, नहीं तो चलते बनो।
No.-9.
हामिद- तीन पैसे लोगे ?
No.-10.
पड़ोसी और अँगनू काका का संवाद
No.-11.यह पिल्ला कब पाला, अँगनू
काका ?
No.-12.
अँगनू काका- अरे भैया, मैंने
काहे को पाला। यहाँ अपने ही पेट का ठिकाना नहीं। रात में न जाने कहाँ से आ गया!
No.-13.
पड़ोसी- तुम इसे पाल लो, काका।
No.-14.
अँगनू काका- भैया की बातें !इसे पालकर
करेंगे क्या ?
No.-15.
पड़ोसी- तुम्हारी कोठरी ताका करेगा।
No.-16.
अँगनू काका- कोठरी में कौन खजाना गड़ा
है, जो ताकेगा।
रोगी और वैद्य
No.-17.
(औषधालय में प्रवेश करते हुए) वैद्यजी, नमस्कार!
No.-18.
वैद्य- नमस्कार! आइए, पधारिए!
कहिए, क्या हाल है ?
No.-19.
रोगी- पहले से बहुत अच्छा हूँ। बुखार
उतर गया है, केवल खाँसी रह गयी है।
No.-20.
वैद्य- घबराइए नहीं। खाँसी भी दूर हो
जायेगी। आज दूसरी दवा देता हूँ। आप जल्द अच्छे हो जायेंगे।
No.-21.
रोगी- आप ठीक कहते हैं। शरीर दुबला हो
गया है। चला भी नहीं जाता और बिछावन पर पड़े-पड़े तंग आ गया हूँ।
No.-22.
वैद्य- चिंता की कोई बात नहीं।
सुख-दुःख तो लगे ही रहते हैं। कुछ दिन और आराम कीजिए। सब ठीक हो जायेगा।
No.-23.
रोगी- कृपया खाने को बतायें। अब तो
थोड़ी-थोड़ी भूख भी लगती है।
No.-24.
वैद्य- फल खूब खाइए। जरा खट्टे फलों से
परहेज रखिए, इनसे खाँसी बढ़ जाती है। दूध, खिचड़ी
और मूँग की दाल आप खा सकते हैं।
No.-25.
रोगी- बहुत अच्छा! आजकल गर्मी का मौसम
है; प्यास बहुत लगती है। क्या शरबत पी सकता हूँ ?
No.-26.
वैद्य- शरबत के स्थान पर दूध अच्छा
रहेगा। पानी भी आपको अधिक पीना चाहिए।
No.-27.
रोगी- अच्छा, धन्यवाद!
कल फिर आऊँगा।
No.-28.
वैद्य- अच्छा, नमस्कार।
No.-29.
माँ-बेटे के बीच संवाद
No.-30.
माँ, ओ माँ !
No.-31.
माँ- अरे, आ
गए बेटा !
No.-32.
बेटा- हाँ माँ ....... ।
No.-33.
माँ- आज स्कूल से आने में काफी देर लगा
दी....... ।
No.-34.
बेटा- हाँ माँ, आज
विश्व पर्यावरण-दिवस जो था।
No.-35.
माँ- तो क्या कोई विशेष कार्यक्रम था
तेरे स्कूल में ?
No.-36.
बेटा- हाँ माँ, आज
हमारे स्कूल में 'तरुमित्रा'
के फादर आए हुए थे।
No.-37.
माँ- तब तो जरूर उन्होंने पेड़-पौधों के
बारे में विशेष जानकारी दी होगी।
No.-38.
बेटा- हाँ, उन्होंने
जानकारी भी दी और हम छात्रों के हाथों पौधे भी लगवाए।
No.-39.
माँ- तुमने कौन-सा पौधा लगाया ?
No.-40.
बेटा- मैंने अर्जुन का पौधा लगाया, माँ।
No.-41.
माँ- बहुत खूब।
No.-42.
बेटा- जानती हो माँ, शिक्षक
बता रहे थे कि यह पौधा ह्रदय-रोग में काम आता है।
No.-43.
माँ- वह कैसे ?
No.-44.
बेटा- इसकी छाल और पत्ते से ह्रदय-रोग
की दवा बनती है।
No.-45.
माँ- पेड़-पौधों के बारे में शिक्षक ने
और क्याक्या बताया ?
No.-46.
बेटा- उन्होंने कहा कि पेड़-पौधे
पर्यावरण को संतुलित रखते हैं। वे हमें ऑक्सीजन देते हैं। इन्हें अपने आस-पास
लगाने चाहिए।
No.-47.
माँ- अच्छा, अब
मेरा राजा बेटा, हाथ-पाँव धोकर भोजन करेगा।
No.-48.
बेटा- ठीक है, माँ।
No.-49.
डॉक्टर और मरीज के पिता के बीच संवाद
No.-50.
देखिए सर, आपका
बेटा बिल्कुल निर्दोष है। इसके चरित्र के कारण इसे यह रोग नहीं हुआ है।
No.-51.पिता- तो फिर कैसे हो गया ?
No.-52.
डॉ०- इस रोग के फैलने के कई कारण होते
हैं।
No.-53.
पिता- डॉ० साहब, कहीं
यह रोग मच्छरों के काटने से तो नहीं होता ?
No.-54.
डॉ०- बिल्कुल नहीं। इसके मात्र दो कारण
हैं।
No.-55.
पिता- क्या ........ ?
No.-56.
डॉ०- पहला कारण तो मैंने बताया ही 'असुरक्षित
यौन-संबंध और दूसरा कारण है- किसी-न-किसी रूप में संक्रमित ब्लड से सम्पर्क होना।
No.-57.
पिता- डॉक्टर साहब, मेरा
भी चेकप कर ही दीजिए। कहीं यह ........ ।
No.-58.
डॉ०- चेकप करवाने में कोई हर्ज नहीं है; परन्तु
आप यह जान लें कि यह रोग छुआछूत वाला नहीं है। यह रोगी से हाथ मिलाने, उसे
चूमने, एक-साथ खाने-पीने से नहीं होता।
No.-59.
पिता- इससे बचने का कोई तो उपाय होगा न
सर ?
No.-60.
डॉ०- एक ही उपाय है- सावधानी।
No.-61.
पिता- कैसी सावधानी ?
No.-62.
डॉ०- अपने चरित्र पर ध्यान दें; वेश्यागमन
से बचें; एक ही सीरिंज का उपयोग बार-बार अनेक लोगों के
लिए नहीं हो और एक ही ब्लेड का प्रयोग भी अनेक लोगों के लिए न हों, क्योंकि
एड्स एक वायरल रोग है। जब तक इसके रोगी के ब्लड से किसी दूसरे का ब्लड संक्रमित
नहीं होगा, तब तक इसका वायरस फैल ही नहीं सकता।
No.-63.
पिता- मेरे विक्की के लिए क्या उपाय है, डॉक्टर
साहब ?
No.-64.
डॉ०- अब एक ही उपाय है- इसे खूब
लार-दुलार कीजिए; क्योंकि यह चंद दिनों का मेहमान है।
No.-65.
पिता का सुबक-सुबककर रोना)
No.-66.
गुरुघंटाल और मस्तीलाल के बीच संवाद
No.-67.
आओ,
आओ मस्ती, कहो, क्या
हाल-चाल है ?
No.-68.
मस्तीलाल- ठीक कहाँ है गुरु ! आजकल बड़ा
ही परेशान रह रहा हूँ।
No.-69.
गुरुघंटाल- किस बात की परेशानी ?
No.-70.
मस्तीलाल- बाल-बच्चों के भविष्य की
चिन्ता सता रही है।
No.-71.
गुरुघंटाल- क्या हुआ उन्हें ? सब
कुछ ठीक-ठाक तो है न ?
