बिहार में वन
No:1. Forest in Bihar – बिहार में वन – बिहार राज्य का अधिकांश
क्षेत्रफल मैदानी है।
No:2. अत्यधिक जनसंख्या घनत्व और कृषि भूमि पर दबाव के कारण
प्राकृतिक वनस्पति, पर्यावरण के अनुकूल नहीं है।
No:3. बिहार में अधिकांश वर्षा मानसूनी जलवायु के कारण होती है, अतः यहाँ वनस्पति के निर्धारण
में वर्षा की मात्रा एक प्रमुख कारक है।
No:4. बिहार के कुल क्षेत्रफल 94,163 वर्ग किलोमीटर में से 6845 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल
पर वन हैं, जो
बिहार के कुल क्षेत्रफल का 7.21% है।
No:5. बिहार में वर्षा की मात्रा के आधार पर प्राकृतिक वनस्पति
को मुख्यत: दो भागों में विभाजित किया जा सकता है
1). आर्द्र पर्णपाती वन (Wet
deciduous forest)
2). शुष्क पर्णपाती वन (Dry
deciduous forest
आर्द्र पर्णपाती वन (Wet deciduous forest)
No:1. वह क्षेत्र जहाँ 120 Cm से अधिक वार्षिक वर्षा
होती है उन क्षेत्रों में आर्द्र पर्णपाती वन पाए जाते है।
No:2. इन्हे मुख्यत: दो वर्गों में विभाजित किया गया है –
1). सोमेश्वर एवं दून श्रेणी
के वन
2). तराई क्षेत्र का वन
सोमेश्वर एवं दून श्रेणी के वन
No:1. यह वन मुख्यतः पश्चिमी चंपारण में पाए जाते है।
No:2. इस क्षेत्र में वर्षा की मात्रा 160 CM से अधिक होती है।
No:3. उच्च भूमि और पहाड़ी ढालों पर पाए जाने वाले आर्दै
पर्णपाती वनों के प्रमुख वृक्ष शाल (Sharea Robusta), शीशम, खैर, सेमल, तून आदि हैं।
No:4. ऊँचाई के कारण इन क्षेत्रों में सवाना प्रकार की वनस्पति
भी पाई जाती है।
तराई क्षेत्र का वन
No:1. यह वन तराई क्षेत्र बिहार के उत्तरी-पश्चिमी तथा
उत्तरी-पूर्वी भागों में पाए जाते है।
No:2. यह वन बिहार के पूर्णिया, सहरसा, अररिया एवं किशनगंज आदि
जिलों में एक संकीर्ण पट्टी के रूप में विस्तृत है।
No:3. तराई क्षेत्र के वनों की प्रमुख वनस्पतियाँ नरकट, झाड़, बाँस, घास, हाथी घास, सवई आदि हैं।
No:4. इस प्रकार की वनस्पति मुख्यत: निम्न दलदली भूमि में पाई
जाती है।
शुष्क पर्णपाती वन (Dry deciduous forest)
No:1. वह वन क्षेत्र जहाँ 120 Cm से कम वार्षिक वर्षा होती
है उन क्षेत्रों में शुष्क पर्णपाती वन पाए जाते है।
No:2. इन वनों में मुख्यत: झाड़ी, घास तथा छोटे-छोटे पौधे
पाए जाते हैं।
No:3. शुष्क पर्णपाती वनों का विकास बिहार के पूर्वी मध्यवर्ती
भाग और दक्षिणी पठार के पश्चिमी भाग में हुआ है।
No:4. शुष्क पर्णपाती वनों के प्रमुख वृक्ष शीशम, महुआ, खैर, पलाश, आसन, आँवला, अमलतास, आबनूस आदि हैं।
No:5. बिहार में वनों के संरक्षण के लिए इन्हे 3 वर्गों में विभाजित किया
गया है –
1). सुरक्षित वन (Reserve
Forest),
2). आरक्षित वन (Protected
Forest),
3). अवर्गीकृत वन (Unclassified
Forest)
1). सुरक्षित वन (Reserve
Forest) के
अंतर्गत पशुओं को चराने तथा लकड़ी काटने व एकत्रित करने की अनुमति नहीं होती है, तथा इन्हें सरकारी
संरक्षण में रखा जाता है।
2). आरक्षित वन (Protected
Forest), के
अंतर्गत पशुओं को चराने एवं सीमित मात्रा में लकड़ी काटने एवं एकत्रित करने की
अनुमति सरकार द्वारा प्रदान की जाती हैं।
3). अवर्गीकृत वन (Unclassified
Forest) में
पशुओं को चराने तथा लकड़ी काटने के लिए सरकार द्वारा कोई प्रतिबंध नहीं लगाया जाता
है, लेकिन इसके लिए शुल्क
लिया जाता है।
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