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UPTET Study Material in Hindi PDF Download

बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र ( Child Development and Pedagogy ) Part – 9
दोस्तो हम अपनी बेबसाइट पर child development and pedagogy book pdf  के One Liner Question and Answer के पार्ट उपलब्ध करा रहें है, जो आपको सभी तरह के Teaching के Exam जैसे CTET , UPTET , MP Samvida Teacher , HTET , REET आदि व अन्य सभी Exams जिनमें कि Child Development and Pedagogy आता है उसमें काम आयेगी !
आज की हमारी पोस्ट Child Development and Pedagogy का 9th पार्ट है जिसमें कि हम बाल विकाश Child Development and Pedagogy के One Liner से संबंधित Child Development and Pedagogy Question with Answers pdf को बताऐंगे ! तो चलिये दोस्तो शुरु करते हैं !
UPTET Study Material in Hindi

801.”जो बालक कक्षा में विशेष योग्‍यता रखते हैं उनको प्रतिभाशाली कहते हैं। यह कथन है क्रो एवं क्रो का
802. चोरी, झूठ व क्रोध करने वाला बालक है समस्‍यात्‍मक
803. ”जिस बालक की शैक्षिक लब्धि85 से कम होतीहै उसे पिछड़ा बालक कहा जा सकता है। यह कथन है बर्ट का
804. ”जिस बालक की बुद्धि-लब्धि 70 से कम होती है उसको मन्‍द-बुद्धि बालक कहते हैं। यह कथन है क्रो एवं क्रो का
805. साधारण मन्दिमना वाले बालकों की शिक्ष-लब्धि होती है – 51-36
806. पिछड़े बालकों को शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी करने के लिए क्‍या करना चाहिए पिछड़ेपन के कारणों की खोज करना, व्‍यक्तिगत ध्‍यान, पाठान्‍तर क्रियाओं की व्‍यवस्‍था
807.”बालकों में सृजनशीलता के विकास हेतु सकारात्‍मक अभिवृत्ति के निर्माण में विद्यालय की महत्‍वपूर्ण भूमिका हो सकती है।उक्‍त कथन है डॉ. एस.एस. चौहान का
808. ”सृजनात्‍मक वह कार्य है जिसका परिणाम नवीन हो और जो किसी समय किसी सकूह द्वारा उपयोगी या सन्‍तोषजनक रूप में मान्‍य हों।यह परिभाषा किसने प्रतिपादित की स्‍टेन ने
809.”मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य सम्‍पूर्ण व्‍यक्तित्‍व का सामंजस्‍यपूर्ण कृत्‍य है।यह कथन किस मनोवैज्ञानिक का है हैडफील्‍ड का
810. मानसिक रूप से पिछड़े बालकों की बुद्धि-लब्धि मानी गई है – 70 से 80 के बीच
811. शारीरिक अस्‍वस्‍थता, काम प्रवृत्ति का प्रवाह तथा मन्‍द गति से विकास बालापराध के किस कारण के अन्‍तर्गत आते हैं व्‍यक्तिगत कारण
812. बाल्‍यावस्‍था में बालक दृष्टिकोण अपनाना आरम्‍भ करता है यथार्थवादी दृष्टिकोण
813. सृजनात्‍मकता का अर्थ है सृजन या रचना सम्‍बन्‍धी योग्‍यता
814.”सृजनात्‍मकता मौलिकपरिणामों को अभिव्‍यक्‍त करने की मानसिक प्रक्रिया है।यह कथन है क्रो एवं क्रो का
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815. सृजनात्‍मकता की विशेषता कौन-सी नहीं है केन्‍द्रानुमुखता
816. एक शिक्षक द्वारा बालक के सभी प्रश्‍नों का उत्‍तर दिया जाता है इससे बालक में विकसित होगी – तर्कशक्ति
817. शिक्षक द्वारा बालक के प्रश्‍नों का उत्‍तर न देने से कुप्रभावित होगा – तार्किक विकास, शैक्षिक विकास, मानसिक विकास
818. सरल प्रत्‍यास्‍मरण पद सम्‍बन्‍धी प्रश्‍न सम्मिलित किये जाते हैं – वस्‍तुनिष्‍ठ परीक्षण में
819. वस्‍तुनिष्‍ठ परीक्षणों के गुणों के रूप में स्‍वीकार किया जाता है – वैधता को, विश्‍वसनीयता को, वस्‍तुनिष्‍ठता को
820. निम्‍नलिखित में कौन-सा तथ्‍य बहिर्दर्शन विधि के दोषों से सम्‍बन्धित है –  निरीक्षणकर्ता का दृष्टिकोण, शंका उत्‍पन्‍न होना, अविश्‍वसनीयता
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