No.-72.
मस्तीलाल- ठीक क्या खाक रहेगा गुरु !
इस बार फिर मेरे दोनों बेटे इंटर फैल हो गए।
No.-73.
गुरुघंटाल- मैं तो कहता हूँ, छोड़
दे दोनों को पढ़ाना-लिखाना। बना दे उन्हें नेता। राजनीति में सब चलता है।
No.-74.
मस्तीलाल- समझ में नहीं आता कि किस
पार्टी के आला-कमान से बात करूँ।
No.-75.
गुरुघंटाल- इसमें समझने की क्या बात
है- उगते सूरज को देख और दिशा तय कर।
No.-76.
मस्तीलाल- तुम ठीक कहते हो गुरु, अब
भाजपा-लोजपा में भी वो बात नहीं रही। आज ही जाता हूँ दिल्ली और....
दो छात्राओं के बीच संवाद
No.-1.
अभी तक सर नहीं आए।
No.-2.
कोमल- इतनी जल्दी आते ही कब हैं ?
No.-3.
पूजा- रोज 10
मिनट लेट कर देते हैं।
No.-4.
कोमल- और आते ही शुरू हो जाते हैं-
मेरी हर लाईन में क्वेश्चन होता है, बिल्कुल C.B.S.E.
के पैटर्न पर.......
दोनों हँस पड़ती हैं)
No.-5.
पूजा- अच्छा ही है। हमें भी कुछ
गुफ्तगू का रोज-व-रोज अवसर मिल ही जाता है।
No.-6.
कोमल- अच्छा, यह
बताओ, तुम्हें मि० Y कैसे लगते हैं ?
No.-7.पूजा- बहुत ही अच्छे। पढ़ाने लगते हैं तो तुरंत
नींद आने लगती है।
(ठहाका)
No.-8.
कोमल- मैं यह पूछ रही हूँ कि उनके Style आई
मीन पढ़ाने की शैली कैसी है ? उनकी बात दिमाग में अँटती भी हैं कि नहीं ?
No.-9.पूजा- दिमाग में अँटे कहाँ से, पढ़ाते
ही क्या हैं, दिमाग चाटते रहते हैं।
No.-10.
कोमल- सर के बारे में ऐसा न कहो।
No.-11.
पूजा- तो क्या केवल उनकी तरह गाल बजाती
फिरूँ कि मैं बड़ा विद्वान हूँ, मेरे पढ़ाए छात्र-छात्राएँ ऊँचे-ऊँचे पदों पर
हैं; तुमलोग समय का महत्त्व नहीं देती हो; आज
भी सोसायटी में लड़कियों का स्थान काफी निम्न है, आदि-आदि....... ।
No.-12. कोमल- चुप, वे आ रहे हैं। ...... ।
दो मित्रों के बीच संवाद
No.-1.
पहला- सुप्रभात, मित्र
सुप्रभात !
No.-2.
दूसरा- सुप्रभात ! सुबह-सुबह पान खाए
हो, क्या बात है ?
No.-3.
पहला- बात क्या रहेगी, उधर
मनोज की दुकान-तरफ गया था......
No.-4.
दूसरा- आजकल बड़ी बैठकी हो रही उस
चौराहे पर ! लगता है, सत्तू बाँधकर पीछे पड़े हो उस पर।
No.-5.
पहला- क्या करें मित्र, समझ
में नहीं आता, मेरा सारा वार ही खाली हो जाता है।
No.-6.
दूसरा- तुम गलत करते ही हो। आखिर क्या
बिगाड़ा है उसने जो इस तरह उसे परेशान करना चाहते हो ?
No.-7.
पहला- परेशान करना ....... ! मैंने तो
उसे भिखमंगा बना डालने की कसम खा रखी है, जीते जी छोड़ूँगा नहीं।
No.-8.
दूसरा- लोग बड़ी निन्दा करते हैं तेरी।
No.-9.
पहला- करने दो, लेकिन
मैं छोड़ूँगा नहीं। उसे यहाँ से जाना ही होगा।
No.-10.
दूसरा- यह भ्रम है तेरा, भ्रम।
वह अकेले थोड़े है। उसके साथ आरयन मैन भी तो है।
No.-11.
पहला- वह तो वक्त ही बताएगा कि .......
No.-12.
सब्जीवाले और ग्राहक का वार्तालाप
No.-13.
ये मटर कैसे दिए है भाई ?
No.-14.
सब्जीवाला- ले लो बाबू जी ! बहुत अच्छे
मटर है, एकदम ताजा।
No.-15.
ग्राहक- भाव तो बताओ।
No.-16.
सब्जीवाला- बेचे तो पंद्रह रुपये किलो
हैं पर आपसे बारह रुपये ही लेंगे।
No.-17.
ग्राहक- बहुत महँगे है भाई !
No.-18.
सब्जीवाला- क्या बताएँ बाबूजी ! मण्डी
में सब्जी के भाव आसमान छू रहे हैं।
No.-19.
ग्राहक- फिर भी ....... । कुछ तो कम
करो।
No.-20.
सब्जीवाला- आप एक रुपया कम दे देना
बाबू जी ! कहिए कितने तोल दूँ ?
No.-21.
ग्राहक- एक किलो मटर दे दो। और ......
एक किलो आलू भी।
No.-22.
सब्जीवाला- टमाटर भी ले जाइए, साहब।
बहुत सस्ते हैं।
No.-23.
ग्राहक- कैसे ?
No.-24.
सब्जीवाला- पाँच रुपये किलो दे रहा
हूँ। माल लुटा दिया बाबू जी।
No.-25.
ग्राहक- अच्छा ! दे दो आधा किलो टमाटर
भी। ..... और दो नींबू भी डाल देना।
No.-26.
सब्जीवाला- यह लो बाबू जी। धनिया और
हरी मिर्च भी रख दी है।
No.-27.
ग्राहक- कितने पैसे हुए ?
No.-28.
सब्जीवाला- सिर्फ इक्कीस रुपये।
No.-29.
ग्राहक- लो भाई पैसे।
No.-30.
पिता और पुत्र में वार्तालाप
No.-31.
पिता- बेटे अतुल, कैसा
रहा तुम्हारा परीक्षाफल ?
No.-32.
पुत्र- बहुत अच्छा नहीं रहा, पिताजी।
No.-33.
पिता- क्यों ? बताओ
तो कितने अंक आए हैं ?
No.-34.
पुत्र- हिन्दी में सत्तर, अंग्रेजी
में बासठ, कामर्स में अस्सी, अर्थशास्त्र
में बहत्तर......
No.-35.
पिता- अंग्रेजी में इस बार इतने कम अंक
क्यों हैं ? कोई प्रश्न छूट गया था ?
No.-36.
पुत्र- पूरा तो नहीं छूटा ..... सबसे
अंत में 'ऐस्से' लिखा था,
वह अधूरा रह गया।
No.-37.
पिता- तभी तो...... । अलग-अलग प्रश्नों
के समय निर्धारित कर लिया करो, तो यह नौबत नहीं आएगी। खैर, गणित
तो रह ही गया।
No.-38.
पुत्र- गणित का पर्चा अच्छा नहीं हुआ
था। उसमें केवल पचास अंक आए हैं।
No.-39.
पिता- यह तो बहुत खराब बात है। गणित से
ही उच्च श्रेणी लाने में सहायता मिलती है।
No.-40.
पुत्र- पता नहीं क्या हुआ, पिताजी।
एक प्रश्न तो मुझे आता ही नहीं था। शायद पाठ्यक्रम से बाहर का था।
No.-41.
पिता- एक प्रश्न न करने से इतने कम अंक
तो नहीं आने चाहिए।
No.-42.
