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Lakes of Rajasthan

 

Lakes of Rajasthan

राजस्थान की झीलें | Lakes of Rajasthan

मीठे पानी की झीलें

जयसमंद झील (उदयपुर), पिछौला झील (उदयपुर), फतहसागर झील (उदयपुर), स्वरूप सागर झील (उदयपुर), उदयसागर झील (उदयपुर), राजसमन्द झील (राजसमन्द), नन्द समन्द झील (राजसमन्द), आनासागर झील (अजमेर), फॉय सागर झिल (अजमेर), पुष्कर झील (अजमेर), कोलायत झील (बीकानेर), कायलाना झील (जोधपुर), बालसमन्द झील (जोधपुर), नक्की झील (सिरोही), सिलीसेढ़ झील (अलवर), मोती झील (भरतपुर), गैव सागर झील (डूंगरपुर), कनक सागर झील (बून्दी), राम सागर झील (धौलपुर), भोपाल सागर (चितौरगढ़), नवलखा झील (बून्दी), गजनेर झील (बीकानेर), रामगढ़ झील (बांरा), तालाब-ए-शाही झील (धौलपुर), तलवाड़ा झील (हनुमानगढ़)

1). जयसमन्द झील उदयपुर

No:1. अन्य नाम ढेबर झील

No:2. निर्माण – 1685 – 1691 में महाराणा जयसिंह द्वारा गोमती नदी पर।

No:3. विश्व की दूसरी सबसे बड़ी मीठे पानी की कृत्रिम झील है।

No:4 इस झील में सात टापू स्थित है सबसे बड़ा टापू बाबा का भांगड़ा, सबसे छोटा टापू प्यारी

No:5. इस झील से सिंचाई के लिए दो नहरें निकाली गयी है श्यामपुरा नहर, भाट नहर

No:6. हवामहल एवं रूठी रानी का महल इसी झील के किनारे स्थित है।

2).  राजसमंद झील :- राजसमन्द

No:1. निर्माण – 1662 से 1668 में महाराणा राजसिंह द्वारा कांकरोली के निकट गोमती नदी पर।

No:2. इस झील के पास द्वारकाधीश का मंदिर स्थित है।

No:3. इसका निर्माण अकाल राहत कार्य हेतु किया गया था। (अकाल राहत कार्य हेतु राज. की पहली झील)

No:4. नौ चौकी पाल इस झील की उत्तरी पाल, जिस पर 25 शिलालेखों पर रणछोड़ भट्ट तैलंग द्वारा संस्कृत भाषा मे मेवाड़ के इतिहास लिखा गया है। यह राज प्रशस्ति विश्व की सबसे बड़ी प्रशस्ति है।

3). पिछोला झील :- उदयपुर

No:1. निर्माण इसका निर्माण 14वीं सदी में राणा लाखा के समय एक पिच्छु नामक बंजारे द्वारा करवाया गया।

No:2. महाराणा उदयसिंह ने इसकी मरम्मत करवाई थी।

No:3. इसमें दो टापू है जिन पर जगमन्दिर महल एवं जगनिवास महल स्थित है।

No:4. इस झील के किनारे नटनी का चबूतरा स्थित है।

No:5. महाराणा प्रताप एवं मानसिंह की मुलाकात मार्च 1573 में इसी झील पर हुई थी।

No:6. शहजादा खुर्रम (शाहजहां) ने गुजरात अभियान के दौरान यही विश्राम किया था। (Lakes of Rajasthan)

4). आनासागर झील :- अजमेर

No:1. इसका निर्माण 1135 से 1137 में अर्णोराज ने करवाया था।

No:2. इस झील के किनारे सम्राट जहाँगीर ने दौलतबाग लगाया था जिसे सुभाष उद्यान के नाम से जाना जाता है।

No:3. शाहजहां ने संगमरमर की बारहदरी का निर्माण करवाया था। (अपने शासन काल के 9 वे वर्ष में )

5). सिलीसेढ़ झील :- अलवर

No:1. निर्माण – 1845 में महाराजा विनय सिंह ने करवाया

No:2. महाराजा विनयसिंह ने रानी के लिए एक शाही महल एवं लॉज का निर्माण करवाया था।

No:3. इस झील को राजस्थान का सुंदर कानन / नन्दन वन भी कहा जाता है।

6). नक्की झील :- सिरोही

No:1. माउण्ट आबू में रघुनाथजी के मंदिर के पास।

No:2. राजस्थान की सर्वाधिक ऊंचाई पर स्थित झील

No:3. ऐसा माना जाता है कि इस झील का निर्माण देवताओं ने अपने नाखूनों से खोदकर किया था।

No:4. इस झील के किनारे तीन आकृतियां बनी हुई है

A. टॉड रॉक मेंढक के समान आकृति

B. नन रॉक घूंघट निकले स्त्री

C. पेरत रॉक तोते के समान

No:4. यह दूसरी क्रेटर झील भी मानी जाती है।

No:5. इस झील के पास पर्वत में हाथी गुफा, चम्पा गुफा तथा राम झरोखा आदि गुफाएं स्थित है।

7). फतेहसागर झील :- उदयपुर

No:1. उपनाम कनॉट झील, पुराना नाम देवाली तालाब

No:2. इस झील की नींव ड्यूक ऑफ कनोट ने रखी थी।

No:3. इस झील पर एक सौर वेधशाला की स्थापना की गई है जिसका निर्माण अहमदाबाद की कम्पनी सन सोर्स ऑफ इंडिया लिमिटेड द्वारा किया गया है। (Lakes of Rajasthan)

