भारत के पहले लोकपाल न्यायधीश पिनाकी चंद्र घोष
चुने गए है। 17 मार्च 2019 को चयन समिति
जिसमें भारत के मुख्य न्यायाधीश तरुण गोगोई, लोकसभा अध्यक्ष
सुमित्रा महाजन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लॉ मेकर्स शामिल थे, ने उन्हें चुना।
उनके कार्यभार संभालने का नोटिफिकेशन अगले सप्ताह जारी किया जा सकता है। सुप्रीम
कोर्ट के रिटायर्ड जज पिनाकी चंद्र घोष वर्तमान में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के
सदस्य हैं। उससे पहले आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रहे हैं। कलकत्ता
हाईकोर्ट में जस्टिस भी रह चुके हैं। पीसी घोष का जन्म 28 मई,
1952
को कलकत्ता के पूर्व मुख्य न्यायाधीश शंभू चंद्र घोष के घर हुआ था।
कलकत्ता के सेंट जेवियर्स कॉलेज से शुरुआती पढ़ाई
के बाद उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ कलकत्ता से कॉमर्स में स्नातक किया। लेकिन इसके
बाद एलएलबी की। इसके बाद कलकत्ता हाईकोर्ट व आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट से होते हुए वे
8 मार्च,
2013
को सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। यहां से वे 27 मई,
2017
को रिटायर हुए।
लोकपाल (Lokpal) क्या है?
मोरारजी देसाई की अध्यक्षता में निर्मित प्रशासनिक
सुधार आयोग (1966-70) की सिफारिशों पर नागरिकों की समस्याओं, कुशासन व
भ्रष्टाचार के समाधान हेतु लोकपाल व लोकायुक्त की नियुक्ति की गयी।
लोकपाल – मंत्रियों, राज्य व केंद्र
स्तर के सचिवों से संबंधित शिकायत
लोकायुक्त – एक केंद्र व एक
प्रत्येक राज्य में – विशेष व उच्च अधिकारियों से संबंधित
शिकायतों को देखता है।
भारत में भी न्यूजीलैंड (Newzeland)
की तरह न्यायालयों
को लोकपाल व लोकायुक्त के दायरे से बाहर रखा गया है, जबकि स्वीडन (Sweden)
में न्यायालय भी
ओम्बुड्समैन (Ombudsmen) प्रणाली के अंतर्गत आते है।
लोकपाल की नियुक्ति
प्रशासनिक सुधार आयोग के अनुसार राष्ट्रपति द्वारा
लोकपाल व लोकायुक्त की नियुक्ति न्यायधीश, लोकसभा अध्यक्ष व
राज्यसभा सभापति की सलाह से की जाएगी।
लोकपाल के कार्य
1. स्वतंत्र व
निष्पक्षता पूर्वक जाँच करना
2. लोकपाल द्वारा जाँच
व कार्यवाही गुप्त तरीके से की जाएगी
3. लोकपाल व लोकायुक्त
का गैर-राजनैतिक होना अनिवार्य है
4. अपने विवेकानुसार
कुशासन,
भ्रष्टाचार आदि
अन्य मामलें देखने की स्वतंत्रता
5. अपने कर्तव्यों के
निर्वहन हेतु जानकारी प्राप्त करने की पूर्ण स्वतंत्रता
Lokpal regarding notes send kro plz
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