पुत्र- एक और प्रश्न बहुत कठिन था।
उसमें शुरू से ही ऐसी गड़बड़ी हुई कि सारा प्रश्न गलत हो गया।
No.-43.
पिता- अन्य छात्रों की क्या स्थिति है ?
No.-44.
पुत्र- बहुत अच्छे अंक तो किसी के भी
नहीं आए पर मुझसे कई छात्र आगे हैं।
No.-45.
पिता- सब अभ्यास की बात है बेटे ! सुना
नहीं 'करत करत अभ्यास के, जड़मति
होत सुजान।' तुम तो स्वयं समझदार हो। अब वार्षिक परीक्षाएँ
निकट है। दूरदर्शन और खेल का समय कुछ कम करके उसे पढ़ाई में लगाओ।
No.-46.
पुत्र- जी पिताजी ! मैं कोशिश करूँगा
कि अगली बार गणित में पूरे अंक लाऊँ।
No.-47.
पिता- मेरा आशीर्वाद तुम्हारे साथ है।
No.-48.
टिकट बाबू और यात्री में संवाद
No.-49.
बाबू- आप अपना टिकट दिखाइए।
No.-50.
यात्री- यह रहा टिकट !
No.-51.
टिकट बाबू- यह टिकट तो शोलापुर तक का
ही है। आप तो उससे एक स्टेशन आगे आ चुके हैं।
No.-52.
यात्री- एक स्टेशन आगे? तो
क्या शोलापुर पीछे छूट गया?
No.-53.
टिकट बाबू- जी हाँ, शोलापुर
तो पीछे छूट गया।
No.-54.
यात्री- यह तो बड़ी गड़बड़ हो गई अब क्या
होगा?
No.-55.
टिकट बाबू- आप कर क्या रहे थे?
No.-56.
यात्री- जी! मेरी आँख लग गई थी।
No.-57.
टिकट बाबू- आपको पहले से सचेत रहना
चाहिए। कहीं ऐसी भी गलती होती हैं?
No.-58.
यात्री- असल में मैं इस रास्ते में
अनजान हूँ। मुझे पता नहीं था कि शोलापुर किस स्टेशन के बाद है।
No.-59.
टिकट बाबू- ठीक है। आप अगले स्टेशन पर
उतर जाइए और आइन्दा इस बात का ध्यान रखिएगा। वरना आपको फाइन हो सकती है।
No.-60. यात्री- भला मैं ऐसा क्यों करूँगा? इससे तो मुझे ही परेशानी होगी।
No.-1. दिल्ली में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में वृद्धि से चिंतित दो मित्रों के बीच होने वाले संवाद को लगभग 50 शब्दों में लिखिए।
No.-1.
निरंजन- सुमित ! तुम अपनी साइकिल बहुत
तेज चलाते हो। स्कूल जाते समय तुम्हें साइकिल चलाता हुआ देखकर मुझे डर लगता है।
No.-2.
सुमित- अरे मित्र! इसमें डरने की क्या
बात है?
No.-3.
निरंजन- लगता है आजकल तुम समाचार नहीं
देखते या सुनते हो। तुम्हें पता है सुबह के समय ही अधिक दुर्घटनाएँ होती हैं।
No.-4.
सुमित- हाँ मैंने सुना था।
No.-5.
निरंजन- तेज गति से वाहन चलाने और
यातायात के नियमों का पालन न करने के कारण अधिक दुर्घटनाएँ होती हैं।
No.-6.
सुमित- हाँ मित्र तुम ठीक कहते हो।
मुझे भी इस बारे में सतर्क रहना चाहिए।
No.-7.
निरंजन- आगे से इस बात का जरूर ध्यान
रखना कि सड़क पर कभी भी तेज साइकिल मत चलाना।
No.-8.
सुमित- ठीक है मित्र!
No.-2. दो मित्र परीक्षा देकर परीक्षा कक्ष से बाहर निकले हैं। उनके मध्य होने वाले संवाद को लगभग 50 शब्दों में लिखिए।
No.-1.
अरे विजय! तुम्हारा पेपर कैसा हुआ?
No.-2.
विजय- पहले तुम बताओ कि तुम्हारा पेपर
कैसा हुआ?
No.-3.
अनिल- मेरा पेपर अच्छा हुआ। मुझे सारे
सवाल आते थे। अब, तुम बताओ।
No.-4.
विजय- क्या बताऊँ? मेरा
गणित विषय का पेपर कभी अच्छा होता ही नहीं।
No.-5.
अनिल- क्यों? प्रश्न-पत्र
तो आसान था।
No.-6.
विजय- पता नहीं। मुझे गणित विषय से
बहुत डर लगता है।
No.-7.
अनिल- तुम गणित को समझ कर नियमित
अभ्यास किया करो। फिर देखना, तुम्हारा सारा डर खुद ही दूर हो जाएगा।
No.-8.
विजय- क्या इस क्रम में तुम मेरी
सहायता करोगे?
No.-9.
अनिल- यह भी कोई कहने की बात है? मैं
तुम्हारी हर संभव सहायता करूँगा।
No.-10.
विजय- तुम्हारा बहुत-बहुत धन्यवाद।
No.-3.''बच्चों का शिक्षा के प्रति कम होता रुझान'' विषय पर दो अध्यपिकाओं का वार्तालाप संवाद के रूप में लगभग 50 शब्दों में लिखिए।
No.-1.अल्पना मैडम! आपको नहीं लगता कि बच्चों में
शिक्षा के प्रति रुझान सामान्य रूप से कम होता जा रहा है।
No.-2.
अल्पना- हाँ, आपकी
बात काफी हद तक सही है। इसका मुख्य कारण बच्चों की टेलीविजन, मोबाइल
एवं कंम्प्यूटर में बढ़ती दिलचस्पी है।
No.-3. सुजाता-
मुझे भी लगता है कि इन साधनों का उपयोग बच्चे केवल मनोरंजन के लिए करते हैं।
No.-4.
अल्पना- हाँ, बच्चों
को इन साधनों की इतनी अधिक लत लग गई है, जिससे वे पढ़ाई की ओर ध्यान नहीं देते।
No.-5.
सुजाता- यह बहुत ही चिंता का विषय है।
हमें इसका कोई न कोई हल अवश्य निकालना होगा।
No.-6.
अल्पना- बिलकुल सही कहा आपने।
No.- 4. हमारे देश में आए दिन लोग यातायात नियमों का उल्लंघन करते हैं। इस विषय पर दो मित्रों के बीच होने वाले संवाद को लगभग 50 शब्दों में लिखिए।
No.-1. रमन! एक बात से मेरा मन बहुत दुःखी हो गया।
No.-2.
रमन- दोस्त! किस बात से तुम दुःखी हो
गए?
No.-3.
प्रतीक- कल मैंने जगह-जगह पर लोगों को
ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करते हुए देखा।
No.-4.
रमन- यह कौन-सी नई बात है? यह
सब तो चलता रहता है।
No.-5.
प्रतीक- यही सोच तो बदलनी है। नियमों
का उल्लंघन करके, हमें अपने साथ-साथ दूसरे लोगों के जीवन को भी
संकट में डालने का कोई हक नहीं है।
No.-6.
रमन- वास्तव में, अपने
देशवासियों की सोच बदलना, उनसे नियमों का पालन करवाना बहुत मुश्किल है, किंतु
असंभव नहीं है। हमें लोगों को जागरूक करना होगा।
No.-7.
प्रतीक- तुम ठीक कहते हो। इसके लिए
हमें कुछ और लोगों को भी साथ लेकर एक संगठन बनाना होगा।
No.-5. बढ़ती महँगाई ने लोगों का जीना दूभर कर दिया है। इस विषय पर दो गृहणियों के बीच होने वाली बातचीत को लगभग 50 शब्दों में लिखिए।
No.-1. रमा बहन,
कहाँ से चली आ रही हो?