8). पुष्कर झील :- अजमेर

No:1. उपनाम सबसे पवित्र झील / सबसे गन्दी झील / बूढ़ा पुष्कर / कनिष्ठ झील / प्रयागराज का गुरु / तीर्थो का मामा / पंचम तीर्थ / 52 घाट झील / क्रेटर झील।

No:2. राजस्थान की प्राचीन, प्राकृतिक एवं पवित्र झील है।

No:3. डॉ दशरथ शर्मा के अनुसार इस झील का निर्माण पुष्करणा ब्राह्मणों के द्वारा करवाया गया।

No:4. भूगोलवेत्ताओं के अनुसार यह एक क्रेटर झील है जिसका निर्माण ज्वालामुखी उद्गार से हुवा है।

No:5. भगवान राम ने अपने पिता दशरथ का पिंडदान इसी झील में किया था।

No:6. प्रतिवर्ष कार्तिक शुक्ल एकादशी से पूर्णिमा तक मेला भरता है।

No:7. महात्मा गांधी की अस्थियां थी प्रवाहित की गई थी। इसलिए इसे गांधी घाट के नाम से भी जाना जाता है।

No:8. पुष्कर झील के किनारे प्राचीन ब्रम्हाजी एवं सावित्रीजी का मंदिर स्थित है।

No:9. इस झील की सफाई के लिए कनाडा सरकार के सहयोग से पुष्कर समन्वित विकास परियोजना शुरू की गई।

9). फॉयसागर झील :- अजमेर

No:1. इसका निर्माण अकाल राहत कार्य हेतु अंग्रेज फॉय के निर्देशन में करवाया गया।

No:2. इस झील में बांडी नही का जल गिरता है।

10). बालसमन्द झील :- जोधपुर

इसका निर्माण 1159 में परिहार शासक बालक राव ने करवाया था।

11). गजनेर झील :- बीकानेर

No:1. निर्माण महाराजा गजसिंह के द्वारा

No:2. इसे बीकानेर का शुद्ध पानी का दर्पणकहा जाता है।

12). कोलायत झील :- बीकानेर

No:1. उपनाम शुष्क मरुस्थल का सुंदर मरू उद्यान

No:2. इसके पास प्राचीनकाल में कपिल मुनि का आश्रम था।

No:3. इस झील में स्नान करना धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है।

No:4. यहाँ प्रतिवर्ष कार्तिक पूर्णिमा को कपिल मुनि का मेला भरता है।

13). दुगारी झील :- बूंदी

अन्य नाम कनक सागर झील

14). घड़सीसर झील :- जैसलमेर

इसका निर्माण रावल घड़सी द्वारा करवाया गया।

15). बिसलसर झील :- अजमेर

निर्माण – 1152 से 1162 के मध्य चौहान शासक बीसलदेव (विग्रहराज चतुर्थ) ने करवाया।

16). पिथमपुरी झील सीकर

17). गेवसागर झील डूंगरपुर

खारे पानी की झीलें

सांभर झील (जयपुर), पंचपदरा झील (बाड़मेर), डीडवाना झील (डीडवाना, नागौर), लूणकरणसर झील (लूणकरणसर, बीकानेर), तालछापर झील (चूरू), कावोद झील (जैसलमेर), डेगाना झील (नागौर), फलौदी झील (जोधपुर), रैवासा (सीकर), नावां (नागौर), बाप झील (जोधपुर), कुचामन (नागौर), कोछोर (सीकर), पिथमपुरी (सीकर), पोकरण (जैसलमेर)

1). साम्भर झील :- जयपुर

No:1. निर्माण – 551 ई. में वासुदेव चौहान

No:2. भारत की सबसे बड़ी खारे पानी की झील।

No:3. यहाँ पर भारत के कुल नमक उत्पादन का 8% यही से उत्पादित होता है।

No:4. यहाँ नमक उत्पादन का कार्य हिंदुस्तान साल्ट लिमिटेड की सहायक कम्पनी साम्भर साल्ट लिमिटेड के द्वारा किया जाता है।

No:5. इसमे मंथा, रूपनगढ़, खारी, एवं खण्डेला नदियाँ आकर मिलती है। (Lakes of Rajasthan)

No:6. साम्भर झील के जल में खारेपन की मात्रा को कम करने में सालवेडोरा स्पीसीज नामक वनस्पति सहायक है।

No:7. साम्भर झील को अंग्रेजों ने 1817 में लीज पर लिया तथा साम्भर झील में नमक क्यारी पद्धति से बनाया जाता है।

2). पंचपदरा झील :- बाड़मेर

No:1. इस झील से सर्वोत्तम किस्म का नमक उत्पादन होता हैं। इसमे सोडियम क्लोराइड की मात्रा 98 % पाई जाती है।

No:2. इस झील में खारवाल जाती के लोग मोरली झाड़ी के उपयोग द्वारा नमक के स्फटिक बनाते है।

3). डीडवाना झील :- नागौर

No:1. इस झील में कृत्रिम रूप से कागज तैयार करने में काम आने वाले लवण के निर्माण हेतु सोडियम सल्फेट संयंत्र स्थापित किया गया है।

No:2. यहाँ थोरी जाती के लोग नमक का उत्पादन करते है।

4). अन्य झीलें

No:1. लूणकरणसर बीकानेर

No:2. कावोद झील जैसलमेर

No:3. डेगाना झील नागौर

No:4. तालछापर चुरू

No:5. फलौदी जोधपुर

No:6. रेवासा, कोछोर झील सीकर

No:7. पोकरण झील जैसलमेर

राजस्थान की केंद्रीय झील संरक्षण योजना में शामिल झीलें

पुष्कर झील, आनासागर झील, फतेहसागर झील, पिछोला झील, जयसमंद झील, स्वरूप सागर झील, नक्की झील, जेतसागर झील (Lakes of Rajasthan)

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