No.-2.
रमा- बहन, बाजार
से आ रही हूँ। रोज दिन-प्रतिदिन दैनिक उपयोग की वस्तुओं के दाम आसमान छू रहे है।
No.-3.
अनीता- महँगाई से सब बेहाल हैं।
No.-4.
रमा- हाँ बहन, तुम
ठीक कहती हो। घर का बजट बढ़ता ही जा रहा है। समझ में नहीं आता, कैसे
इस महँगाई से निपटा जाए?
No.-5.
अनीता- हम भला क्या कर सकते है? सरकार
की निष्क्रियता से ही दिन-प्रतिदिन महँगाई बढ़ती जा रही है।
No.-6.
रमा- हाँ! लगता है कि महँगाई की सबसे
अधिक मार मध्यम वर्ग पर पड़ रही है।
No.-7.
अनीता- ऐसी बात नहीं है। निम्न वर्ग के
लोगों की स्थिति हमसे भी अधिक दयनीय है।
No.-8.
रमा- पता नहीं, इस
महँगाई में आगे क्या होगा।
No.-6. अपने देश में डेंगू के बढ़ते खतरे के विषय में दो मित्रों के मध्य होने वाले संवाद को 50 शब्दों में लिखिए।
No.-1. सौरभ! तुमने आज का अख़बार पढ़ा कि किस प्रकार
हमारे देश में डेंगू का खतरा बढ़ता जा रहा है।
No.-2.
सौरभ- हाँ मित्र मैंने पढ़ा। आए दिन
डेंगू के कारण मरने वाले लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है।
No.-3.
आलोक- डेंगू ने तो सभी लोगों के दिलों
में खौफ बैठा दिया है।
No.-4.सौरभ- मैंने न्यूज चैनल पर देखा, अस्पतालों
में तो मरीजों की हालत बहुत खराब है, वहाँ एक बैड पर दो-दो मरीजों को रखा जा रहा है।
No.-5.
आलोक- यह तो बहुत चिंताजनक स्थिति है।
इस प्रकार मरीजों का इलाज कैसे संभव है।
No.-6.
सौरभ- बिलकुल सही कह रहे हो, सरकार
को ही इस दिशा में उचित कदम उठाने चाहिए।
No.-7.
आलोक- हाँ, मित्र!
जागरूकता और उचित समाधान ही हमारे देश को इस बीमारी से छुटकारा दिला सकते हैं।
No.-7. आपका एक मित्र दसवीं कक्षा में शत-प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण हुआ है। उसे बधाई देते हुए लगभग 50 शब्दों में एक संवाद की रचना कीजिए।
No.-1.
बधाई हो मित्र! दसवीं कक्षा में
शत-प्रतिशत अंक लाकर तुमने कमाल कर दिया।
No.-2.
किशोर- धन्यवाद, यह
सब तो माता-पिता के आशीर्वाद तथा तुम जैसे मित्रों की शुभकामनाओं का फल है।
No.-3.
जयंत- इतनी बड़ी सफलता पाकर भी तुम्हें
जरा-सा घमंड नहीं है। यही आदत तुम्हें सबसे अलग और विशेष बनाती है। मेरी भगवान से
प्रार्थना है कि तुम इसी तरह अपने जीवन में सफलता पाओ और अपने लक्ष्य को प्राप्त
करो।
No.-4.
किशोर- वास्तव में, तुम
मेरे सच्चे मित्र हो, जो मेरी सफलता पर इतने प्रसन्न हो। आज के समय
में तुम्हारे जैसा मित्र मिलना सौभाग्य का विषय है।
No.-5.
जयंत- (हँसते हुए) अब बातों से ही पेट
भर दोगे? सफलता की ख़ुशी में मुँह मीठा नहीं कराना है।
No.-6. किशोर- हाँ, हाँ जरूर। चलो, घर चलो।
No.-8. नौकर और मालिक के मध्य 'वेतन-वृद्धि' के लिए हुए संवाद को लगभग 50 शब्दों में लिखिए।
No.-1.
साहब, आपने पिछले महीने कहा था कि दीपावली पर
आप मेरा वेतन बढ़ा देंगे।
No.-2.
मालिक- अरे! अभी दो महीने पहले ही तो, तुम्हारा
वेतन बढ़ाया गया था।
No.-3.
नौकर- हाँ साहब! लेकिन आप तो जानते ही
हैं कि इस महँगाई के जमाने में इतने कम वेतन में घर चलाना कितना कठिन होता है।
No.-4.
मालिक- जानता हूँ, परंतु
मैं इतनी जल्दी-जल्दी तुम्हारा वेतन कैसे बढ़ा सकता हूँ? मुझे
भी तो अपना घर चलाना होता है।
No.-5.
नौकर- साहब, त्योहार
के समय अतिरिक्त खर्चा होता है। इसलिए आपसे निवेदन कि इस महीने मेरा वेतन बढ़ा
दीजिए।
No.-6.
मालिक- हाँ, मैं
समझ सकता हूँ। ठीक है इस महीने मैं तुम्हें कुछ अतिरिक्त रुपये दे दूँगा, जिससे
तुम्हारा खर्चा चल जाए।
No.-7.
नौकर- बहुत-बहुत धन्यवाद साहब।
No.-9. जलभराव
की शिकायत लेकर गए नागरिक और नगरपालिका अध्यक्ष के बीच होने वाले संवाद को लगभग 50
शब्दों में लिखिए।
No.-1.
सर,
हमारे क्षेत्र में 'जलभराव
की समस्या' बढ़ती जा रही है। अधिकांश सड़कें टूटी हुई हैं।
जिनमें बारिश का पानी भर जाता है और सड़कों पर चलना मुश्किल हो जाता है।
No.-2.
नगरपालिका अध्यक्ष- आपने इस समस्या की
शिकायत दर्ज नहीं करवाई।
No.-3.
नागरिक- शिकायत तो की गई थी, परंतु
अभी कोई कार्यवाही नहीं हुई।
No.-4.
नगरपालिका अध्यक्ष- अच्छा! आप लिखित
रूप में एक शिकायती पत्र तैयार करके उसे यहाँ जमा कर दीजिए।
No.-5.
नागरिक- ठीक है सर! कृपया आप इस संबंध
में शीघ्र ही उचित कार्यवाही कीजिए ताकि हमें इस समस्या से छुटकारा मिले।
No.-6.
नगरपालिका अध्यक्ष- मैं, आज
ही नगर निगम के कर्मचारियों को भेज कर इस समस्या का समाधान कराता हूँ।
No.-7.
नागरिक- धन्यवाद, हमारे
क्षेत्र के सभी क्षेत्रवासी आपके आभारी रहेंगे।
No.-10. बस
से उतरने की हड़बड़ाहट में आप अपने सहयात्री को धक्का दे बैठते हैं, जिससे
उसका सामान गिर जाता है। इस स्थिति पर अपने सहयात्री से माफी माँगते हुए उसके और
आपके बीच हुए संवाद को लगभग 50 शब्दों में लिखिए।
No.-1.
भाई साहब! जरा सँभलकर उतरिए।
No.-2.
आप- जी महोदय, लेकिन
मुझे थोड़ी जल्दी है।
No.-3.
सहयात्री- (गुस्से से) जल्दी तो सभी को
है, मुझे भी है। लेकिन आपकी जल्दीबाजी के कारण आपने
मुझे धक्का देकर मेरा सामान गिरा दिया। अरे! मेरा सामान पकड़ों......।
No.-4.
आप- माफ कीजिए, मेरा
इरादा आपका सामान गिराकर आपको कष्ट पहुँचाना नहीं था।
No.-5.
सहयात्री- वह तो ठीक है, भाई
साहब। पहले सामान उठाने में मेरी मदद तो कीजिए।
No.-6.
आप- जी, अवश्य। (सामान उठाकर सहयात्री को देते
हुए) यह लीजिए अपना सामान। मेरे कारण हुए असुविधा के लिए मैं पुनः आपसे माफी
माँगता हूँ।
No.-7.
सहयात्री- समझ सकता हूँ कि आपने
जान-बूझकर ऐसा नहीं किया और फिर आपने मेरी सहायता भी की। इसके लिए आपका धन्यवाद।
No.-11. परीक्षा में आपकी शानदार उपलब्धियों पर आपके और पिताजी के बीच हुए संवाद को लगभग 50 शब्दों में लिखिए।
No.-1.पिताजी! आपको यह जानकर बहुत गर्व होगा कि मैंने
इस वर्ष की परीक्षा में प्रथम स्थान अर्जित किया है।
No.-2.
पिताजी- अरे वाह! ये तो मेरे लिए सचमुच
में बड़े ही गर्व की बात है।
No.-3.
राघव- आप जानते हैं पिताजी, मुझे
इस बार दिल्ली के मुख्यमंत्री के हाथों से पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।
No.-4.
पिताजी- हाँ, ये
तो मैंने कल के अख़बार में पढ़ा था।
No.-5.
राघव- क्या पढ़ा था, पिताजी?
No.-6.
पिताजी- यही कि बोर्ड परीक्षा में
अव्वल दर्जा हासिल किए गए छात्र को माननीय मुख्यमंत्री द्वारा पुरस्कृत किया
जाएगा।
No.-7.
राघव- हमारे विद्यालय के प्रधानाचार्य
द्वारा आपको एनुअल 'डे' पर आमंत्रित भी किया गया है। आप आएँगे न?
No.-8.
पिताजी- हाँ बेटा! मेरे लिए यह बहुत
गर्व की बात है और मैं तुम्हारे विद्यालय में आयोजित एनुअल 'डे' पर
अवश्य ही आऊँगा।
No.-12. स्वच्छ्ता-अभियान पर माँ-बेटी के बीच संवाद को लगभग 50 शब्दों में लिखिए।
No.-1.
माँ, उधर देखो! कितना कचरा जमा पड़ा है।
No.-2.
माँ- हाँ बेटी! इसी कचरे को साफ करने के
लिए वर्तमान प्रधानमंत्री ने स्वच्छ्ता अभियान चलाया है।
No.-3.
हिना- स्वच्छ्ता अभियान से क्या हमारा
मोहल्ला साफ-सफाई वाला हो जाएगा?
No.-4.
माँ- हाँ, बेटी!
स्वच्छ्ता अभियान में तुमको, मुझे और समस्त मोहल्लेवासियों को भाग लेना
पड़ेगा।
No.-5.
हिना- किस तरह का भाग माँ?
No.-6.
माँ- बेटी, हमें
जहाँ कहीं भी गंदगी मिले उसे तुरंत साफ करना होगा। हमें अपने आस-पास के लोगों को
स्वच्छ्ता के विषय से अवगत कराना होगा....... और ......।
No.-7.
हिना- ...... और माँ हमें जगह-जगह पर
रखे हुए कूड़ेदान का प्रयोग करना होगा।
No.-1. हाँ बेटी! अब तुम भी ये बात समझ गई हो। तुम भी
अपने दोस्तों को स्वच्छ्ता के विषय से अवगत कराओ और स्वच्छ माहौल बनाने में अपनी
भागीदारी निभाओ।
No.-13. दीपावली की रात में प्रदूषण में वृद्धि विषय पर दो सहेलियों के बीच होने वाले संवाद को लगभग 50 शब्दों में लिखिए।
No.-1.
हर्षिता- मैंने कल अख़बार में एक ऐसी
खबर पढ़ी कि हैरान रह गई।
No.-2.
विशाखा- तुम किस समाचार की बात कर रही
हो?
No.-3.
हर्षिता- मैंने अख़बार में पढ़ा कि केवल
दीपावली की रात को ही इतना प्रदूषण हो जाता है,
जितना पूरे वर्ष के दौरान होता है।
No.-4.
विशाखा- क्या तुम सच कह रही हो?
No.-5.
हर्षिता- हाँ! हर दीपावली को ऐसा होता
है और इसका कारण है- पटाखे।
No.-6.
विशाखा- पटाखे? मैं
भी खूब पटाखे जलाती हूँ और मेरी योजना इस बार भी पटाखे जलाने की है।
No.-7.
हर्षिता- लेकिन, मैंने
तय कर लिया है कि इस बार मैं पटाखे नहीं जलाऊँगी।
No.-8.
विशाखा- तुम्हारी बात सुनकर, मैंने
भी निश्चय कर लिया है कि मैं भी पटाखे नहीं जलाऊँगी। आखिर अपने पर्यावरण की रक्षा
करना हम सभी की जिम्मेदारी है।
No.-9.
हर्षिता- हाँ, तुमने
बिलकुल ठीक कहा।
No.-10.
विशाखा- हमें यह बात सबको बतानी चाहिए, जिससे
प्रदूषण को कम किया जा सके।
No.-11.
हर्षिता- शुभ काम में देर कैसी? चलो।
No.-12.
विशाखा- हाँ, हाँ, चलो।
No.-14. दो मित्र इंटरनेट की उपयोगिता पर वर्तालाप कर रहे है। उनके मध्य होने वाले संवाद को लगभग 50 शब्दों में लिखिए।
No.-1. दोस्त,
इंटरनेट भी कमाल की तकनीक है।
No.-2.
अनुज- हाँ। आज अगर इंटरनेट न हो, तो
हमारे कितने सारे काम रुक जाते है।
No.-3.
नीरज- एक बार इंटरनेट न होने पर मुझे
महसूस हुआ कि मैं इंटरनेट के बिना एक दिन भी अपना काम नहीं कर सकता।
No.-4.
अनुज- तुम अकेले ऐसे व्यक्ति नहीं हो, आजकल
70-80% लोग इंटरनेट की सुविधा का भरपूर इस्तेमाल करते
है।
No.-5.
नीरज- मैं तुम्हारी बात का समर्थन करता
हूँ, आखिर आजकल सारा काम इससे ही होता है, चाहे
किसी से बात करनी हो या रेल का टिकट आरक्षित करना हो।
No.-6.
अनुज- (हँसते हुए) तुम इस सूची को
तैयार करते-करते थक जाओगे, पर यह पूरी नहीं होगी।
No.-7.
नीरज- सुना है, 4-जी
इंटरनेट की गति बहुत तेज होती है। हमारे देश में यह सुविधा आ जाने पर हमें बहुत
फायदा होगा।
No.-8.
अनुज- काश ...... यह तकनीक भी जल्द ही
आ जाए।
No.-15. आजकल बिजली कटौती की समस्या से प्रायः सभी को
जूझना पड़ रहा है। इस समस्या के संदर्भ में दो गृहणियों के बीच होने वाले संवाद को
लगभग 50 शब्दों में लिखिए।
No.-1.
प्रेरणा बहन! तुम किधर जा रही हो?
No.-2.
प्रेरणा- क्या बताऊँ? बहन!
बिजली कटौती की समस्या ने तो नाक में दम कर रखा है। पिछले कई दिनों से घर से सभी
लोगों की नींद पूरी नहीं हो पा रही है।
No.-3.
वंदना- अरे! बिजली की तो पूछो ही मत।
यह हाल तो घर-घर का है कि नींद पूरी नहीं होने से आजकल लोग हर समय खीझे-खीझे से
रहने लगे हैं। गर्मी भी तो भयंकर पड़ रही है।
No.-4.
प्रेरणा- इसलिए हम लोगों ने सोचा है कि
इन्वर्टर खरीद ही लिया जाए, कम-से-कम रात में सभी की नींद तो पूरी होगी।
No.-5.
वंदना- हाँ, बहन!
यह तुमने अच्छी सलाह दी है। मैं भी आज अपने घर में इन्वर्टरखरीदने का प्रस्ताव
रखूँगी।
No.-6.
प्रेरणा- अभी मैं इन्वर्टरही खरीदने जा
रही हूँ। तुम भी चलो, खरीदने से पहले एक बार देख लेना।
No.-7.वंदना- हाँ! यह ठीक रहेगा। चलो, मैं
भी चलती हूँ।
No.-16. ग्यारहवीं कक्षा में विषयों के चयन से संबंधित माँ व पुत्री के बीच लगभग 50 शब्दों में संवाद लिखिए।
No.-1.बेटी! क्या सोच रही हो?
No.-2.
बेटी- माँ! मैं ग्यारहवीं कक्षा में
विषय चयन के संबंध में सोच रही हूँ।
No.-3.
माँ- अच्छा, तो
फिर बताओ तुमने क्या सोचा है?
No.-4.
बेटी- मैंने सोचा है कि मैं आर्ट्स
विषय से ग्यारहवीं करूँ।
No.-5.
माँ- यह तो तुमने बहुत अच्छा सोचा है।
No.-6.
बेटी- हाँ, परंतु
मैं इतिहास और अर्थशास्त्र विषय को लेकर दुविधा में हूँ।
No.-7.
माँ- बेटी, जिस
विषय में तुम्हारी रुचि हो, तुम उस विषय का चयन करो।
No.-8.
बेटी- माँ! मेरी रुचि तो इतिहास में है, परंतु
मेरी सहेली अर्थशास्त्र ले रही है, तो मैं भी अर्थशास्त्र लूँगी।
No.-9.
माँ- नहीं बेटी, ऐसा
करना उचित नहीं है, तुम्हें अपनी रुचि को ध्यान में रखते हुए ही
विषय चयन करना चाहिए, क्योंकि इस पर तुम्हारा भविष्य निर्भर है।
No.-10. बेटी- माँ! आपने तो मेरी आँखें खोल दी हैं, अब मैं अपनी रुचि के अनुसार ही विषय का चयन करूँगी।
No.-17. सड़कों पर फैली गंदगी के प्रति चिंता व्यक्त करते हुए दो छात्रों के बीच लगभग 50 शब्दों में संवाद लिखिए।
No.-1.
छात्र- मित्र! आज मैं मुझफ्फरनगर की ओर
गया था। वहाँ मैंने जगह-जगह फैली हुए गंदगी देखी।
No.-2.
दूसरा छात्र- हाँ, मित्र!
कुछ समय पूर्व मैं भी उस क्षेत्र में गया था। वहाँ जगह-जगह कूड़े-कचरे के ढेर लगे
हुए थे, जिन पर मक्खी-मच्छरों का साम्राज्य छाया हुआ
था।
No.-3.
पहला छात्र- मित्र, इस
तरह की गंदगी और कूड़े के ढेर के कारण लोगों का साँस लेना भी दूभर हो गया है।
No.-4.
दूसरा छात्र- हाँ! इस तरह की गंदगी के
कारण संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा भी बना रहता है। यह अत्यंत चिंता का
विषय है।
No.-5.
पहला छात्र- हाँ मित्र! तुम सही कह रहे
हो। हमें इस गंदगी की समस्या से निपटने के लिए जागरूक होना होगा तथा जगह-जगह कूड़ा
फेंकने से बचना होगा।
No.-6.
दूसरा छात्र- हाँ, तुमने
बिलकुल सही कहा। इसके साथ-साथ सरकार को भी इस दिशा में कार्य करने होंगे ताकि
गंदगी मुक्त स्वच्छ वातावरण लोगों को उपलब्ध हो सके।
No.-18. विद्यालय में मोबाइल फोन के प्रयोग पर अध्यापक और अभिभावक के बीच लगभग 50 शब्दों में संवाद लिखिए।
No.-1.
विद्यालय में मोबाइल फोन का प्रयोग
क्या सही है? इस विषय पर आपकी क्या राय है?
No.-2.
अभिभावक- इसमें बुराई क्या हैं?
No.-3.
अध्यापक- इसकी सबसे बड़ी बुराई यह है कि
यदि विद्यालय में विद्यार्थी मोबाइल फोन लाएँगे, तो वे इसी पर व्यस्त रहेंगे और पढ़ाई पर
ध्यान नहीं देंगे।
No.-4.
अभिभावक- अच्छा! फिर क्या मोबाइल फोन
विद्यालय में नहीं लाना चाहिए।
No.-5.
अध्यापक- हाँ, विद्यालय
में मोबाइल फोन का प्रयोग बिल्कुल नहीं होना चाहिए। मोबाइल बच्चों का ध्यान
आकर्षित करके उन्हें पढ़ाई से दूर करता है।
No.-6.
अभिभावक- कह तो आप सही रहे हैं, परंतु
आजकल बच्चे मानते कहाँ हैं? उन्हें तो हर समय फोन चाहिए होता है।
No.-7.
अध्यापक- बच्चों को प्रेमपूर्वक समझाया
जा सकता है कि उन्हें विद्यालय पढ़ने के लिए भेजा जाता है। अतः पढ़ाई के समय मोबाइल
का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
No.-8.
अभिभावक- आपकी बात सही है। मैं आज
बच्चों को यह बात समझाऊँगा कि वे विद्यालय में मोबाइल फोन न लेकर जाएँ ताकि उनकी
पढ़ाई में कोई बाधा उत्पन्न न हो।
No.-19. स्वच्छ्ता अभियान की सफलता के बारे में दो मित्रों के संवाद को लगभग 50 शब्दों में लिखिए।
No.-1. मित्र! तुम्हें पता है प्रधानमन्त्री नरेंद्र
मोदी द्वारा शुरू किया गया स्वच्छ भारत अभियान कितना सफल रहा है?
No.-2.
कमल- हाँ मित्र, आज
पूरे भारत में स्वच्छ्ता को प्रमुखता दी जा रही है।
No.-3.
रमेश- बिलकुल! इस अभियान में
बच्चे-बूढ़े सभी ने मिलकर अपने-अपने स्तर पर सराहनीय कार्य किया है।
No.-4.
कमल- हाँ मित्र तभी तो यह एक सफल
अभियान बन पाया है।
No.-5.
रमेश- तुम्हें पता है स्वयं
प्रधानमंत्री जी ने यह बात कही कि मैं इस अभियान की सफलता के लिए 'टीम
इंडिया' (पूरे भारतवर्ष) का धन्यवाद देता हूँ।
No.-6.
कमल- सच में मित्र स्वच्छ भारत का सपना
इस अभियान द्वारा ही संभव होता दिखाई दे रहा है।
No.-7.
रमेश- हाँ, हम
सभी को भारत को स्वच्छ बनाने में अपना योगदान देना चाहिए ताकि भारत पूरे विश्व में
एक अनोखी पहचान बनाने में सफल हो सके।
No.-8.
कमल- बिल्कुल सही कहा मित्र, इस
सब भारतवासी मिलकर इस लक्ष्य को शीघ्र ही प्राप्त कर लेंगे।
No.-20. बढ़ती सड़क दुर्घनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए पिता और पुत्र/पुत्री के बीच होने वाली बातचीत को लगभग 50-60 शब्दों में संवाद शैली में लिखिए।
No.-1.
पुत्र! तुम मोटरसाइकिल बहुत तेज चलाते
हो। कॉलेज जाते समय तुम्हें मोटरसाईकिल चलाता हुआ देखकर मुझे डर लगता है।
No.-2.
पुत्र- अरे पापा ! इसमें डरने की क्या
बात है?
No.-3.
पिता- लगता है आजकल तुम समाचार नहीं
देखते या सुनते हो। तुम्हें पता है सुबह के समय ही अधिक दुर्घटनाएँ होती हैं।
No.-4.
पुत्र- हाँ मैंने सुना था।
No.-5.
पापा- तेज गति से वाहन चलाने और
यातायात के नियमों का पालन न करने के कारण अधिक दुर्घटनाएँ होती है।
No.-6.
पुत्र- हाँ पापा आप ठीक कहते हो। मुझे
भी इस बारे में सतर्क रहना चाहिए।
No.-7. आगे से इस बात का जरूर ध्यान रखना कि सड़क पर
कभी भी तेज मोटरसाईकिल मत चलाना।
No.-8.पुत्र- ठीक है पापा!
No.-21. आपको टी. वी. देखना बहुत पसंद है परन्तु आपकी माताजी को यह समय की बर्बादी लगती है। आपके और आपकी माताजी के बीच जो संवाद होंगे, उन्हें लगभग 50 शब्दों में लिखिए।
No.-1.
गैरव- हाँ माँ मैं यहाँ हूँ।
No.-2.माताजी- क्या कर रहे हो।
No.-3.
गौरव- टीवी देख रहा हूँ।
No.-4.
माताजी- गौरव यह पढ़ाई का समय है टीवी
बंद कर दो।
No.-5.
गौरव- बस माँ अभी मैच खत्म होने वाला
है।
No.-6.
माताजी- गौरव परीक्षा नजदीक आ रही हैं
कोर्स भी पूरा करना है।
No.-7.
गौरव- हो जाएगा माँ।
No.-8.
माताजी- टीवी देखने से कोर्स पूरा होता
है क्या? चलो इसे बंद करो।
No.-9.
गौरव- माँ बस हो जाएगा खत्म।
No.-10.
माताजी- बेटा यह समय की बर्बादी है और
कुछ नहीं जितना समय तुम इसमें लगाते हो उतना समय पढ़ाई में लगाओ तो और अच्छे नम्बर
आ सकते हैं।
No.-11.
गौरव- माँ आप तो हमेशा ही डाँटती रहती
हो।
No.-12.
माताजी- मेरा डाँटना तुम्हारे अच्छे
भविष्य के लिए है न कि तुम्हें नाराज करने के लिए।
No.-13.
गौरव- ठीक है माँ तुम्हारी बात समझ आ
गई। मैं टीवी बंद करके मेहनत से अपनी परीक्षा की तैयारी करूँगा।
No.-22. एक दुर्घटना के बाद दो बच्चों में सड़क सुरक्षा की समस्या पर परस्पर संवाद को लगभग 50 शब्दों में लिखिए।
No.-1.
श्याम देखो कितनी बुरी दुर्घटना है।
No.-2.
श्याम- स्कूटर सवार बचा कि नहीं।
No.-3.
राम- लगता तो नहीं।
No.-4.
श्याम- क्यों ऐसा बोल रहे हो।
No.-5.
राम- उसने हैलमेट नहीं पहन रखा था।
No.-6.
श्याम- टैम्पू वाले का क्या हाल है ये
भी तो उलट गया।
No.-7.
राम- टैम्पू तेजी पर था स्कूटर वाला
गलत साइड (तरफ) से था।
No.-8.
श्याम- क्यों आजकल के स्कूटर सवार अपना
जोश दिखाते हैं। हैलमेट होने पर भी नहीं पहनते है।
No.-9.
राम- उसने हैलमेट नहीं पहन रखा था
लेकिन कान में मोबाइल की लीड थी। इसलिए टैम्पू की आवाज व हॉर्न उसे सुनाई नहीं
दिया।
No.-10.
श्याम- दे दी उसने अपनी जान। सड़क
सुरक्षा के नियमों का पालन नहीं करते है। तेजी से वाहन चलाते हैं।
No.-11.
राम- तेजी का नतीजा देख लिया अब उसके
परिवार वालों का क्या होगा अकेला ही बेटा था जैसे पता चला है।
No.-12.
श्याम- हमें सड़क सुरक्षा के सभी नियमों
का पालन करना चाहिए तभी सब सुरक्षित है। बच्चों को परिवार वालों व पुलिस को सख्ती
से निपटना होगा।
No.-13.
राम- भगवान सभी को सद्बुद्धि दे।
No.- 23. दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर चिंता व्यक्त करते हुए दो मित्रों के बीच संवाद लगभग 50 शब्दों में लिखिए।
No.-1.
मित्र- मित्र, बहुत
दुखी दिखाई दे रहे हो।
No.-2.
दूसरा मित्र- हाँ मित्र, दिल्ली
के प्रदूषण ने जीना मुश्किल कर दिया है।
No.-3.पहला मित्र- सही कह रहे हो। मनुष्य ने तो
पर्यावरण के महत्त्व को ही भुला दिया है।
No.-4.
दूसरा मित्र- पर्यावरण के लिए वृक्ष से
बड़ा मित्र तो हो ही नहीं सकता। पर मनुष्य का दुर्भाग्य कि वह विकास के नाम पर इसकी
कटाई करता जा रहा है।
No.-5.
पहला मित्र- हाँ, पर
बढ़ती गाड़ियों की संख्या और कल-कारखानों से निकलने वाले धुएँ भी इसे रात-दिन बढ़ाने
में सहयोग कर रहे हैं।
No.-6.
दूसरा मित्र- मित्र, अगर
ऐसा ही चलता रहा, तो धीरे-धीरे मानव जाति का अस्तित्व ही खतरे
में पड़ जाएगा। (चिंतित होते हुए) क्या यह मनुष्य इतना क्रूर और स्वार्थी हो गया है
कि इसके बारे में जरा-सा भी नहीं सोचता।
No.-7.
पहला मित्र- मित्र, ऐसा
नहीं है, कुछ लोग प्रदूषण से सुरक्षा के लिए भी प्रयास
कर रहे हैं।
No.-8.
दूसरा मित्र- यह तो अच्छी बात है। चलो, साथ
मिलकर हम भी प्रयास करते हैं तथा दिल्ली सरकार से आग्रह करेंगे कि वह भी कुछ सहयोग
करें।
No.-9. पहला मित्र- धन्यवाद!
No.-24. दिल्ली में महिलाओं की असुरक्षा को लेकर दो महिलाओं के मध्य लगभग 50 शब्दों में संवाद लिखिए।
No.-1.
मित्र- सखी, दिल्ली
अब महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं रही।
No.-2.
दूसरी महिला- सखी, आज
तुम बहुत परेशान दिख रही हो!
No.-3.
पहली महिला- हाँ! परेशानी की तो बात है
ही। शायद तुमने समाचार पत्र को पढ़ा ही नहीं?
No.-4.
दूसरी महिला- नहीं! पर बात क्या है? बताओं
तो सही।
No.-5.
पहली महिला- एक दिन की बात हो तो सही, अब
प्रतिदिन समाचार पत्र में मुख्य खबर के रूप अपहरण छीना-झपटी, राह
चलती महिलाओं के साथ छेड़-छाड़ की घटना भरी हुई होती है। गंदी नजरों से देखना तो आम
बात हो गई है।
No.-6.
दूसरी महिला- सही है, इसके
लिए निराश होने की आवश्यकता नहीं है। सरकार भी इस संदर्भ में प्रयासरत है। हमें
मिलजुलकर इसकी रोकथाम के प्रयास करने की आवश्यकता है।
No.-7.
पहली महिला- केवल प्रयास करने से नहीं
होगा अपितु लोगों को जागरूक करना होगा कि वे महिला को सम्मान की नजरों से देखें
तथा महिलाओं को सशक्त करना होगा।
No.-8.
पहली महिला- सही कहती हो। चलो! निराशा
छोड़ों! सकारात्मक रहो, धन्यवाद!
No.-25. परीक्षा में आपकी शानदार उपलब्धियों पर आपके और पिताजी के बीच संवाद को लगभग 50 शब्दों में लिखिए।
No.-1.
बेटा! आज तुम्हारा परीक्षाफल देखकर मैं
बहुत प्रसन्न हूँ और कामना करता हूँ कि भविष्य में भी तुम ऐसे ही सफलता के मार्ग
पर आगे बढ़ते रहोगे।
No.-2.
बेटा- धन्यवाद पिताजी! यह सब आपके
आशीर्वाद और मेहनत का परिणाम है। पिताजी इस बार बहुत से होशियार बच्चे भी, उतना
अच्छा परिणाम नहीं दे पाए, जितना कि वे दे सकते थे।
No.-3.
पिता- बेटा ऐसा तो हर साल ही होता है।
No.-4.
बेटा- आजकल परीक्षा को योग्यता जाँचने
का माध्यम बना दिया गया है। अंकों को व्यक्ति की बुद्धिमता का मापदण्ड माना जाता
है। इसलिए जो विद्यार्थी पढ़कर उत्तीर्ण हो जाते हैं, उन्हें कक्षा में श्रेष्ठ माना जाता
है।
No.-5.
पिता- इसी कारण परीक्षा विद्यार्थियों
में भय का कारण बन गई है, जिसके कारण बहुत से होनहार छात्र भी परीक्षा
में अच्छे अंक नहीं प्राप्त कर पा रहे हैं।
No.-6.
बेटा- हाँ जी! मुझे लगता है यह नहीं
सोचना चाहिए कि जिन विद्यार्थियों को कम अंक मिले हैं, वे
योग्य नहीं है। शिक्षा केवल पुस्तकीय ज्ञान तक सीमित नहीं है। शिक्षा केवल
पुस्तकीय ज्ञान तक सीमित नहीं हैं। प्रतिदिन के जीवन के लिए सामान्य ज्ञान भी
अत्यन्त आवश्यक है।
No.-7.
पिता- शाबाश बेटा! तुम्हारे विचार
जानकर मुझे तुम पर गर्व है।
No.-26. गृहकार्य में शिथिलता देखकर पिता-पुत्र के बीच हुए संवाद को लगभग 50 शब्दों में लिखिए।
No.-1.
राहुल बेटा! आज तुम्हारी गणित की
परीक्षा कैसी हुई?
No.-2.
राहुल- पिताजी परीक्षा तो अच्छी हुई, परन्तु
कुछ प्रश्नों को हल करने में कठिनाई हुई।
No.-3.
पिता- कठिनाई क्यों हुई क्या तुमने
उनका अभ्यास भली प्रकार नहीं किया था?
No.-4.
राहुल- पिताजी में उन प्रश्नों को
गृहकार्य में करना भूल गया था, अतः परीक्षा की तैयारी करते समय अभ्यास नहीं कर
सका।
No.-5.
पिता- राहुल यह बहुत गलत बात है, कल
तुम अपना अंग्रेजी का गृहकार्य भी नहीं करके गए थे। तुम्हारे अध्यापक का फोन आया
था। वे तुम्हारे इस भुलक्क़ड़ स्वभाव से बहुत परेशान हैं।
No.-6.
राहुल- पिताजी आजकल बैडमिंटन कोचिंग और
ट्यूशन क्लास के कारण, विद्यालय का कार्य अधूरा रह जाता है, मुझे
माफ कर दीजिए, अब ऐसा नहीं होगा।
No.-7.
पिता- बेटा! जीवन में सफलता उन्हीं की
मिलती है, जो हर परिस्थिति में खरे उतरते हैं। तुम्हें ये
आखिरी मौका दिया जा रहा है, अब मुझे तुम्हारी और कोई शिकायत नहीं चाहिए।
No.-8.
राहुल- ठीक है पिताजी।
No.-27. खाद्य-पदार्थों में होने वाली मिलावट के बारे में मित्र के साथ हुए संवाद को लगभग 50 शब्दों में लिखिए।
No.-1.अरे समीर! तुम यहाँ?
No.-2.
समीर- मैं यहाँ इस स्टोर में कुछ सामान
वापस करने आया हूँ।
No.-3.
अनुराग- मतलब ! कोई खास चीज?
No.-4.
समीर- अरे यार! क्या बताऊं? मैं
यहाँ से दाल ले गया था, इसमें छोटे-छोटे कंकड़ और बिल्कुल सफेद रंग के
पत्थरों को इतनी मिलावट है, क्या बताऊं। माँ और बहन कंकड़ पत्थर चुनते-चुनते
परेशान हो गई। आखिर में तंग आकर उन्होंने कहा कि दाल के पैकेट को वापस करके आओ।
No.-5.
अनुराग- तुम कहते तो सही हो समीर।
No.-6.
समीर- अभी कुछ दिन पहले गोयल अंकल
सरसों का तेल ले गए थे, और उससे बने खाने से घर के सभी सदस्य बीमार पड़
गये। उन्होंने तो तेल की शिकायत पुलिस व खाद्य विभाग दोनों में कर दी।
No.-7.
अनुराग- कल ही मैंने देखा कि बड़ी-बड़ी
कंपनियों के सामान में भी मिलावट पाई गई है और त्योहार पर मिठाइयों में बहुत
ज्यादा मिलावट कर दी जाती। इससे लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है, जो
बिल्कुल गलत है।
No.-8.
समीर- सरकार को इस विषय में सख्त कानून
बनाकर मिलावट करने वाले व्यापारियों पर कार्यवाही करनी चाहिए।
No.-9.
अनुराग- बिल्कुल सही कहा।
No.-28. नौकर और मालिक के मध्य वेतन-वृद्धि के लिए संवाद को लगभग 50 शब्दों में लिखिए।
No.-1.साहब ! मुझे आपसे कुछ जरूरी बात करनी है।
No.-2.
मालिक- हाँ बोलो ! क्या बात है?
No.-3.
नौकर- साहब ! मेरा वेतन बहुत कम है।
जिस कारण मैं अपने परिवार के सदस्यों का पालन-पोषण ठीक प्रकार से नहीं कर पा रहा
हूँ।
No.-4.
मालिक- मैं इस विषय पर विचार करूँगा।
No.-5.
नौकर- मैं पूरी ईमानदारी से अपना कार्य
करता हूँ, परन्तु मुझे वेतन बहुत कम मिल रहा है। आपसे
अनुरोध है कि मेरे वेतन में वृद्धि कीजिए।
No.-6.
मालिक- तुम्हें तुम्हारे कार्य के
अनुरूप उचित वेतन मिल रहा है।
No.-7.
नौकर- यदि मेरे वेतन में वृद्धि नहीं
होगी, तो मैं विवश होकर यह नौकरी छोड़ दूँगा।
No.-8.
मालिक- ठीक है। मैं अगले महीने से
तुम्हारे वेतन में 2000 रुपये बढ़ा दूँगा। तुम एक ईमानदार व्यक्ति हो
और मेहनती भी।
No.-9.
नौकर- धन्यवाद साहब ! आपका बहुत-बहुत
आभार।
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